मेटास्टैटिक कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल।

मेटास्टैटिक कैंसर, जिसे अंग्रेजी में “Metastatic cancer” कहा जाता है यह एक गंभीर बीमारी है जो शरीर के एक अंग से दूसरे अंग तक फैलता सकती हैं। यह कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है और फिर इसका असर शरीर के दूसरे अंगों में भी फैलने लगता है। इस प्रकार के कैंसर का मुख्य कारण ट्यूमर होता हैं जब कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुँचती हैं तो यह ट्यूमर विकसित होकर मेटास्टैटिक कैंसर बन जाता है तथा इसके शुरुआत में ही इसका इलाज करवाना अधिक अवश्य होता हैं।

 

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर के लक्षण।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह शरीर के किस हिस्से में फैला है। अलग-अलग हिस्सों पर इसका प्रभाव अलग तरह से नजर आता है। मस्तिष्क में मेटास्टेसाइज़्ड ट्यूमर निम्नलिखित लक्षण से पता चल सकता है जैसे –

 

 

  • चक्कर आना।

 

  • किसी चीज़ को देखने मैं परेशानी होना।

 

  • बोलने की समस्या होना।

 

  • जी मिचलाना।

 

  • चलने-फिरने में कठिनाई होना।

 

  • मामूली चोट के साथ या उसके बिना हड्डी का टूटना।

 

  • पीठ में गंभीर दर्द होना।

 

  • पैर सुन्न होना।

 

  • शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक दर्द होना।

 

  • खाँसी होना।

 

  • छाती में दर्द।

 

  • सांस लेने में कठिनाई होना।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर कैसे फैलता है?

 

 

ट्यूमर के फटने के बाद खून के सहारे यह कैंसर पूरे शरीर में फैलकर सबसे पहले हड्डियों में अपनी जगह बनाता है। इसके बाद यह कैंसर फेफड़ों, लिवर और दिमाग में फैलता है और ये ट्यूमर गर्भाशय, मूत्राशय, बड़ी आंत और ब्रेन बोन की तरफ बढ़ता जाता है। इसलिए जबतक व्यक्ति को मेटास्टैटिक कैंसर का पता चलता है, तब तक वह मेटास्टैटिक स्टेज में पहुंच चुका होता है। इस प्रकार उन्हें पहली बार डायग्नोस करने पर ही मेटास्टैटिक कैंसर (metastatic cancer) होता है। इसके अलावा कई बार मेटास्टैटिक कैंसर का पूरा इलाज करवाने के बाद भी व्यक्ति को फिर से मेटास्टैटिक कैंसर हो सकता है। इसलिए पूरी तरह से कैंसर मुक्त होने के बाद भी हर साल व्यक्ति को फुल बॉडी चेकअप जरूर करवाना चाहिए। इससे आप अपनी किसी भी स्वास्थ्य समस्या को बढ़ने से पहले ही रोक सकते हैं।

 

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर का इलाज।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर का इलाज अक्सर सामान्य ट्यूमर के किए जाने वाले इलाज से अलग होता है। मेटास्टैटिक कैंसर एक बार फैल जाने के बाद इसको कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है। इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कहा और किस शरीर के हिस्से में कितना फैला है, मरीज की उम्र और उसकी मेडिकल हिस्ट्री क्या है। ऐसा कहा जाता है कि, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी से, कुछ मेटास्टैटिक कैंसर में, लंबे समय तक जिंदा रहने की कम संभावना हो सकती है। मेटास्टैटिक कैंसर का पता चलने के बाद उसके इलाज के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। इसके इलाज के तरीके निम्नलिखित है –

 

 

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी का सबसे बड़ा फायदा इसका रिस्पांस टाइम होता है और यह मेटास्टैटिक कैंसर में बहुत अच्छी तरह काम करता है। कीमोथेरेपी हार्मोन थेरेपी के मुकाबले ज्यादा जल्दी ट्यूमर को सुखाती है ताकि कैंसर कोशिकाओं को जितना हो सके उतना नष्ट किया जा सके।

 

 

रेडिएशन

कैंसरयुक्त कोशिकाओं को नष्ट करने और कैंसर को फिर से रोकने के लिए रेडिएशन थेरेपी करने की सलाह दी जाती है। यह दर्द को बहुत हद तक कम करने में भी मदद करता है। कैंसर से कमजोर हुए अंगों में हड्डियों के टूटने के खतरे को कम करता है, और कसी हुई नसों से दबाव कम करता है, जो दर्द या कमजोरी का कारण हो सकते थे।

 

 

सर्जरी

आमतौर पर मेटास्टैटिक कैंसर के कारण स्पाइनल कॉर्ड कंप्रेशन (रीढ़ की हड्डी के संकुचन) से पीड़ित मरीजों के लिए सर्जरी की सलाह दी जाती है। मेटास्टैटिक स्पाइनल कॉर्ड कंप्रेशन के मरीजों को डायरेक्ट डिकंप्रेशिव सर्जरी के साथ पोस्ट ऑपरेटिव रेडियोथेरेपी दी जा सकती है, जिससे कि वो सिर्फ रेडियोथेरेपी दिए जाने वाले मरीजों की तुलना में लंबे समय तक चल-फिर सकें|

 

 

इम्यूनोथेरेपी

सॉलिड ट्यूमर इम्यूनोलॉजी पर दशकों के शोध के बाद, अब इम्यूनोथेरेपी मेटास्टैटिक सॉलिड कैंसर वाले मरीजों पर असर दिखा रही है।

 

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर शरीर में कहाँ-कहाँ फैल सकता है।

 

मेटास्टैटिक कैंसर शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल सकता है। और साथ ही यह कैंसर बड़ी आसानी से हड्डी, (लीवर) और फेफड़ों में फैल सकता है।

 

  • स्तन कैंसर – सीने और मस्तिष्क में फैलता है।

 

  • मूत्राशय कैंसर – हड्डी, लिवर और फेफड़ों में फैलता है।

 

 

  • अंडाशय का कैंसर – लिवर, फेफड़े, और पेरिटोनियम में फैलता है।

 

  • गर्भाशय का कैंसर- हड्डी, लिवर, फेफड़ों, पेरीटोनियम, और वेजाइना में फैलता है।

 

  • कोलोन और रेक्टल कैंसर – लिवर और फेफड़ों में फैलता है।

 

  • फेफड़ों का कैंसर – मस्तिष्क, हड्डियों, लिवर, और एड्रेनल ग्रंथियों में फैलता है।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।

 

 

मेटास्टैटिक कैंसर के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के अच्छे अस्पताल।

 

  • शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
  • बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
  • जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
  • दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा

 

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