मोटापा और धूम्रपान बाधा डालते हैं गठिया के इलाज में जाने इसके आसान उपाए

महिलाओं में मोटापा व पुरुषों में धूम्रपान (Smoking) रुमेटोइड गठिया (Rheumatoid arthritis) में शुरुआती इलाज के बावजूद सुधार नहीं होने के प्रमुख कारक हो सकते हैं। रुमेटोइड गठिया एक पुरानी सूजन की बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के जोड़ों को प्रभावित करती है, जिससे व्यक्ति को दर्द होता है और चलने में दिक्कते आती हैं, ससे आंतरिक अंगों (Internal organs) पर भी असर पड़ता हैं, शोध से पता चलता है कि शुरुआती पहचान व तत्परता से इलाज के जरिए गठिया (Arthritis) के नतीजे में सुधार आता है। लेकिन दिशानिर्देशों के अनुसार, देखभाल के बावजूद पहले साल में छह फीसदी महिलाओं व 38 फीसदी पुरुषों में सुधार नहीं होता है।

 

कनाडा में मैकगिल विश्वविद्यालय के मेडिसिन के प्रोफेसर सुसान बार्टलेट ने कहा, हमारा शोध बताता है कि जीवनशैली (Lifestyle) में बदलाव – पुरुषों में धूम्रपान बंद करना व महिलाओं में वजन में कमी–साथ ही साथ मेथोट्रेक्जेट के इस्तेमाल से तेजी से सूजन घटता है, जो शुरुआती रुमेटोइड गठिया  (Rheumatoid arthritis) के इलाज का जरूरी लक्ष्य है। इस शोध का प्रकाशन एनल्स ऑफ रुमेटिक डिजिजेस (Rumatic Dyiges) नामक पत्रिका में किया गया है। इसमें 1628 वयस्कों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 55 साल है। इससे पता चला हैं की ज्यादा मोटापा होने से महिलाओ में सुधार ना होने की सम्भावना बहुत कम हो जाती हैं।

 

ऑपरेशन के आलावा अन्य उपाए-

 

ज्यादातर लोग घुटने की गठिया (Arthritis) की समस्या से सही समाधान का अर्थ घुटना बदलने यानी ‘नी रिप्लेसमेंट’ (‘knee replacement’) से निकालते हैं। वह बड़ी सरलता से मान लेते की यही पहला और आखरी विकल्प हैं, जबकि हकीकत यह है कि जोड़ों के दर्द (Joints pain) (उम्रदराज गठिया जिसे ऑस्टियो-अर्थराइटिस भी कहते हैं) के मामलों में लगभग 90 प्रतिशत लोगों को घुटना प्रत्यारोपण से संबंधित ऑपरेशन की कोई जरूरत नहीं होती।

 

क्‍या है उपाय-

 

उनके दर्द और मर्ज में कुछ सरल से व्यायामों (Exercises), पौष्टिक भोजन, जीवन शैली (LifeStyle) में परिवर्तन और खासतौर पर शरीर का वजन कम करने से काफी राहत मिल सकती है। 10 प्रतिशत लोगो में किसी 1 को ही घुटने बदलवाने की जरूरत होती हैं, जबकि बाकी लगभग नौ प्रतिशत मरीज घुटने में आए तिरछेपन को एक साधारण सी सर्जरी से सीधा करवाकर स्वस्थ और ताउम्र दर्द रहित जीवन जी सकते हैं।

 

घुटने हमारे शरीर का पूरा भार उठाते हैं और वह भी खड़ी अवस्था में आप अपना वजन जितना घटा लेंगे, आपके घुटने उतनी ही राहत महसूस करेंगे। लंबे समय तक दर्दनिवारक दवाईयों (Painkillers) पर आश्रित रहना कुछ अलग किस्म की समस्याओं को जन्म दे सकता है, इसलिए कोशिश करें कि सही व्यायाम से आपके घुटने और जोड़ गतिशील रहें।

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