रीढ़ की हड्डी में समस्या के कारण, लक्षण और बचाव के उपाए

मानव शरीर में संतुलन बनाए रखने के लिए रीढ़ की हड्डी का होना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बिना जीना बहुत मुश्किल या बिल्कुल असंभव है। यह इंसान के शरीर का स्टेक्टोरे बनाए रखने में उसकी मदद करता है।

 

लेकिन कई बार लोगों को शरीर के इस महत्वपूर्ण हिस्से पर गंभीर समस्या होने लगती है जैसे चोट लगना या कोई भारी चीज उठाने की वजह से इसमें दर्द होने लगता है। ऐसे बहुत से लोग है जिनको ये दर्द कुछ समय के लिए होता है और अपने आप ठीक हो जाता है।

 

 

 

रीढ़ की हड्डी में दर्द का कारण

 

 

  • सीढियाँ का प्रयोग ज्यादा करना : जो लोग बहुत ज्यादा सीढ़ियों का प्रयोग करते है, तब उन लोगों को भी ये समस्या होने लगती है।

 

 

  • अधिक उम्र होना : ज्यादातर ये समस्या बुजर्गो को होती है, क्योंकि एक उम्र के बाद आपकी हड्डिया कमजोर होने लगती है।

 

 

  • अधिक वजन वाली चीजें उठाना : जो लोग बहुत ज्यादा वजन वाली चीजें उठाते है तो उन्हें भी ये समस्या बहुत जल्दी होती है।

 

 

  • उचाई से कूदना : जब आप काफी ऊंची जगह से कूदते है तब आपकी रीढ़ की हड्डी में झटका लगता है जिसकी वजह से ऐसा होता है।

 

 

  • झटके से वजन उठाना : ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है जब वह अचानक किसी भी भारी चीज को उठा लेते है।

 

 

  • अधिक समय तक बैठ कर काम करना : जो लोग पूरे दिन सिटींग जॉब करते है, उन्हें अक्सर ये समस्या होती है। इसकी वजह से उन्हें स्लिप डिस्क होने का भी खतरा रहता है।

 

 

  • अधिक समय तक खड़े रहना : ये समस्या उन लोगों को भी होती है जो लोग बहुत ज्यादा खड़े रह कर काम करते है।

 

 

  • हमेशा लेटे रहना : जो लोग हर काम लेट कर करते है, उन्हें भी ये समस्या बहुत जल्दी होती है। ऐसा करने से उनकी रीढ़ की हड्डी कमजोर होने लगती है।

 

 

 

 

  • गलत ढंग से सोना : ऐसा उन लोगों के साथ भी होता है जो गलत ढंग से सोते है वो लोग बहुत ऊँचा तकिया लगाते है इसकी वजह से भी ऐसा होता है।

 

 

  • अधिक वजन होना : ये समस्या उन लोगों के साथ भी होती है, जिनका वजन बहुत अधिक होता है। इसलिए अपना वजन नियंत्रण में रखें।

 

 

 

रीढ़ की हड्डी में समस्या के लक्षण

 

 

 

  • बैठने में दर्द होना,

 

 

  • कुछ समय बैठने पर रीढ़ की हड्डी का सुन्न होना,

 

 

  • चलने में रीढ़ की हड्डी और कमर में दर्द होना,

 

 

  • खड़े रहने में दर्द होना,

 

 

  • दौड़ने में दर्द महसूस होना,

 

 

  • कमर में अकड़न रहना,

 

 

  • गर्दन से लेकर कमर में दर्द होना,

 

 

  • हल्का सामान उठाने में भी दर्द महसूस होना,

 

 

  • झुक कर कोई भी काम करने में तेज दर्द महसूस होना।

 

 

 

 

रीढ़ की हड्डी की समस्या से बचने के उपाए

 

 

 

 

 

  • बैठते वक़्त इस बात का ध्यान रखें की आपका स्ट्रक्चर सही है या नहीं, क्योंकि इसका सीधा असर आपकी रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है।

 

 

  • वजन उठाते वक़्त हमेशा इस बात का ध्यान रखें की कोई भी चीज झटके से ना उठाए, क्योंकि इसका सीधा असर आपकी रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है।

 

 

  • यदि आपकी जॉब सिटींग या खड़े रह कर करने की है तो अपना पोस्चर का ध्यान रखें।

 

 

  • यदि आप अपना वजन नियंत्रण में नहीं रखेंगे तो इससे भी आपको रीढ़ की हड्डी की समस्या होने की संभावना होती है।

 

 

  • यदि आप बहुत ज्यादा बेड रेस्ट करते है तो ये भी रीढ़ की हड्डी में परेशानी की एक वजह बन सकता है।

 

 

  • रीढ़ की हड्डी की समस्या होने पर अधिक नरम और ठोस बिस्तर पर ना सोएं क्योंकि इसकी वजह से ही लोगों में ये समस्या ज्यादा होती है।

 

 

  • धूम्रपान करने से रीढ़ की हड्डी में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता है।

 

 

 

यदि आपको रीढ़ की हड्डी से जुड़ी किसी भी तहर की समस्या है तो आप एक बार हमारे डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आप अपनी रीढ़ की हड्डी में होने वाली समस्या को नज़रअंदाज़ करेंगे तो ये आपके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है इसकी वजह से आपको रीढ़ की हड्डी का कैंसर तक हो सकता है।

 

एक बार अगर बात कैंसर तक पहुंच जाए तो इस समस्या को हल करना थोड़ा ज्यादा मुश्किल हो जाता है। डॉक्टर इसका इलाज तब करते है जब यह काफी समय से हो रहा हो और वह कितना गंभीर है इन स्थितियों के आधार पर ही डॉक्टर इसका इलाज करते है।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।