क्लासिकल माइग्रेन क्या है और इसका इलाज क्या है?

आज के दौर में हमें कई तरह की बीमारियों के बारे में सुनने को मिल रहा है। इन्हीं में से एक है माइग्रेनसिरदर्द के बारे में तो आपने सुना ही होगा। शायद आपने भी इसका अनुभव किया हो। माइग्रेन एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार गंभीर सिरदर्द का अनुभव होता है। आमतौर पर इसका असर आधे सिर में देखने को मिलता है और दर्द आता-जाता रहता है।

हालांकि कई लोगों में यह दर्द पूरे सिर में भी होता है। माइग्रेन एक विशेष प्रकार का सिरदर्द है जो सामान्य सिरदर्द से अलग होता है और पूरी दुनिया में कई लोग इससे पीड़ित होते हैं। हो सकता है कि लोग इसे आम सिरदर्द समझकर नजरअंदाज कर दें। लेकिन ध्यान रहे, अगर आपको इस तरह का दर्द बार-बार होता है तो आपको किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

 

 

क्लासिकल माइग्रेन क्या है? (What is classical migraine in Hindi)

 

 

औरा के साथ माइग्रेन (जिसे क्लासिक माइग्रेन भी कहा जाता है) होने पर सर में बहुत तेज़ होने वाला दर्द है। जब यह दर्द शुरू होता है तो व्यक्ति को प्रकाश की चमक, धब्बे और अन्य दृष्टि में परिवर्तन, हाथ या चेहरे में झुनझुनी महसूस होती है। दरअसल क्लासिकल माइग्रेन के लक्षण होने पर माइग्रेन का दौरा पड़ता है। क्लासिकल माइग्रेन की अवस्था में रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती हैं और इस अवस्था में रक्त वाहिनियां बड़ी हो जाती हैं। यदि आपको भी ऐसा कुछ महसूस होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि आप डॉक्टर से सलाह लेना चाहते हैं तो  यहाँ क्लिक करें

 

 

क्लासिकल माइग्रेन का इलाज कैसे होता है? (How is Classical Migraine Treated in Hindi)

 

यह सवाल हर उस व्यक्ति के लिए मायने रखता है जो इस बीमारी से परेशान है। चूंकि, वह इसे सिर्फ एक सिरदर्द मानते हैं, वह सिरदर्द की गोलियों का बहुत सेवन करते हैं और जो लोग कम नींद लेते हैं। उन्हें यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। गंभीर मामलो में डॉक्टर ब्रेन की सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।

जब इससे पीड़ित किसी व्यक्ति को इलाज के किसी अन्य तरीके से आराम नहीं होता है, तब डॉक्टर उसे ब्रेन सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। इस सर्जरी में ब्रेन के उस हिस्से को ठीक किया जाता है, जिसकी वजह से शख्स को सिर में गंभीर दर्द होता है।

 

 

क्लासिक माइग्रेन के लक्षण (symptoms of classical migraine in Hindi)

 

 

माइग्रेन के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:

 

 

  • ध्वनि से परेशान होना

 

  • अत्यधिक प्यास लगना

 

  • बोलने में परेशानी होना

 

  • अधिक भूख लगना

 

  • खिसियाना

 

  • उल्टी

 

  • कम रक्त दबाव

 

  • चिड़चिड़ापन, क्रोध

 

  • कब्ज़ होना

 

  • दृष्टि समस्याएं होना (दृश्य गड़बड़ी)

 

  • जल्दी पेशाब आना

 

  • चक्कर आना

 

 

क्लासिक माइग्रेन के कारण क्या हैं? (What are the causes of classical migraine in Hindi)

 

हालांकि उनका सटीक कारण अज्ञात है, उन्हें मस्तिष्क में तंत्रिका संकेतों, रसायनों और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली असामान्य गतिविधि का परिणाम माना जाता है। यह स्पष्ट नहीं है कि मस्तिष्क की गतिविधि में इस परिवर्तन का क्या कारण है, लेकिन यह संभव है कि कुछ लोग अपने जीन के कारण इस असहाय सिरदर्द से जूझ रहे हों। खैर, कुछ ऐसे तत्व हैं जो अकथनीय सिरदर्द का कारण बन सकते हैं, इसलिए यदि कोई व्यक्ति इनसे बचता है, तो वह माइग्रेन होने की संभावना को कम कर सकता है। माइग्रेन की समस्या मुख्य रूप से कुछ कारणों से हो सकती है, जो इस प्रकार हैं:

