क्या है वयस्कों में पीलिया के कारण, लक्षण और उपाए

 

पीलिया जिसे अंग्रेजी में जॉन्डिस कहते है। जिस व्यक्ति को पीलिया होता है उस व्यक्ति की त्वचा, आंखें और नाख़ून पीले हो जाते हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसमे केवल परेहज ही इसका एक मात्रा उपाए होता है, जैसे कि यकृत रोग, इसलिए तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है। यह बिलीरुबिन नामक एक पीले पदार्थ के आपके शरीर में बिल्ड-अप के कारण होता है। बिलीरुबिन जो शरीर में तब बनता है जब लाल रक्त कोशिकाओं के हिस्से टूट जाते हैं, और शरीर में इनकी मात्रा बढ़ जाती है। यह ज्यादातर वयस्कों को अपनी चपेट में लेता है क्योंकि बच्चो को बाहर का खाना ज्यादा पसंद होता है और यही सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है।

 

पीलिया होने पर व्यक्ति के लिवर पर बहुत ख़राब असर पढ़ता है। लिवर बिलीरुबिन को रक्त से अपशिष्ट पदार्थ के रूप में लेता है और अपने रासायनिक मेकअप को बदल देता है, ताकि अधिकांश इसे पित्त के रूप में मल के माध्यम से बाहर निकला जा सके। रोग के लक्षणों में त्वचा का पीला रंग और आंखों का पीला होना, गहरा पेशाब और खुजली शामिल हैं।

 

क्या है पीलिया के कारण ?

 

वयस्कों में पीलिया के कारण है बाहर का खाना ज्यादा खाना और फ़ास्ट फ़ूड का ज्यादा खाना, यह बात हम सब जानते है की बाहर के खाने में तेल का उपयोग ज्यादा होता है। पीलिया होने का सबसे बड़ा कारण है ऑयली फ़ूड जो की सबसे ज्यादा हनिकारक होते है।

 

  • तली चीजों का सेवन ज्यादा करना

 

 

  • फ़ास्ट फ़ूड ज्यादा खाना

 

  • गंदा पानी पीना

 

  • हेपेटाइटिस बी

 

  • हेपेटाइटस सी

 

  • हेपेटाइटिस डी

 

  • हेपेटाइटिस ई

 

  • हेपेटाइटिस ए

 

इन सभी टिको को बच्चों को जरूर लगवाए क्योंकि यह टिके भी पीलिया से लड़ने में मददगार साबित होते है। ये काफी हद तक आपको पीलिया होने से बचाते है और कोशिश यही करें की बाहर का खाना कम ही खाए, क्योंकि बहार का खाने से पीलिया होने का खतरा ज्यादा होता है।

क्या है पीलिया के लक्षण ?

 

जब किसी व्यक्ति को पीलिया होता है तो उसे पुरे शरीर में बहुत तेजी से खुजली होने लगती है और रोगी अनिद्रा से पीड़ित हो सकते हैं। पीलिया में समस्याए ज्यादातर पीलिया के कारण ही नहीं होती हैं, बल्कि अंतर्निहित कारण से भी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, पित्त नली की रुकावट पीलिया विटामिन की कमी के कारण निरंतर रक्तस्राव हो सकती है। पीलिया होने पर तेल का सेवन कम से कम तीन महीने के लिए बंद कर दें क्योंकि पीलिया दोबारा भी वापस आ सकता है। अगर आपको पीलिया के लक्षण किसी भी व्यक्ति में दिखते है तो आप हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते है।

 

 

  • व्यक्ति के लिवर में सूजन होना जिसके कारण पेट में दर्द और कुछ पेट के ऊपरी हिस्सो में दर्द होना।

 

  • अचानक शरीर में वजन का घटना

 

 

  • ज्यादातर बुखार रहना

 

  • पीला मल होना

 

  • पिली पेशाब होना और नाखुनो का पीला होना

 

  • पीलिया के कारण शरीर में खुजली होना जिसके कारण मरीज अपनी त्वचा को खरोंच लेते हैं या अनिद्रा का अनुभव करते हैं।

क्या है इसका उपाए

 

हमेशा यही कोशिश करें साफ़ सूत्रा खाने-पीने खाए और इसकी ही आदत डाले

 

पीलिया के दौरान वसायुक्त और तेल युक्त खाद्य पदार्थों से बचें या इसका सेवन कुछ दिन के लिए बंद कर दें

 

गन्ना चूसे या गन्ने का रास पिए कोशिश करें की रस घर में ही निकलकर पिए

 

अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने के लिए तरल पदार्थ और पानी का सेवन करें और दिन में जितना ज्यादा हो सके उतना ग्लूकोस पिए

 

कार्बोहाइड्रेट, आम और पपीता जैसे फल खाएं जो पाचन के अनुकूल हैं और यह लिवर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं

 

ज्यादा शराब के सेवन से बचें

 

हेपेटाइटिस के लिए टीके लगवाएं

 

उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा से पहले मलेरिया को रोकने के लिए दवाएं लें

 

उच्च जोखिम वाले बर्ताव जैसे अंतःशिरा ड्रग उपयोग या असुरक्षित यौन संबंध से बचें

 

ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करें और धुप में बिल्कुल न निकले

 

शारीरिक श्रम बिल्कुल भी न करें

 

पीलिया होने पर हर हफ्ते जाँच कराए

 

पीलिया होने पर घबराने की जरुरत नहीं है बस नियमित रूप से आहार पर ध्यान दें। तली चीजों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें, इससे आपको तुरंत फायदा होगा। शराब के सेवन से बचे क्योंकि पीलिया में शराब का सेवन लिवर को डैमेज कर सकता है और ग्लूकोस का सेवन अधिक मात्रा में करें, रोटी पर घी न लगाए दही का सेवन करें इससे आपको काफी फायदा होगा।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।