आप ये तो जानते ही होंगे की इंसान के शरीर का दूसरा सबसे एहम अंग है लिवर। आपके गलत खान पान की आदतों से इसके आस-पास फैट जमा हो जाता है। जब इसके सेल्स में बहुत अधिक फैट जमा हो जाता है तो इस स्थिति में लिवर में सूजन होने लगती है और लिवर सिकुड़ने लगता है। आपको बता दें की लिवर आपके चयपाचय को अच्छा रखता है और आपको कई बीमारियों से बचाता है।
नॉन एलकोहॉलिक फैटी लीवर क्या है?
नॉन एलकोहॉलिक फैटी लीवर (Nonalcoholic Fatty Liver) तब होता है जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा नशीली दवाओं का सेवन करता है। आपको बता दें की यह सच है कि जब कोई भी व्यक्ति दवाओं का अधिक सेवन करता है तो उसे फैटी लिवर होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप शराब नहीं पीते हैं, तो आपको यह बीमारी नहीं होगी। आजकल लोगों की गलत जीवनशैली ही उन्हें कई बीमारियों का शिकार बना रही है। जिनमें शामिल है हृदय, किडनी और लिवर जैसी बीमारी, जो आज के समय में बहुत तेजी से बढ़ रही है। नॉन एलकोहॉलिक फैटी लीवर सभी लीवर संबंधित बीमारियों में प्रमुख है क्योंकि दुनिया भर में लाखों लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर के लक्षण
वजन कम होना : अगर किसी व्यक्ति का वजन अचानक बहुत कम होने लगे तो उसे डॉक्टर से जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह फैटी लिवर के लक्षण हो सकता है।
त्वचा और आंखों का पीला पड़ना : इस स्थिति में उस व्यक्ति की त्वचा और आंखें पीली होने लगती हैं। ऐसा पीलिया होने पर भी होता है।
पेट पर सूजन : इस समस्या में, कुछ लोगों को पेट में दर्द के साथ-साथ सूजन भी होती है। यदि किसी व्यक्ति के पेट में सूजन है, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
हथेलियां लाल होना : अक्सर जिन्हें फैटी लिवर होता है, उन लोगों की हथेलियों का रंग काफी लाल हो जाता है।
थकान होना : ऐसे लोगों के शरीर में अक्सर थकान रहती है, वह हमेशा थका हुआ महसूस करते है और शारीरिक श्रम बिल्कुल नहीं कर पाते।
भूख में कमी : लिवर का सीधा संबंध आपके पेट से होता है और लिवर में इन्फेक्शन होने पर आपकी भूख कम होने लगती है।
पेट में दर्द : ये समस्या बहुत से मरीजों में देखी जाती है, जिनको फैटी लिवर की समस्या होती है उनके पेट में ऐंठन और मरोड़े उठते है।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर के कारण
मोटापा : जिन लोगों का वजन बहुत अधिक होता है उन लोगों को ये समस्या ज्यादा होती है। जिन लोगों के शरीर में फैट प्रोटीन का उच्चस्तर होता है ये उनके लिए एक चिंता का विषय है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल : ऐसे बहुत से लोग है जिनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत अधिक होता है, उन्हें भी नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर हो सकता है।
शराब का अधिक सेवन : जो लोग शराब का सेवन नहीं करते उन्हें भी ये समस्या हो सकती है और जो करते है, उन्हें बहुत ज्यादा होने का खतरा होता है।
टाइप 2 डायबिटीज : जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज रहती है उन्हें भी नॉन एलकोहॉलिक फैटी लीवर (Nonalcoholic Fatty Liver) होने का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि इसमें आपके शरीर का ब्लड शुगर काफी बढ़ जाता है।
गलत खान-पान : आज कल लोगों के पास खाने के इतने विकल्प है की वो कुछ भी खाते है ये नहीं देखते की ये उनके शरीर को नुकसान करेगा या फायदा। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते है जिनमें अतिरिक्त मात्रा में आयरन होता है जो इसका कारण बनता है।
ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) : जब आपके रक्त में फैट की मात्रा अधिक होती है तब इसे ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) कहते है। ये नॉन एलकोहॉलिक फैटी लीवर (Nonalcoholic Fatty Liver) के कारको को जन्म देता है।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर से बचाव
पौष्टिक भोजन
अपने भोजन में हरी सब्जियों, साबुत अनाज और फलों को शामिल करें। ऐसी सब्जियां और फल चुनें जिनमें वसा अधिक मात्रा में हो। यह खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में आपकी मदद करेंगे और आप इस खतरनाक बीमारी से बचे रहेंगे।
अपना वजन नियंत्रण में रखें
यदि आपका वजन ज्यादा है, तो आप हर दिन खाने वाली कैलोरी की संख्या में कमी करें और अपने खाने की मात्रा में कमी करें। यदि आपकी लंबाई के अनुसार आपका वजन ज्यादा है तो आपको इसे नियंत्रण में रखना होगा।
व्यायाम करें
यदि आप पूरी तरह से स्वस्थ रहना चाहते है तो सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम जरूर करें। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं, तो आप कई बीमारियों का शिकार होते है। व्यायाम करने से आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते है।
शराब छोड़ दें
यदि आप शराब पीते है तो अपनी इस आदत को बदलें, क्योंकि ये आपके लिवर को ख़राब करती है और अगर एक बार आपका लिवर ख़राब हो गया तो उसके लिए डॉक्टर लिवर ट्रांस्प्लान करते है।
कोलेस्ट्रॉल रखें नियंत्रित
आपका बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल आपके खराब स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होता है। आपको बता दें की आपका बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल आपके दिल के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
यदि आप भी नॉन एलकोहॉलिक फैटी लीवर (Nonalcoholic Fatty Liver) की बीमारी से बचना चाहते है, तो अपने खान पान में किसी तरह की लापरवाही ना करें। क्योंकि ये आपके लिवर को बहुत नुकसान पंहुचा सकती है। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को लिवर से जुड़ी किसी तरह की समस्या है तो आप एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि इससे आपका पूरा स्वास्थ्य ख़राब होता है।
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