 

  • अस्वास्थ्यकर भोजन खाना: पौष्टिक भोजन एक स्वस्थ व्यक्ति की कुंजी माना जाता है क्योंकि यह उसकी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। यह माइग्रेन के संदर्भ में भी लागू होता है और इस प्रकार सिर की यह समस्या उस व्यक्ति को हो सकती है जो पौष्टिक भोजन नहीं करता है।

 

  • हार्मोंस में बदलाव : अगर सामान्य तरीके से हार्मोन्स में बदलाव न किया जाए तो यह कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। तो इससे सिर की यह समस्या हो सकती है।

 

  • जागने और सोने का समय सही नहीं है: आपने अक्सर सुना होगा कि सभी लोगों को सही समय पर सोना चाहिए और जागना चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में ऐसे कई लोग हैं जो इस नियम का पालन नहीं करते हैं। ऐसा करने से उन्हें माइग्रेन जैसे बेबस सिरदर्द का सामना करना पड़ता है।

 

  • यौन गतिविधियों में शामिल होना: अत्यधिक यौन क्रिया के मामले में भी माइग्रेन संभव है। इसलिए सभी को इसे सीमित मात्रा में करने का प्रयास करना चाहिए।

 

  • बहुत अधिक तनाव लेना: माइग्रेन होने की समस्या उन लोगों में अधिक होती है जो बहुत अधिक तनाव लेते हैं। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह उसकी मानसिक कोशिकाओं को प्रभावित करता है।

 

  • दवाई का अधिक सेवन करना: यदि कोई व्यक्ति किसी रोग के लिए अत्यधिक मात्रा में दवा का सेवन कर रहा है तो उसे यह मानसिक समस्या हो सकती है। इसलिए हर व्यक्ति को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेनी चाहिए क्योंकि इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

 

 

क्लासिक माइग्रेन को नज़रअंदाज ना करें (Don’t Ignore classical Migraines in Hindi)

 

 

स्ट्रेस और दिनचर्या में बदलाव की वजह से माइग्रेन के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि सिर में होने वाले किसी भी तरह के दर्द को नजरअंदाज ना करें। अगर आप अक्सर सिर दर्द से परेशान रहते हैं, तो इसे हल्के में ना लें। बार-बार होने वाला माइग्रेन का दर्द बढ़कर लकवे या ब्रेन हैमरेज का कारण भी बन सकता है इसलिए माइग्रेन के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

 

क्लासिक माइग्रेन से बचाव के उपाय? (How to prevent classical migraine in Hindi)

 

माइग्रेन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें हैं जो हमें जानना जरूरी हैं, जैसे कि इससे बचाव के उपाय। आइए कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बात करते हैं।

 

  • व्यायाम: यदि आप अपने जीवन में दैनिक व्यायाम को महत्व देते हैं तो यह गतिविधि आपके स्वस्थ जीवन के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। खासकर अगर माइग्रेन की बात करें तो नियमित रूप से व्यायाम करने से माइग्रेन की संभावना कम हो जाती है। इसलिए रोजाना व्यायाम करने की आदत डालें।

 

  • दिनचर्या को संतुलित रखें: माइग्रेन से बचने का एक तरीका है कि आप अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखें। जैसे हमने बताया कि पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है, उसी तरह नियमित रूप से सोने का समय और जागने की दिनचर्या भी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही कई ऐसे रूटीन काम हैं जिन्हें हमें संतुलित रखने की जरूरत है।

 

  • पर्याप्त नींद लेना: विशेषज्ञों के अनुसार, हमें दिन भर में कम से कम 6 घंटे की नींद की जरूरत होती है। ऐसा नहीं करने पर हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए पर्याप्त नींद लेना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

 

 

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