दिल्ली एनसीआर में वीर्य की कमी का इलाज किस डॉक्टर से कराएं?

आजकल पुरुषों में यौन स्वास्थ्य से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं, जिसके कारण पुरुष नपुंसकता की समस्या का शिकार हो रहे हैं। कुछ साल पहले पुरुषों के शुक्राणुओं पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या पहले की तुलना में कम हुई है। जिसे एजूस्पर्मिया या जीरो स्पर्म काउंट के नाम से जाना जाता हैं।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि एज़ोस्पर्मिया क्या होता है। दरअसल यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष के स्खलन (वीर्य) में कोई औसत दर्जे का शुक्राणु नहीं होता है। एज़ोस्पर्मिया पुरुष बांझपन की ओर इशारा करता है। यदि आपको यह समस्या है और आप इसके लिए किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहते हैं तो हम इसमें आपकी मदद करेंगे।

 

 

वीर्य की कमी (एजुस्पर्मिया) क्या है? (What is azoospermia in Hindi)

 

यदि किसी पुरुष के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या शून्य हो जाती है या शुक्राणुओं की उपस्थिति बिल्कुल न का बराबर हो जाती है, तो इस स्थिति को एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है। एज़ूस्पर्मिया पुरुषों में होनी वाली एक बड़ी और गंभीर समस्या है, जो पुरुष को नपुंसक बनाती है। अगर विशेषज्ञों की मानें तो उनके अनुसार, एज़ोस्पर्मिया का सीधा संबंध पुरुष बांझपन से भी है।

 

 

दिल्ली एनसीआर में वीर्य की कमी का इलाज किस डॉक्टर से कराएं? (Doctor for azoospermia treatment in Delhi NCR In Hindi)

 

आप इनमे से किसी भी डॉक्टर से वीर्य की कमी का इलाज करवा सकते हैं:

 

  • डॉ पराग गुप्ता, एमबीबीएस, एमएस – जनरल सर्जरी, एमसीएच – यूरोलॉजी, यूरोलॉजिस्ट, सेक्सोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिकल सर्जन, कुल मिलाकर 24 साल का अनुभव है।

 

  • डॉ अंजनी कुमार अग्रवाल, एमबीबीएस, एमएस – जनरल सर्जरी, एमसीएच – यूरोलॉजी, यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट, कुल मिलाकर 27 साल का अनुभव है।

 

  • डॉ चंद्रकांत कर, एमसीएच – यूरोलॉजी, एमएस – जनरल सर्जरी, एमबीबीएस, यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिकल सर्जन, कुल मिलाकर 24 साल का अनुभव है।

 

  • डॉ पवन केसरवानी, एमबीबीएस, एमएस – जनरल सर्जरी, एमसीएच – यूरोलॉजी, यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट, कुल मिलाकर 26 साल का अनुभव है।

 

यदि आप इनमें से किसी भी डॉक्टर से इलाज करवाना चाहते हैं तो इस व्हाट्सएप (+91 9654030724) नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

वीर्य की कमी (एज़ोस्पर्मिया) का इलाज कैसे किया जाता है? (How is azoospermia treated in Hindi)

 

वीर्य की कमी (एज़ोस्पर्मिया) का इलाज कारण पर निर्भर करता है। आनुवंशिक परीक्षण और परामर्श अक्सर एज़ोस्पर्मिया को समझने और उसका इलाज करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इलाज के तरीकों में शामिल हैं:

यदि कोई वीर्य की नसों में रुकावट है तो आपके डॉक्टर सर्जरी की मदद से इस समस्या को ठीक करेगा। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर रीकंस्ट्रक्ट करके ठीक करेगा।

यह समस्या कई बार हार्मोनल समस्या के कारण भी हो सकती है। ऐसा होने पर आपका डॉक्टर हार्मोन उपचार देगा।

यह वैरिकोसेले के कारण भी हो सकता है यह कम शुक्राणु के उत्पादन का कारण होता है। इस समस्या को सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।

