नारायण हॉस्पिटल में संगीता ने ओवेरियन कैंसर को हराया

जब मानव शरीर के किसी हिस्से में कोशिकाएं असमान्य रूप से बढ़ती हैं तो उस हिस्से में कैंसर विकसित होता है। ऐसे में शरीर के किसी भी अंग में कैंसर विकसित हो सकते हैं। कैंसर महिलाओं और पुरुषों दोनों में से किसी को भी हो सकता है। महिलाओं में पाई जाने वाली प्रजनन ग्रंथियों को अंडाशय कहते हैं जिसमें यह कैंसर विकसित होता है। यह महिला के अंडाशय में शुरू होता है।  यह प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करता है। फैलोपियन ट्यूब्स की सहायता से ये अंडे गर्भाशय में जाते हैं। गर्भाशय में ये अंडे निषेचित प्रवेश करते हैं और भ्रूण में विकसित होते हैं। आज की इस पेशेंट्स स्टोरी में हम बात करेंगे फरीदाबाद की रहने वाली संगीता के बारे में जिन्होंने ओवेरियन कैंसर को सफलता पूर्वक हराया। आपको बता दें की ओवेरियन कैंसर तीसरा सबसे ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करने वाला कैंसर है।

 

 

ओवेरियन कैंसर के विकसित होने के क्या कारण है? (What causes ovarian cancer to develop in Hindi)

 

 

ओवेरियन कैंसर बढ़ती उम्र की महिलाओं को होने का खतरा अधिक रहता है। यह कैंसर काफी तेजी से विकसित होता है और सही समय पर इलाज न मिलने के कारण महिलाओं की मृत्यु का कारण बनता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, महिलाएं ओवेरियन कैंसर की तीसरे या चौथे स्टेज पर डॉक्टर्स के पास इलाज करवाने के लिए जाती हैं। संगीता भी तीसरी स्टेज में कैंसर का इलाज करवाने पहुंची थी। 

दरअसल ओवेरियन कैंसर का इलाज उसके प्रकार पर निर्भर करता है। संगीता ने बताया कि शुरुआत में उन्हें कभी भी किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं थी। संगीता की उम्र 64 वर्ष है। संगीता को धीरे धीरे उन्हें कब्ज और एब्डोमिनल पेन ज्यादा होने लगा और कुछ समय बाद यह इतना बढ़ गया की उन्हें डॉक्टर से सलाह ली और डॉक्टर ने संगीता को कुछ टेस्ट करवाने के सुझाव दिए जिसमें शामिल थे:

 

  • ट्रान्सवजाइनल अल्ट्रासाउंड (transvaginal ultrasound)

 

  • ब्लड टेस्ट 

 

  • बायोप्सी

 

टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने संगीता को बताया कि उन्हें ओवेरियन कैंसर है। यह सुनने के बाद वह काफी घबरा गई लेकिन उनके परिवार ने इलाज के दौरान उनको पूरा सपोर्ट किया। 

 

 

GoMedii के माध्यम से नारायण हॉस्पिटल में संगीता ने ओवेरियन कैंसर को हराया (Sangeeta Beats Ovarian Cancer at Narayana hospital through GoMedii in Hindi)

 

 

ओवेरियन कैंसर के इलाज के बिना जीवन संभव नहीं है इसलिए इसका इलाज जल्द से जल्द कराना चाहिए। संगीता के परिवार में उनके बेटे ने ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए पहले तो हॉस्पिटल्स में पता किया लेकिन इसका इलाज काफी महंगा था। फिर संगीता के बेटे ने ट्रीटमेंट के लिए ऑनलाइन सर्च करना शुरू किया, जहां से उन्हें GoMedii के बारे में पता चला। GoMedii ऑनलाइन ट्रीटमेंट पार्टनर का काम करता है। संगीता के बेटे ने जब GoMedii से संपर्क किया तो GoMedii ने उन्हें डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्ट कराया। डॉक्टर ने संगीता की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए सलाह दी की उन्हें  गुरग्राम के नारायण हॉस्पिटल में इलाज करवाने की सलाह दी। नारायण हॉस्पिटल में गुणवत्ता, किफायती, और विश्व स्तरीय इलाज प्रदान किया जाता है। 

 

नारायण हेल्थ स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करता है। नारायण में जब संगीता इलाज करवाने पहुंची थी तब उनके ओवेरियन कैंसर की तीसरी स्टेज थी, जिसमें कैंसर की कोशिकाएं पेट तक फैल जाती हैं। दरअसल ओवेरियन कैंसर की चार स्टेज होती हैं। संगीता को एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर था। यह ओवेरियन कैंसर का सबसे आम प्रकार होता है। यह कैंसर उपकला ऊतक में विकसित होता है, एक पतली परत जो अंडाशय के बाहरी परत को कवर करती है। फैलोपियन ट्यूब के अस्तर में कैंसर विकसित हो सकता है या यह पेरिटोनियम में भी शुरू हो सकता है, जो आपके पेट के अंगों को ढकता है।

 

डॉक्टर ने संगीता का इलाज करने के लिए सर्जरी का विकल्प चुना। डॉक्टर ने संगीता की एक ओवेरी को सर्जरी के माध्यम से हटा दिया। इस सर्जरी में प्रभावित अंडाशय और उसकी फैलोपियन ट्यूब को निकाल दिया जाता है। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें कीमोथेरेपी भी दी जिससे उन्हें इसके साइड इफ़ेक्ट भी हुए। संगीता ने बताया कभी-कभी कीमोथेरेपी की वजह से उनके पैरों में झनझनाहट और कमजोरी महसूस होती थी।

 

 

ओवेरियन कैंसर को हारने के बाद संगीता ने GoMedii को दिया धन्यवाद (Sangeeta thanks GoMedii after losing ovarian cancer in Hindi)

 

“संगीता ने कहा यदि आपको पता चले कि आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो बिल्कुल भी घबराएं नहीं सही समय पर इलाज से इस खतरनाक बीमारी को हराया जा सकता है।” संगीता ने डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन किया और कैंसर को हराया। उन्होंने कहा कि GoMedii की टीम ने बिल्कुल उनके परिवार जैसा सपोर्ट दिया और सही समय पर एक बेहतर और किफायती उपचार प्रदान किया। उन्होंने अंत में ये भी कहा कि “किसी भी बीमारी को हारने के लिए इच्छा शक्ति और सकारात्मक दृष्टिकोण होना बहुत जरूरी हैं”। इसके साथ ही संगीता ने कहा कि- ”अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना और साल में कम से कम एक बार अपना मेडिकल चेकअप जरूर कराना चाहिए”।

 

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