विश्व अल्जाइमर दिवस 2018 (World Alzheimer’s Day 2018) : जानें अल्जाइमर रोग के कारण और बचने के उपाय

विश्व अल्जाइमर दिवस 2018 (World Alzheimer’s Day 2018 In Hindi) हर साल 21 सितम्बर को मनाया जाने लगा है। यह दिवस अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया (Dementia) के बारे में जागरूकता प्रसारित करने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2016 में विश्व अल्जाइमर दिवस अभियान का विषय था- “मुझे याद रखें”। इस दिन का उद्देश्य विश्व भर के लोगों को डिमेंशिया के लक्षणों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करना ही नहीं है, अपितु इसका उद्देश्य डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों अथवा इस बीमारी के कारण मृत्यु को प्राप्त होने वाले रोगियों को भी न भूलना है।

 

क्या है अल्जाइमर

 

अल्‍जाइमर मानसिक बीमारी (Mental illness)है जो धीरे-धीरे होती है। इसकी शुरूआत मस्तिष्‍क के स्‍मरण-शक्ति को नियंत्रित करने वाले भाग में होती है और जब यह मस्तिष्‍क के दूसरे हिस्‍से में फैल जाता है तब भावों और व्‍यवहार की क्षमता को प्रभावित करने लगता है। हालांकि अभी तक अल्जाइमर रोग के सही कारण ज्ञात नहीं है लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार, अल्जाइमर रोग शायद आनुवंशिक प्रभाव, जीवन शैली और पर्यावरण कारकों के परिणाम है जोकि समय के साथ मस्तिष्क को प्रभावित करते है।

 

क्या होता है इस बीमारी में

 

यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव (neurodegenerative) बीमारी है, जो मस्तिष्क कोशिकाओं के लगातार नुकसान के कारण होती है. आपको जानकर हैरानी होगी पर दुनिया में हर 3 सेकंड में डिमेंशिया का एक नया मामला सामने आता है.

 

क्यों होता है अल्जाइमर

 

  • यह समस्या मुख्य तौर पर बुजुर्ग लोगों में देखी जाती है. 60 से 85 वर्ग के बुजुर्ग इससे सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं.

 

  • अगर फैमिली हिस्ट्री तो अल्जाइमर होने का खतरा रहता है. अगर परिवार में किसी को अल्जाइमर है तो उस परिवार के बुजुर्ग व्यक्ति को होने का खतरा होता है.

 

  • ये भी देखा गया है कि अल्जाइमर महिलाओं को अधिक होता है. पुरुषों के मुकाबले महिला बुजुर्ग इससे ज्यादा प्रभावित हैं.

 

  • कई मामलों में देखा गया है कि लंबे समय तक स्लीपिंग डिसॉर्डर होने पर ये बीमारी हो सकती है. इसके होने का खतरा ज्यादा हो जाता है.

 

  • लाइफस्टाइल में बदलाव बेहद जरूरी है. डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन स्ट्रोक के कारण भी अल्जाइमर होता है.

 

अल्‍जाइमर के लक्षण

 

  • खुद ही चीजों को रखकर भूलना

 

  • एक ही बात को बार बार दोहराना

 

  • खुद से बात करना

 

  • जानी पहचानी जगहों या अपने ही घर में खो जाना

 

  • रोजाना के आसान कामों को करने में भी दिक्कत महसूस होना

 

  • देर रात को निकल कर घूमना.

 

  • बात करते वक्त सामने वाले व्यक्ति को घूरना.

 

  • काम ना करने पर भी ऐसा लगना कि वह काम हमने कर दिया है

 

  • छोटी छोटी बातों पर चौंक जाना.

 

अल्जाइमर से बचाव के लिए उपाय

 

अल्जाइमर रोग होने पर मस्तिष्क में एसिटाइल कोलिन की कमी हो जाती है इसलिए इस रोग को गंभीर होने से बचाने के लिए ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिनसे एसिटाइल कोलिन (Acetyl colin) का लेवल कण्ट्रोल में रहे। इस बीमारी के सफल उपचार के लिए ये जरुरी है कि इसका पता जल्द से जल्द शुरुआती स्तर पर ही लग जाए।

 

आहार में शामिल करें ये चीजें

 

रिसर्च के अनुसार, 40 साल की उम्र के बाद अपने आहार में टमाटर, बादाम, जौ और मछली जैसी चीजें शामिल करें ताकि मस्तिष्क की कोशिकाएं स्वस्थ बनी रहें।

 

नियमित रूप से पढ़ते-लिखते रहें

 

दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए ये जरुरी है कि दिमाग को नियमित रूप से काम में लिया जाये। अमेरिका में हुयी शोध के अनुसार, नियमित रूप से पढ़ने-लिखने और शतरंज जैसे खेल खेलने से दिमाग ज़्यादा दुरुस्त रहता है।

 

झपकी लेना रहेगा फायदेमंद

 

अगर आप भी दिन में झपकी लेते हैं तो ये आपके दिमाग के लिए फायदेमंद हो सकता है और ये बात साइंटिफिक रिसर्च से भी साबित हो गयी है कि दिन में एक बार झपकी लेने वाले छात्रों की सीखने की क्षमता बढ़ जाती है जबकि दिनभर जागने वाले छात्रों की सीखने की क्षमता में धीरे-धीरे कमी आने लगती है।

 

मानसिक व्यायाम करें

 

मस्तिष्क को मजबूत बनाने के लिए मानसिक व्यायाम करना चाहिए। इसके लिए कोई नयी भाषा सीखी जा सकती है और ब्रेन गेम जैसे क्रॉस वर्ड और सुडोकू खेला जा सकता है। शतरंज जैसे चैलेंजिंग गेम खेलने से भी मेन्टल एक्सरसाइज होती है।

 

इसके अलावा धूम्रपान जैसी आदतों से दूर रहना भी अल्जाइमर से बचाव के लिए जरुरी है।

 

दोस्तों, अब आप जान चुके हैं कि अल्जाइमर रोग दिमाग से जुड़ा एक मानसिक रोग है जिसमें याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही आप इसके कारण और इससे बचाव के तरीके भी जान चुके हैं इसलिए अपने दिमाग के स्वास्थ्य का ख्याल रखिये ताकि आपकी याद्दाश्त से कोई भी खट्टी-मीठी याद धुंधली ना हो सके।

 

किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले। हमने आपसे सिर्फ ज्ञानवर्धक जानकारी साझा की है। कोई भी प्रयोग आजमाने से पहले अपनी सूझ-बुझ का इस्तेमाल जरूर करे। सदैव खुश रहे और स्वस्थ रहे।

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