जाने किडनी सिकुड़ने का बेहतरीन इलाज

आज के दौर में लोग सेहत को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। लेकिन बुरी आदतों के कारण उनकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाती है। हमारी व्यस्त जीवनशैली के कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें से एक है किडनी की समस्या। लगातार काम, तनाव और फास्ट फूड खाने से किडनी पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा नींद की कमी, शराब का सेवन, धूम्रपान और व्यायाम न करने से भी किडनी पर बहुत बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक धूम्रपान, मधुमेह और उच्च रक्तचाप किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। कुछ सामान्य आदतें हैं जो आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए इनसे बचने का प्रयास करना चाहिए। इतना ही नहीं, स्वस्थ आदतें और अनुशासित जीवनशैली अपनाकर किडनी को स्वस्थ रखा जा सकता है।

 

 

 

किडनी सिकुड़ना क्या है ? (What is kidney shrinkage in Hindi)

 

 

एक व्यक्ति को किडनी से जुडी कई बीमारियाँ हो सकती हैं, जिनमें किडनी का सिकुड़ना अत्यंत गंभीर है। किडनी के सिकुड़ने का मतलब है बहुत सारी मुसीबतों का एक साथ आना। नेफ्रॉन के दब जाने के कारण किडनी का आकार छोटा हो जाता है, जिसके कारण किडनी अपने कार्यों को करने में असमर्थ हो जाती है। किडनी की यह स्थिति किडनी की विफलता के समान है। ऐसे में किडनी विषैले पदार्थों को फिल्टर करके पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकालने में सक्षम नहीं होती है। जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति के खून में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने लगती है और उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

 

 

 

किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली आदत? (Kidney ko nuksaan pahuchane Wali aadat Kya Hain in Hindi)

 

 

पेनकिलर्स

कई बीमारियों के लिए पेनकिलर्स का इस्तेमाल करना कम कर दें। पेनकिलर्स पर जरूरत से ज्यादा डिपेंड रहने या ऐसी गोलियों को बार-बार खाने से आपकी किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। पेनकिलर्स दर्द को कम करने का काम करती हैं। इसलिए ऐसी दवाओं को खाने की आदत ना डालें। जरूरत पड़ने पर पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लें।

 

ज्यादा नमक का सेवन

अगर आप भी ज्यादा नमक का सेवन करना पसंद करते हैं, तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल दें। ज्यादा नमक का सेवन आपके ब्लड प्रेशर का लेवल हाई रख सकता है। जिसके कारण किडनी खराब हो जाती है। इतना ही नहीं बाजार में मिलने वाले चिप्स और फ्राइज खाने से भी बचें| जिसके कारण किडनी खराब हो जाती है। इतना ही नहीं बाजार में मिलने वाले चिप्स और फ्राइज खाने से भी बचें।

 

 

कम पानी पीना

शरीर को ना सिर्फ हाइड्रेट रखने के लिए बल्कि अन्य अंगों को ठीक तरीके से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। पानी किडनी की पथरी से भी बचाता है। इसलिए, जितना संभव हो उतना पीने की सलाह दी जाती है।

 

 

जरूरत से ज्यादा शुगर

काफी लोगों को मीठा खाना बेहद पसंद होता है। अपनी इस पसंद के चलते वो जरूरत से ज्यादा शुगर को इनटेक कर लेते हैं। इससे डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर का खतरा बढ़ सकता है ओर किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। शुगर युक्त ड्रिंक्स, मसाले, नाश्ते में अनाज और सफेद ब्रेड खाने से बचें। इन सभी में शुगर जरूरत से ज्यादा होता है।

 

 

जरूरत से ज्यादा नॉनवेज खाना

ज्यादा नॉनवेज खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। हालांकि हमारे शरीर को प्रोटीन की जरूरत होती है, जिसे पूरा करने के लिए नॉनवेज की जगह फल और सब्जियों का चुनाव किया जा सकता है। इसके अलावा अपनी डाइट को बैलेंस रखने की कोशिश करें।

 

 

किडनी की बीमारी से बचने के लिए इन लक्षणों से सावधान रहें

 

