अक्सर लोग अपने गलत खाने-पीने की आदतों से परेशान रहते है। उसके बाद न समय पर सोते है न जागते है, अगर आप भी ऐसा करते है तो आपको डिटॉक्स आहार लेने की आवश्यकता है। यदि आपको लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठने और एक्सरसाइज न करने, जैसी कई तरह की आदते है तो आपको बता दें की ऐसा करने से इंसान के शरीर में टॉक्सिन यानी विषैले पदार्थ इकट्ठे हो जाते हैं। लेकिन आपको शायद ये नहीं मालूम होगा की इससे उस इंसान का शरीर अंदर से कमजोर होने लगता है और तो और शरीर में कई बीमारिया भी पैदा होने लगती है।
डिटॉक्सिफिकेशन क्या होता है ?
आप जो भी चीजें रोजाना खाते है उससे आपके शरीर में कई तरह के टॉक्सिन इकठ्ठा हो जाते है। ये आपकी बॉडी के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इसीलिए जरुरी है की आप डिटॉक्स आहार लें। जिससे आपका रक्त शुद्ध रहेगा और आपकी बॉडी टॉक्सिन फ्री रहेगी। डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification) से लिवर में मौजूद रक्त भी साफ हो जाता है। इससे आपके पूरे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते है और आपके शरीर में गंदगी नहीं रहती।
शरीर को कब होती है डिटॉक्सिफिकेशन की जरुरत ?
- पौष्टिक भोजन की कमी
- शराब का सेवन
- ज्यादा बीमार रहना
- त्वचा संबंधी समस्या
- मोटापा बढ़ना
- अनियमित जीवनशैली
कौन से होते है डिटॉक्स आहार ?
नारियल पानी
आज कल ताजा हरा नारियल सब जगह आसानी से मिल जाता है। आपको बता दें की इसमें कई तरह के इलेक्ट्रोलाइट्स (Electrolytes) और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकाल कर शरीर को साफ रखते हैं। नारियल पानी में बड़ी मात्रा में शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने की क्षमता होती है।
पालक
पालक में भरपूर मात्रा में आयरन (Iron) होता है जो किसी भी व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है। साथ ही इसमें डिटॉक्सिफाइंग (Detoxifying) का गुण भी बड़ी मात्रा में होता है। आप चाहें तो पालक को सब्जी अथवा सूप के रूप में ले सकते हैं। पालक के पत्तों का सूप बनाकर पीए, इसके लिए आप टमाटर और चुकंदर का इस्तेमाल भी कर सकते है।
ग्रीन टी
जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्या रहती है उन्हें ग्रीन टी (Green tea) का सेवन जरूर करना चाहिए, इससे आपको नींद भी अच्छी आएगी। ये चाय शरीर में रक्त संचार को भी बढ़ाती है, और शरीर से विषैले तत्वों को हटाने में काफी मददगार होती हैं।
पुदीना
पुदीना शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification) में मदद करता है। आप पुदीने को पानी में उबाल ले और ठंडा होने पर उसमें नींबू की कुछ बूंदे डालकर पीए। आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें काली मिर्च और नमक भी डाल सकते हैं। ये शरीर में मौजूद टॉक्सिन (Toxin) को आसानी से बाहर निकालता है।
मौसमी फल
यदि आप अपने शरीर का ध्यान रखना चाहते है तो आप सभी मौसमी फलों का सेवन करें, इससे आपका शरीर सभी रोगों से बचा रहेगा और आप ताजा महसूस करेंगे। ये आपके शरीर को डिटॉक्स (Detox) रखने में भी मदद करेंगे।
ज्यादा मात्रा में पानी पीए
अगर आप अधिक मात्रा में पानी पीते है तो इससे आपके शरीर में टॉक्सिन (Toxin) इकठ्ठा होने से पहले ही बाहर निकल जाएंगे। दिन में कम से कम 12 से 15 गिलास पानी का सेवन करें।
ब्रोकली और फूलगोभी
ये दोनों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। फाइबर (Fiber) शरीर से टॉक्सिन (Toxin) को बाहर निकालने में मदद करती है। यदि आपके घर के आस-पास ये आसानी से मिल जाती है, तो आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
नियमित एक्सरसाइज करें
आप नियमित रूप से योग या एक्सरसाइज (excercise) करते है तो इससे भी आपका शरीर हिट और फिट रहता है। आप हमेशा रोगों से दूर रहते है। ये आपको मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से स्वस्थ रखने में मदद करता है।
चीनी का सेवन बंद कर दें
यदि आप अपने शरीर को बिल्कुल स्वस्थ रखना चाहते है, तो अच्छा होगा की आप चीनी का सेवन बंद कर दें। जिन लोगों को डायबिटीज रहती है उन्हें चीनी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। सभी तरह की डिब्बा बंद चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर दें क्योंकि ज्यादातर डिब्बा बंद चीजों में शुगर होती है।
आज कल की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य खुद को स्वस्थ रखने के लिए खुद को ही समय नहीं दें पता है। जिसकी वजह से उसके शरीर में कई बीमारिया होने लगती है। यदि आप खुद को बीमारियों से बचाना चाहते है तो जरुरी है की आप खुद को समय दें और अपनी सेहत का ध्यान रखें। यदि आपको शरीर से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है तो आप हमारे डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते है।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।