कुछ पुरुषों में व्यापक बायोप्सी के साथ शुक्राणु को सीधे अंडकोष से निकाला जा सकता है। यह तकनीक भी कुछ मरीजों के लिए बहुत ही कारगर साबित होती है।

 

 

वीर्य की कमी के कितने प्रकार होते हैं? (What are the types of azoospermia in Hindi)

 

वीर्य की कमी के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

 

ऑब्सट्रक्टिव एज़ोस्पर्मिया: इस प्रकार के एज़ोस्पर्मिया का मतलब है कि पुरुष के प्रजनन में समस्या होती है। इसके साथ एपिडीडिमिस, वास डिफेरेंस या अन्य जगहों में रुकावट या इसके कनेक्शन में कोई समस्या होती है। दरअसल पुरुष के शरीर में शुक्राणु पैदा तो हो रहे हैं, लेकिन यह बाहर निकलने में कहीं पर रुकावट है।

 

नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एज़ोस्पर्मिया: इस प्रकार के एज़ोस्पर्मिया का मतलब है कि अंडकोष की संरचना या कार्य में कुछ समस्या है या अन्य कारणों से उस व्यक्ति को यह समस्या हो रही है।

 

 

पुरुष प्रजनन प्रणाली के अंग कौन से हैं? (What are the parts of the male reproductive system in Hindi)

 

पुरुष प्रजनन प्रणाली के मुख्य अंगों में शामिल हैं:

 

  • टेस्ट्स, या टेस्टिकल्स

 

  • एपीडीडीमिस (Epididymis)

 

  • सेमिनिफेरोउस टूबूल्स (Seminiferous tubules)

 

  • वास डेफरेंस (Vas deferens)

 

  • सेमिनल वेसिक्ले (Seminal vesicle)

 

  • इजेकुलेटरी डक्ट (Ejaculatory duct)

 

  • युरेथा (Urethra)

 

 

वीर्य की कमी (निल शुक्राणु) के कारण क्या हैं? (What are the causes of azoospermia (nil sperm) in Hindi)

 

वीर्य की कमी को निल शुक्राणु के नाम से भी जाना जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे:

 

  • संक्रमण

 

  • अंडकोष में चोट लगना

 

  • जेनेटिक

 

  • वासेक्टोमी

 

  • सर्जरी

 

  • अधिक शराब, धूम्रपान का सेवन आदि।

 

 

वीर्य की कमी के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of azoospermia in Hindi)

 

यदि किसी व्यक्ति को यह समस्या है तो उसे ये लक्षण देखने को मिल सकते हैं:

 

 

  • अंडकोष में सूजन होना

 

  • पत्‍नी का गर्भधारण में असमर्थ होना

 

  • वीर्य स्खलन में समस्या होना

 

  • अंडकोष में गांठ होना भी एजुस्पर्मिया का लक्षण हो सकता है।

 

 

वीर्य की कमी के लिए डॉक्टर कौन से टेस्ट का सुझाव देते हैं? (What tests do doctors recommend for azoospermia in Hindi)

 

पुरुष प्रजनन क्षमता के कारणों का निदान करना कठिन हो सकता है। सबसे अधिक समस्याएं शुक्राणु उत्पादन या प्रसव के साथ होती हैं। डॉक्टर टेस्ट की शुरुआत शारीरिक परीक्षा से करते हैं। अन्य टेस्ट में शामिल हैं:

 

  • वीर्य विश्लेषण (Semen Analysis)

 

  • ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड

 

  • टेस्टिक्युलर बायोप्सी (Testicular Biopsy)

 

  • हार्मोनल प्रोफाइल

 

 

डॉक्टर इन टेस्ट की रिपोर्ट्स देखने के बाद यह निर्णय लेते हैं की पुरुष के लिए कौन सा इलाज सबसे उपयुक्त है। यदि आपको ऐसी कोई समस्या है तो हम आपको इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज प्राप्त कराएंगे।

 

यदि आप वीर्य की कमी का इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहते हैं या इससे सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी। हम आपका सबसे अच्छे हॉस्पिटल में इलाज कराएंगे।

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