टाइप 2 डायबिटीज क्या है – जाने इसके होने के कारण

 

टाइप 2 डायबिटीज एक बहुत ही गंभीर चिकित्सा स्थिति है। यह डायबिटीज का एक प्रकार है। ज्यादातर यह समस्या वयस्कों में विकसित होती है लेकिन आजकल यह बीमारी हर किसी में देखने को मिल रही है। टाइप 2 डायबिटीज होने के बहुत से कई अन्य कारक है, जैसे की – अधिक वजन या मोटापा होना सबसे बड़ा जोखिम कारक है। टाइप 2 डायबिटीज जानलेवा हो सकता है। लेकिन अगर सावधानी से इसका इलाज किया जाए, तो इस समस्य से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

आइये जानते है टाइप 2 डायबिटीज के बारे में।

 

 

टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण

 

 

 

 

  • अधिक प्‍यास लगना

 

  • बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा होना

 

  • वजन कम होते जाना

 

  • धुंधली दृष्टि

 

  • घावों का धीमी गति से भर पाना

 

  • त्वचा का काला पड़ना

 

  • कोई चोट या घाव लगने पर जल्‍दी ठीक न होना

 

  • डायबिटिक रेटिनोपैथी नामक बीमारी का होना, जिससे आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है

 

 

टाइप 2 डायबिटीज के कारण

 

 

  • इस प्रकार के डायबिटीज के होने का मुख्य कारण प्रीडायबिटीज ही होता है। टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन की क्रिया की प्रतिरोधी(resistant) बन जाती हैं, और जिस कारण अग्न्याशय इस प्रतिरोध को दूर करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है। इसके बाद कोशिकाओं में शुगर जाने के बजाय यह ब्लड स्ट्रीम में बनने लगता है, जो की टाइप 2 डायबिटीज होने का कारण बनता है।

 

  • वजन का अत्यधिक बढ़ना भी टाइप 2 डायबिटीज का कारण होता है।

 

 

टाइप 2 डायबिटीज का निदान

 

 

इसके निदान के लिए निम्न टेस्ट किए जाते हैं, जैसे की –

 

फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) टेस्ट

 

यह टेस्ट कराने से पहले व्यक्ति को कुछ खाने के लिए मना किया जाता है या फिर खाली पेट रहने के करीब 8 घंटे बाद फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का पता लगाने के लिए किया जाता है।

 

 

ओरल ग्लूकोज टॉलिरेंस टेस्ट (OGTT)

 

यह टेस्ट भी खाली पेट किया जाता है। यह टेस्ट करने से दो घंटे पहले मरीज को ग्लूकोज युक्त पेय पदार्थ पिलाया जाता है।

 

 

रैंडम ग्लूकोज टॉलिरेंस टेस्ट

 

इस टेस्ट में डॉक्टर मरीज के रक्त शर्करा (blood sugar ) की 4 बार जांच करते हैं। यदि आपका ब्लड शुगर लेवल दो बार सामान्य से अधिक पाया जाता है तो आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है।

 

 

टाइप 2 डायबिटीज से बचाव

 

 

  • अधिक से अधिक व्यायाम करें। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि बहुत फायदेमंद होता है।

 

  • संतुलित आहार का सेवन करे, जैसे की – साबुत अनाज, फल और सब्जियों से भरपूर आहार शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है।

 

  • प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड से परहेज करे।

 

  • मीठे खाद्य पदार्थ और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें खाने से परहेज करें।

 

  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है इसलिए विटामिन डी की शरीर में कमी न होने दें।

 

  • अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीएं और मीठे एवं सोडा युक्त पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें। संभव हो तो आइसक्रीम भी न खाएं।

 

  • शराब और धूम्रपान के सेवन को सीमित करें। बहुत अधिक शराब वजन बढ़ाने की ओर ले जाती है और आपके रक्तचाप और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकती है। इसलिए, इस आदत को छोड़ना एक अच्छा विचार है।

 

 

टाइप 2 डायबिटीज का इलाज उचित उपचार से किया जा सकता है, जैसे इंसुलिन लेना, स्वस्थ आहार लेना और व्यायाम करना। जो लोग अपने स्वस्थ का ध्यान सही से रखते है और समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते है , वे हमेसा स्वस्थ रहते है। इसलिए किसी तरह की समस्या होने पर तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे और जांच कराये।

 

 

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