इंसान के शरीर में 230 हार्मोन्स होते है जो अलग-अलग क्रियाओं के लिए काम करते है। आज हम शरीर के हार्मोन असंतुलन के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में बात करेंगे। और जानेंगे कि इसके बिगड़ने से इंसान के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। वैसे तो हार्मोन में असंतुलन तब आता है जब कोई इंसान की जीवनशैली ख़राब होती है। उसका खान-पान सही नहीं और पौष्टिक नहीं होता है। वह टाइम पर सोता नहीं है और टाइम पर उठता नहीं है। यह सारी वजह भी इंसान के शरीर में हार्मोन्स के बिगड़ने को बढ़ावा देती है।
क्या होते है हार्मोन ?
इंसान के शरीर में हार्मोन बनने वाले एक तरह का केमिकल होता है, जो इंसान में प्रवाह हो रहे रक्त के माध्यम से शरीर के अंगो तक पहुँचता है। यह शरीर में एंडोक्राइन ग्रंथियों से स्रावित होते हैं। तथा शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं को प्रभावित करते हैं, जैसे शरीर का विकास, मेटाबॉलिज्म (Metabolism), यौन गतिविधियाँ, प्रजनन और मूड स्विंग्स (Mood Swing) आदि। इन क्रियाओं में हार्मोन की मुख्य भूमिका होती है। सामान्य भाषा में कहे तो जब ब्लडस्ट्रीम में हार्मोन बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है तो इस स्थिति को हम हार्मोन असंतुलन कहते हैं। इंसान के शरीर में हार्मोन की सूक्ष्म मात्रा भी अधिक प्रभावशाली होती है, इन्हें शरीर में अधिक समय तक संचित नहीं रखा जा सकता है।
हार्मोन असंतुलन के लक्षण ?
कब्ज और दस्त : जब कभी-कभार आप ज्यादा खाना खा लेते है या कोई फ़ूड एलर्जी हो जाती है तो उसकी वजह से भी आपको कब्ज या दस्त होने लगते है, और ये आम बात है। लेकिन हार्मोन असंतुलन के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
पूरी नींद न लेना : जब कोई इंसान अपनी नींद पूरी नहीं करता है तो उसकी वजह से भी उसके हार्मोन्स में बदलवा आता है।
वजन बढ़ना : जब कोई व्यक्ति ज्यादा मोटा होता है तो ये भी उसके हार्मोन्स में असंतुलन होने के लक्षण होते है। क्योंकि यह उसके अनियमित खाना-पान के कारण होता है।
थकान : यदि किसी इंसान को हर व़क्त थकान महसूस होती है तो ये उसके हार्मोंस का संतुलन ठीक नहीं होने को दर्शाता है। आपको तुरंत अपनी डायट में बदलाव लाना चाहिए, जैसे- गेहूं व अनाज से दूर रहें, इससे बहुत फ़र्क़ पड़ेगा।
चिड़चिड़ापन : शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन होने का एक कारण इंसान का चिड़चिड़ापन भी है, जब वह किसी काम को नहीं कर पाता है या उस पर दबाव बनाया जाता है तो उसका स्वाभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
तनाव : तनाव जो की कई बीमारियों का कारण होता है, यह भी तब होता है जब आपके शरीर में मौजूद हार्मोन्स में बदलाव होता है।
यूरिन में कमी : जब आपको यूरिन करने में परेशानी होती है तो ये भी हार्मोन में बदलाव के कारण होती है।
हार्मोन असंतुलन के कारण
- चोट लगना
- पौष्टिक आहार न लेना
- व्यायाम न करना
- हाई ब्लड प्रेशर
- खराब स्वास्थ
हार्मोन असंतुलन से बचाव
दही : दही आपके दिमाग को फ्रेश रखने में मदद करता है यह आपके शरीर में अच्छे बैक्टीरया का संतुलन बनाए रखता है।
जैतून का तेल : यदि आप जैतून के तेल का इस्तेमाल अपने खाने में करेंगे तो इससे आपके शरीर में मौजूद हार्मोन संतुलित रहेंगे।
ग्रीन टी : यह आपके शरीर में मौजूद हार्मोन्स को नियंत्रित रखती है, दिन में एक बार इसका सेवन जरूर करें। इससे आपका चयपाचय (Metabolism) अच्छा रहता है।
अलसी के बीज : इसमें अच्छी मात्रा में ओमेगा-3 (Omega 3) Fatty acids होते हैं। ओमेगा-3 (Omega 3) Fatty acids हार्मोन बनाने में मदद करता है। यह पुरष और महिलाओं दोनों के लिए अच्छा होता है।
गाजर : इसमें एक अलग तरह का फाइबर होता है जो अतिरिक्त एस्ट्रोजेन को शरीर से बाहर निकालता है। आपको बता दें की गाजर में फैट न के बराबर होता है और इसमें सोडयम (Sodium), पोटैशियम (Potassium), कार्बोहाइड्रेड (Carbohydrates), प्रोटीन (Protein), विटामिन ए (Vitamin A), डी (D), सी (C), बी6 (B6) आदि पाए जाते हैं।
मछली : सी फ़ूड (Sea Food) और टूना फिश अपने आहार में जरूर शामिल करें, दरअसल इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 (Omega 3) होता है जो इंसान के हार्मोन को नियंत्रित रखते है।
इंसान के शरीर में हार्मोन असंतुलन से कैसे बचे ये सिर्फ आपके हाथों में है। आपके शरीर में बीमारिया तभी होती है जब आपके शरीर के अच्छे हार्मोन कम होने लगते है। और आपका शरीर बीमारियों का घर बनने लगता है। तो ऐसे में आप डॉक्टर से सलाह ले सकते है। नहीं तो आप इससे बचाव के उपायों भी कर सकते है।
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