धूम्रपान और मधुमेह, क्या है इसके पीछे के कारण

 

ये तो आप जानते है की मधुमेह कितनी खतरनाक बीमारी है ये किसी भी व्यक्ति को धीरे-धीरे मारती है और मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति का शरीर कई और बिमारियों का घर बन सकता है जैसे वंशानुगत, उम्र, तनाव, उच्च रक्तचाप, मोटापा, सुस्त जीवनशैली आदि यह सभी बीमारिया मधुमेह होने के बाद आपकी मुश्किलें और बढ़ा सकता है। हम सभी जानते हैं कि जिस व्यक्ति को मधुमेह होता हैं उसकी सेहत के लिए धूम्रपान करना  बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। आपको शायद ये नहीं मालूम होगा की जब मधुमेह और धूम्रपान को एक साथ मिलाया जाता है तो दोनों का मिश्रण सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होता है और इससे कई अन्य बीमारी होने के खतरे भी बढ़ जाते हैं।

 

जैसे स्ट्रोक, दिल का दौरा, गुर्दे की क्षति, आंखों की क्षति, मानसिक बीमारी, मस्तिष्क का लकवा, पैरों का अल्सर आदि। दूसरे शब्दों में, यह इंसान के लिए जल्दी मौत का निमंत्रण देने जैसा है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं और आप धूम्रपान भी करते हैं तो आपको किसी भी समय दिल का दौरा पड़ सकता है।

 

 

धूम्रपान से मधुमेह वाले व्यक्ति के पूरे शरीर पर पड़ता है बुरा असर

 

धूम्रपान से आँखों पर बुरा असर : धूम्रपान करने वालों की आंखों को तंबाकू के जहरीले धुएं में मौजूद रसायन आँखों की सेल्स को क्षतिग्रस्त कर सकता हैं। धूम्रपान का धुआँ मधुमेह के व्यक्ति की आँखों की नमी और गीलेपन को सुखा देता है और धुएं में मौजूद कारबन पार्टीकल्स आपकी पलकों पर जमा होने लगते हैं, इससे भी आंखों की नमी और गीलापन खत्म हो सकता है।

 

धूम्रपान से बढ़ती है शुगर : मधुमेह का रोगी हमेशा खून में शक्कर के स्तर को कम रखने की कोशिश करता है, परंतु इसके विपरीत धूम्रपान व्यापक तौर पर खून में शक्कर की मात्रा को बढ़ा देता है। फिर दवा भी इसके असर को कम नहीं कर पाती है इसलिए धम्रपान न ही करें।

 

धूम्रपान बढ़ाता है रक्तचाप : धूम्रपान करने से रक्तचाप भी बढ़ता है। वही सभी आयु वर्ग के लोगों को बहुत सारी बीमारियों से प्रभावित करने वाला मुख्य कारण तंबाकू ही है। डब्ल्यूएचओ (WHO ) डेटा द्वारा यह बात स्पष्ट तौर पर बताई गई है कि तंबाकू का अधिक सेवन करने वाले लगभग छह लाख लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष होती हैं।

 

धूम्रपान बढ़ाता है डिप्रेशन : जब व्यक्ति डिप्रेस महसूस करता है तभी वह धूम्रपान करने की सोचता है जिसके बाद उस व्यक्ति को धूम्रपान करने की लत लग जाती है। वैसे भी मधुमेह वाले व्यक्ति के लिए डिप्रेशन में रहना ज्यादा नुकसान दायक होता है।

 

धूम्रपान से रक्त नली का सिकुड़ना : सिगरेट का धुआँ जब आपके शरीर में जाता है तब वह सबसे ज्यादा आपके फेफड़ो को भी नुकसान पहुंचता है और जब रक्तनलिका सिकुड़ जाती है तब उनमें बहने वाले खून की मात्रा कम हो जाती है। इस कारण वैस्क्यूलर डिजीज हो सकती है, जो कि पैरों के अल्सर को बढ़ावा देती है और इसके संक्रमण में सहायक होती है।

 

धूम्रपान से मधुमेह का खतरा बढ़ता है : जिन्हें मधुमेह नहीं भी है अगर वो लोग भी धूम्रपान करते है तो उन्हें भी मधुमेह होने का खतरा  बढ़ता है। वैसे तो धूम्रपान पूरे शरीर के लिए ही हानिकारक होता है तो इससे बचे।

 

धूम्रपान करता है पाचनतंत्र ख़राब : अत्यधिक सिगरेट पीने से, आपके पेट और आंत में क्रमश: जलन और सूजन भी हो सकती है, जिससे आपका पाचन तंत्र में अल्सर हो सकता है, अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान नहीं करने वालों के मुकाबले धूम्रपान करने वाले ज्यादा पेट और आंत के कैंसर से ग्रस्त होते हैं।

 

धूम्रपान से बढ़ता है हृदय रोग : धूम्रपान हृदय संबंधी बीमारियों जैसे दिल का दौरा, हृदय-धमनी रोग का मुख्य कारण है, जो किसी व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक कदम पर प्रभावित करता है। हृदय की बीमारी से होनेवाली लगभग 20% मौत का कारण धूम्रपान की लत होती है। धूम्रपान के कारण हृदय में जमा निकोटिन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे साँस लेने में भी दिक्कत होने लगती है।

 

वैसे तो धूम्रपान दुनिया भर में होनेवाली अनेक मौतों का सबसे बड़ा और निरोध्य कारणों में से एक है। इतना ही नहीं यह आस-पास के लोगो के लिए भी बहुत हानिकारक होता है। तंबाकू की खपत को सीमित करने के लिए, कठोर उपाय, विशेष रूप से दुनियाभर के युवाओं के लिए किया जाना बहुत ही आवश्यक है। जिस व्यक्ति को मधुमेह है उसके लिए तो यह सुसाइड के जैसा ही है। धूम्रपान करने से और भी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। तो इसलिए धूम्रपान न करें।

 

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