  • बार-बार यूरिन पास करना।
  • यूरिन में खून आना और झाग आना।
  • सांस लेने में परेशानी होना।
  • हाई ब्लडप्रेशर की समस्या।
  • भूख ना लगना।
  • थका हुआ महसूस होना।
  • शरीर में एनर्जी कम होना और एकग्रता में कमी होना।
  • स्किन में ड्राईनेस और इचिंग होना।
  • सोने में परेशानी या नींद पूरी ना होना।

 

यदि आप चाहते हैं कि किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े तो तुरंत अपनी सामान्य आदतें बदल लें। इसके अलावा जीवनशैली और खान-पान में किए गए छोटे-छोटे बदलाव आपको किडनी की बीमारी से दूर रखेंगे।

 

 

जाने किडनी सिकुड़ने का सही इलाज। (kidney shrinkage treatment in Hindi)

 

 

गिलोय (Giloy)

इस बेल के तने, पत्तियों और जड़ का उपयोग रस या सार निकालने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग विशेष रूप से गठिया, सूजाक, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, तेज बुखार, रक्त विकार, मूत्र विकार, डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यह किडनी की सफाई के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है, यह स्वाद में कड़वा होता है लेकिन त्रिदोषनाशक (वात, पित्त, कफ रूप) होता है।

 

 

अश्वगंधा (Ashwagandha)
अश्वगंधा की जड़ को सुखाकर उसके चूर्ण का प्रयोग किया जाता है। इस पाउडर को उबालकर एसेंस का उपयोग किया जाता है, या फिर आप इसे गर्म पानी के साथ भी उपयोग कर सकते हैं। अश्वगंधा चूर्ण रक्त विकार, उच्च रक्तचाप, मूत्र विकार जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद करता है। इन सभी समस्याओं से राहत मिलने के बाद व्यक्ति की किडनी सिकुड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है। इसके अलावा यह वापस ऊर्जा देकर लंबी उम्र का वरदान देता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी शुक्राणुओं में वृद्धि होती है।

 

 

मकोय (Makoy)
किडनी सिकुड़न से पीड़ित लोगों को इस फल का पूरा पौधा लेकर उसका फल तोड़ लेना चाहिए। फलों को अच्छी तरह धोकर सारा रस निकाल लें। आप चाहें तो इस प्रक्रिया को रोजाना भी कर सकते हैं। दिन में दो बार 20 मिलीलीटर का सेवन करें। यह काम लगातार 3 महीने तक करते रहें, 3 महीने बाद आपको जाकर सोनोग्राफी करानी चाहिए, आपकी किडनी का सिकुड़न सही हो जाएगा। आपको बता दें कि इस फल का अर्क बाजार में भी उपलब्ध है।

 

 

त्रिफला (Triphala)
त्रिफला तीन आवश्यक कायाकल्प करने वाली जड़ी-बूटियों का संयोजन, त्रिफला किडनी के सभी प्राकृतिक कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह लीवर और किडनी को मजबूत बनाता है। त्रिफला के तीन फलों में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जैसे फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोल्स, सैपोनिन, विटामिन सी (vitamin C)और बहुत कुछ। एंटीऑक्सीडेंट(Antioxidant) शरीर में मुक्त कणों से लड़ने, सूजन को कम करने के साथ-साथ मधुमेह(diabetes), हृदय रोग (heart disease) और अन्य जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

ब्राह्मी (Bramhi)
आयुर्वेद के अनुसार ब्राह्मी बुद्धिवर्धक, पित्त शामक, याददाश्त बढ़ाने वाली, शीतल प्रभाव वाली और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने वाली होती है। यह किडनी के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है और कफ को दूर करने के अलावा, रक्त को शुद्ध करके त्वचा रोगों में भी फायदेमंद होता है। ब्राह्मी के पत्तों का चूर्ण मानसिक रोगों में लाभकारी होता है। हृदय की कमजोरी में इसका प्रयोग सर्वोत्तम है। ब्राह्मी इंटीग्रैंट को किडनी की दवा बनाने में भी शामिल किया जाता है और यह किडनी के मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हुई है।

 

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