बारिश की बजह से फ़ैल रहा है दिमागी बुखार का खतरा जाने इसके बचाव

दिमागी बुखार (brain fever) जिसे अंग्रेजी भाषा में मेनिनजाइटिस (Meningitis) कहते हैं ये मेनिन्जेस में होने वाली सूजन के कारण उत्पन्न होता है. दरअसल मेनिन्जेस तीन झिल्लियां (Membranes) होती हैं, जो मस्तिष्क (Brain) और रीढ़ की हड्डी (spinal cord) को ढककर रखती हैं. मेनिन्जेस के आसपास स्थित तरल पदार्थ के संक्रमित हो जाने पर दिमागी बुखार हो सकता है. इस बीमारी के कई प्रकार हैं, जो बैक्टीरियल, वायरल और फंगल हो सकते हैं. बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस (Bacterial meningitis) गंभीर हो सकता है और लोगों द्वारा एक-दूसरे के निकट संपर्क में आने से फैल सकता है. वायरल मेनिनजाइटिस कम गंभीर होता है और अधिकांश लोग इलाज के बिना पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. फंगल मेनिनजाइटिस (Fungal meningitis) इस रोग का एक दुर्लभ रूप है. यह आमतौर पर उन लोगों में होता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. दिमागी बुखार के दौरान होने वाली सूजन आमतौर पर सिरदर्द, बुखार और गर्दन में अकड़न जैसे लक्षणों को बढ़ा देती है. दिमागी बुखार के कुछ मरीज़ बिना उपचार के कुछ ही हफ़्तों में ठीक हो जाते हैं. अन्य रोगियों की स्थिति गंभीर हो सकती है और उनके लिए एंटीबायोटिक उपचार की तत्काल आवश्यकता होती है. यदि आपको संदेह है कि कोई व्यक्ति दिमागी बुखार से पीड़ित है, तो उसका तत्काल उपचार कराएं.बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस का सही समय पर इलाज करके गंभीर जटिलताओं (Complications) को रोका जा सकता है.

 

दिमागी बुखार के मुख्य लक्षण

 

  • सिर में दर्द होना

 

 

  • हैमीपैरेसिस- शरीर के सभी बाहरी अंगो मे कमजोरी महसूस होना

 

  • मतली या उल्टी लगना

 

  • गर्दन, पीठ और कंधो मे अकड़न

 

  • तेज बुखार और ठण्ड लगना

 

मेनिनजाइटिस के तीन रूप हैं । बैक्टीरियल, वायरल और फंगल। बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस सर्दी-खांसी व जुकाम के संक्रमण से फैलता है । एंटीबायोटिक्स से इसका इलाज किया जाता है। वायरल मेनिनजाइटिस (Viral meningitis) मच्छर के काटने से होता है। साधारण बुखार की तरह इसका उपचार होता है ।
यह ज्यादा खतरनाक बुखार नहीं है । फंगल मेनिनजाइटिस दिमागी बुखार है । कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को यह अधिक होता है।

 

बैकबोन व दिमाग पर प्रभाव

 

मेनिनजाइटिस दिमाग व रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर इनकी मेम्ब्रेन (membrane) में सूजन का कारण बनता है । शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती जाती है । मेनिनजाइटिस सामान्यतया 10-15 दिन में ठीक हो जाता है लेकिन कारगर इलाज न हो तो मृत्यु और लकवा भी हो सकता है।

 

लक्षण :

 

सांस आसमान्य होना, लगातार रोना चेहरे पर छोटे-छोटे दाने, बुखार, उल्टी, गर्दन में अकडऩ, कंपकंपाना,आंखों से पानी बहना और कभी-कभी बेहोशी ।

 

उपचार

 

मच्छरों से बचाव व टीकाकरण (Immunization) ही इस बीमारी का बेहतर इलाज है। इसका टीका काफी प्रभावी है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है । इस तरह के रोगी को अपने शरीर को पूरी तरह आराम देना चाहिए और दिमागी बुखार से प्रभावित व्यक्ति को या बच्चों को ज्यादा तेज रोशनी में ना रखें । जिस कमरे में वह रहे वहां शांति हो व उसमें हल्की रोशनी होनी चाहिए ।

साथ ही डाइट का विशेष ध्यान रखें। लिक्विड डाइट में अनानास, संतरा और मौसमी का जूस ले सकते हैं। ये सिट्रस फू्रट हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

 

बीमारी के कारण

 

  • ज्यादा भीड़-भाड़ में संक्रमित रोगी से संपर्क।

 

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना, एड्स व कैंसर रोगी को यह रोग आसानी से हो जाता है।

 

  • गर्भवती महिलाओं को दिमागी बुखार का खतरा ज्यादा होता है।

 

  • ऐसे बच्चे जिन्हें वैक्सीन न लगाई गई हों, वे अधिक प्रभावित होते हैं।

 

दिमागी बुखार से बचने के उपाय

 

  • यदि आप दिमागी बुखार से बचना चाहते हैं तो उसके लिए आपको जरूरत है साफ-सफाई रखने की। इतना ही नहीं आपको सुअरों को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां दूर-दूर तक मच्छर ना पनप पाएं। इसके लिए आप मच्छर निरोधी मच्छरदानी या कीटनाशक दवा का उपयोग भी कर सकते हैं। जिससे सुअरों के आसपास मच्छरों को पनपने से बचाया जा सकता है।

 

  • यदि आप दिमागी बुखार से पीडि़त व्यक्ति के आसपास ही हैं तो कोशिश करें कि जब भी कुछ खाएं तो अच्छी तरह से हाथ धोकर खाएं।

 

  • दिमागी बुखार पीडि़त व्यक्ति से दूरी बनाए रखें तो अच्‍छा है।

 

  • दिमागी बुखार से बचने के लिए पहले से ही हिमोफिलीस इन्फ्लूएंजा टाइप बी (Haemophilus influenza type B) वैक्सीन लगवा लें जिससे आपका इम्युन सिस्टम (Immune system) इस वायरस से लड़ सकें।

 

  • जंकफूड (junk food) ना खाएं और पौष्टिक खाने को प्राथमिकता दें खासकर विटामिन युक्ति खाघ पदार्थों को।

 

  • अगर आपको फ्लू (flue) हो या फिर हल्का बुखार भी हो तो इसे हल्के में ना लें बल्कि बिना देर किए अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

 

  • बदलते मौसम खासकर सर्दियों में अपने इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाएं। इसके लिए आप नियमित रूप से व्यायाम करें।

 

  • यदि आपके क्षेत्र में दिमागी बुखार फैला हुआ है तो मास्क का प्रयोग करें।

 

  • यदि आपको कानों की कोई समस्या है तो उसका तुरंत इलाज करवाएं। कानों में दर्द या कोई समस्या से भी आप दिमागी बुखार के वायरस की चपेट में आ सकते हैं।

 

  • सामान्य से ज्यादा एल्कोहल का सेवन ना करें, इससे आपमें दिमागी बुखार होने की आशंका सामान्य से दुगुनी बढ़ जाती है।

 

  • खुद तो दिमागी बुखार से बचने के लिए वैक्सीन लें ही साथ ही अपने परिवार के सदस्यों को भी वैक्सीन दिलवाएं और डॉक्टर से वैक्सीन के बारे में सभी जानकारी लें।

 

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