शुगर लेवल
इंसान के ब्लड में मौजूद ग्लूकोस की मात्रा, उस व्यक्ति का शुगर लेवल होता है। शुगर लेवल के बढ़ने या घटने से डायबिटीज होने की सम्भावना होती है। ग्लूकोस हमारे शरीर में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है, जो माँसपेशियों को बनाता है। ग्लूकोस हमारे दिमाग के लिए भी महत्वपूर्ण है, पुरे शरीर के ग्लूकोस का 60% हिस्सा अकेले दिमाग प्रयोग करता है। शुगर लेवल के बारे में जानकारी रखना डायबिटीज प्रबंधन में महत्वपूर्ण होता है। सामन्यत: शुगर लेवल सुबह सबसे कम होता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार भारत में हर 100 मौत में से 3 मौत डायबिटीज की वजह से होती है। सामान्य शुगर लेवल 70-140 के बीच में होता है। हमे ग्लूकोस का अधिकांश भाग हमारे आहार और फलो से मिलता है।
- उपवास में सामान्य शुगर लेवल – 100 ml /dl
- खाने से पहले सामान्य शुगर लेवल – 70 -130 ml /dl
- खाने के बाद सामान्य शुगर लेवल – 180 ml /dl से कम
- सोने के समय सामान्य शुगर लेवल – 100 -140 ml /dl
ब्लड शुगर अधिक होने के नुकसान
ब्लड शुगर को हाइपरग्लेसेमिया नाम से भी जाना जाता है। ब्लड शुगर अधिक होने से टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर अधिक होने के कारण
ब्लड शुगर अधिक होने के कई कारण हो सकते है। जिसमे से कुछ मुख्य कारण हैं
- कार्बोहाइड्रेट- अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करना और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर पदार्थो का सेवन करना। अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से ब्लड शुगर के बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है। जिससे डायबिटीज होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- तनाव- अधिकांश समय तनाव में रहना भी ब्लड शुगर की मात्रा को बढ़ावा देता है।
- शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना- शारीरिक रूप से सक्रीय ना रहना भी ब्लड शुगर के बढ़ने की एक मुख्य वजह है।
- इन्सुलिन नियंत्रण- पर्याप्त इन्सुलिन का उत्पादन ना करना।
ब्लड शुगर अधिक होने के लक्षण
- प्यास ज्यादा लगना
- मुँह का हमेशा सूखा रहना
- थकान महसूस करना
- भूख का बढ़ना
- त्वचा का सूखा हो जाना
- उलझन में रहना
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के उपाय
- ब्लड शुगर: ब्लड शुगर का स्तर हमेशा जांचते रहना चाहिए, जिससे ब्लड शुगर कण्ट्रोल करने में आसानी हो।
- व्यायाम करना एवं शारीरिक रूप से सक्रिय रहना: यह ब्लड शुगर कण्ट्रोल करने का सबसे आसान तरीका है। परन्तु यदि ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा है तो कोई भी व्यायाम करने से पहले चिकित्सीय सलाह अवश्य लें।
- स्वास्थ्यवर्धक आहार: अपने रोजाना आहार में शुगर और कैफीन की मात्रा का कम उपयोग करे या उपयोग करने से बचें, पानी पीने की मात्रा बढ़ाये।
- तनाव नियंत्रित करे: ज्यादा तनाव ना लें और ज्यादा सोचने से बचें।
- अच्छी नींद लें: एक अच्छी नींद आपको तरोताज़ा एवं तनावमुक्त रखती है। इसीलिए रोजाना कम से कम 6 -8 घंटे की नींद जरूर लें।
- चिकित्सीय सलाह लें: डायबिटीज में कोई भी आहार लेने से पहले और कोई भी शारीरिक व्यायाम से पहले चिकित्सीय सलाह अवश्य लें।
- उच्च ब्लड शुगर से होने वाली घातक बीमारी: उच्च ब्लड शुगर से डायबिटीज-1 एवं डायबिटीज-2 जैसी घातक बीमारी होने की सम्भावना बनी रहती है।
- टाइप 2 डायबिटीज: टाइप 2 डायबिटीज शरीर के इन्सुलिन के प्रभावी उपयोग ना करने कारण होता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगो में से अधिकांश लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं। सामान्यतया यह मोटापे और शारीरिक निष्क्रियता के कारण होता है।
- टाइप 1 डायबिटीज: टाइप 1 डायबिटीज में इन्सुलिन की उत्पादकता में कमी आती है। टाइप 1 डायबिटीज होने का सही सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है। अभी तक हुए शोध के अनुसार टाइप 1 डायबिटीज का उपचार संभव नहीं है।
अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो, तो बताये गए उपायों का इस्तेमाल करे, लेकिन इससे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
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