यूरिक एसिड की समस्या अक्सर 30 वर्ष के उम्र के बाद होती है। इसमें गठिया में दर्द और सूजन की शिकायत होने लगती है। शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने के कारण भी इस तरह की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। आजकल की जीवनशैली के कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का बढ़ना एक गंभीर रोग बन गया है। अगर आपके ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने लगती है, तो आपको गाउट की शिकायत भी हो सकती है।
शरीर में प्यूरिन के टूटने के बाद यूरिक एसिड बनता है, जो खून के द्वारा बहते हुए किडनी तक पहुंचता है। यूरिक एसिड, शरीर से बाहर, पेशाब के रूप में निकल जाता है। लेकिन, कभी-कभी यह शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है और फिर इसकी मात्रा बढ़ने लगती है। जो की शरीर के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है। इसलिए डॉक्टर का कहना है की समय रहते इसका इलाज करा लेना चाहिए नहीं तो, यह बहुत गंभीर हो सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
प्यूरिन खाने की चीजों में पाया जाता है। शरीर में प्यूरिन के टूटने की वजह से यूरिक एसिड बनने लगता है। खाने के जरिए यह शरीर में पहुंचता है और फिर खून के जरिए किडनी तक। आम तौर पर यह शरीर से बाहर, पेशाब के रूप में निकल जाता है। लेकिन कई बार ऐसा नहीं हो पाता, जिससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बहुत ही अधिक बढ़ने लगती है। जिस वजह से आप में गठिया जैसे रोग होने की भी संभावना बनी रहती है।
- प्रोटीन प्यूरिन और उच्च मात्रा मे शर्करा रक्त मे यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाता है।
- अनुवांशिक।
- उपवास या तेजी से वजन घटना।
- ब्लड में आयरन की मात्रा अधिक होने से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है।
- पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं या डायबिटीज़ की दवाओं के प्रयोग से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है।
- रेड मीट, सी फूड, रेड वाइन, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर,पनीर,भिन्डी,अरबी,चावल आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
यूरिक एसिड के लक्षण
- पैर और हाथों की उंगलियों में दर्द,
- टखनों और घुटनों में दर्द,
- पैरों में दर्द,
- एड़ियों में दर्द ,
- गांठों में सूजन भी हो सकती है,
- शुगर लेवल का बढ़ना,
यूरिक एसिड से बचने के उपचार
भरपूर मात्रा में पानी पियें
अगर आप यूरिक एसिड से परेशान हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप दिन में भरपूर मात्रा में पानी पीएं, क्योंकि पानी यूरिक एसिड को पतला करता है और किडनी को एक्टिव करता है। भरपूर मात्रा में पानी पीने से यूरिक एसिड यूरिन से बाहर हो जाता है।
सेब का सिरका हो सकता है यूरिक एसिड में फायदेमंद
यूरिक एसिड को कम करने में सेब का सिरका बहुत ही मददगार है, क्योंकि सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं। इससे शरीर में यूरिक एसिड नियंत्रित रहता हैं। सेब का सिरका खून में पीएच स्तर को बढ़ा देता है और यह यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है।
यूरिक एसिड को कम करने के लिए अपने आहार में शामिल करे जैतून का तेल
जैतून यानी ऑलिव ऑयल बहुत ही काम की चीज है। आप अपने खाने में जैतून का तेल इस्तेमाल कर यूरिक एसिड की मात्रा को कम कर सकते हैं, क्योंकि जैतून के तेल में विटामिन ई काफी मात्रा में पाया जाता है।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह शरीर में प्राकृतिक अल्कलाइन स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सोडा यूरिक एसिड को और अधिक घुलनशील बना देता है। ऐसा होने पर यूरिक एसिड किडनी के जरिए बाहर आ जाता है। लेकिन, इसे इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। जिन लोगो को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
खूब खाएं टमाटर
खाना खाने से पहले टमाटर, ककड़ी या ब्रोकोली का सेवन करें। यह यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।
यूरिक एसिड की समस्या से बचने के लिए करे इन चीजों से परहेज
- अधिक मात्रा में शराब नहीं पीनी चाहिए।
- अगर आप बीयर का सेवन करते है, तो इसका सेवन न करे, क्योंकि इसमें यीस्ट होता है।
- यूरिक एसिड की समस्या न हो इसलिए रात को सोते समय दूध या दाल न खाएं। अगर खाना ही है तो छिलके वाली दाल खाएं।
- खाना खाते समय पानी न पीएं, खाना खाने से डेढ़ घंटे पहले या बाद में ही पानी पिएं।
- बेकरी प्रोडक्ट्स से बचें। ट्रांस फैट से भरपूर खाना यूरिक ऐसिड का स्तर बढ़ाते हैं, इसलिए बेकरी के उत्पाद जैसे पेस्ट्रीज, कुकीज का सेवन अधिक मात्रा में न करे।
- अपने आहार में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अक्सर हम उन छोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते जो की हमें लगता हैं की यह छोटी समस्या हैं परंतु हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए की हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या छोटी नहीं होती। उसी तरह अगर आपके शरीर में कहीं भी किसी भी तरह की दर्द की समस्या हो रही हो तो उसे नजरअंदाज न करे और तुरंत ही डॉक्टर की सलाह ले। और अपने शरीर की जाँच करवाएं। जिससे बाद में आपको परेशानियों का सामना न करना पड़े और आप स्वस्थ रहे।
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