जाने कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण और इलाज क्या है?

कैंसर शरीर में होने वाली एक असामान्य और खतरनाक स्थिति है। कैंसर तब होता है जब शरीर में कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं और असामान्य रूप से विभाजित हो जाती हैं। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की जरूरत के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं। जैसे-जैसे कोशिकाएं बढ़ती हैं या क्षतिग्रस्त (खत्म) हो जाती हैं, ये कोशिकाएं भी मर जाती हैं। उनके स्थान पर नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।

जब किसी को कैंसर होता है तो कोशिकाएं इस तरह काम करना बंद कर देती हैं। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएँ मरने के बजाय जीवित रहती हैं और आवश्यकता न होने पर भी नई कोशिकाएँ बनती रहती हैं। कोलन कैंसर होने पर भी ऐसा ही होता है। यह कोलन से शुरू होकर मलाशय और गुदा पर समाप्त होता है। कोलन और मलाशय की दीवारों में कोशिकाओं की चार परतें होती हैं। कोलन कैंसर तब होता है जब शरीर में ये कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। अधिकांश पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षण छोटे पॉलीप्स के रूप में दिखते हैं।

 

 

कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण? (Early symptoms of colon cancer in Hindi)

 

 

कोलन कैंसर दो तरह के होते हैं। राइड साइडर कोलन कैंसर और लेफ्ट साइडर कोलन कैंसर दोनों तरह के कोलन कैंसर के लक्षण अलग-अलग होते हैं।

 

  • मल निकलना बंद होना

 

  • खाने में परेशानी

 

 

  • शरीर में खून की कमी

 

  • पेट फूलना

 

  • भूख ना लगना

 

  • ब्लीडिंग के साथ मल त्यागना

 

  • मल का रंग में बदलाव होना

 

 

भारत में कोलन कैंसर के इलाज में कितना खर्च आता है? (What is the colon cancer treatment cost in India in Hindi)

 

भारत में कोलन कैंसर के इलाज की औसत लागत लगभग  2,50,000 रुपय से 5,50,000 रुपय। हालांकि, अलग-अलग शहरों के अस्पतालों के आधार पर कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं।

 

 

कोलन कैंसर का इलाज (colon cancer treatment in Hindi)

 

 

कोलन कैंसर का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है। डॉक्टर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और मरीज के पेट के कैंसर की अवस्था के आधार पर उपचार की योजना निर्धारित करता है।

 

सर्जरी

कोलन कैंसर के शुरुआती चरणों में सर्जन के लिए सर्जरी के माध्यम से कैंसर वाले पॉलीप्स को निकालना अक्सर संभव होता है। यदि पॉलीप आंत की दीवार से जुड़ा नहीं है, तो आपके पास एक उत्कृष्ट दृष्टिकोण होने की संभावना होती है।

 

कीमोथेरेपी (Chemotherapy)

कीमोथेरेपी को कई चरणों में किया जाता है। इस प्रक्रिया में ड्रग्स के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। हालांकि, उपचार का यह तरीका कुछ मरीज के लिए काफी कारगर होता है। इसके कई साइड एफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं, जिसमें बालों का झड़ना मुख्य रूप से शामिल है। दवाओं को खाने के साथ ही नसो में इंजेक्शन के जरिए भी पहुंचाया जाता है।

 

रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy)

रेडिएशन कैंसर कोशिकाओं पर सीधा असर करता है और उन्हें दोबारा बढ़ने से रोकता है। इस प्रक्रिया में, उच्च ऊर्जा वाली किरणों (high-energy particles) या तरंगों (Waves) का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने की कोशिश की जाती है। कुछ लोगों को इलाज में सिर्फ रेडिएशन थेरेपी तो किसी-किसी को रेडिएशन थेरेपी के साथ सर्जरी और कीमोथेरेपी भी दी जाती है।

 

 

कोलन कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Best hospital for colon cancer treatment in Hindi)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यदि आप इनमें से किसी भी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

कोलन कैंसर के कितने स्टेज होते हैं? (What are the stages of colon cancer in Hindi)

 

  • स्टेज 1: इस अवस्था में मलाशय के आसपास की झिल्ली प्रभावित होती है, लेकिन यह अंगों की दीवारों को प्रभावित नहीं करती है। इस प्रारंभिक अवस्था में पेट में दर्द होता है और इस अवस्था में मल में रक्तस्राव होता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस स्टेज में इलाज संभव है।

 

  • स्टेज 2: दूसरे चरण में कैंसर कोशिकाएं दीवारों में फैलने लगती हैं, लेकिन यह लिम्फ नोड्स या उसके आसपास के ऊतकों को प्रभावित नहीं करती हैं। इस स्टेज में भी इलाज संभव है।

 

  • स्टेज 3: इस स्टेज में कैंसर कोशिकाएं लिम्फ नोड्स और टिश्यू तक पहुँच जाती है। लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित नहीं करती है। ऐसे में इसका इलाज संभव है।

 

  • स्टेज 4: स्टेज 4 कोलन कैंसर की आखिरी स्टेज होती है। इसमें कैंसर पूरे शरीर में फैलने लगता है, जो लीवर और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इस स्तर पर कोलन कैंसर का इलाज मुश्किल है। अंतिम चरण के रोगी को उपशामक चिकित्सा दी जाती है।

 

 

कोलोरेक्टल कैंसर का कारण क्या हो सकता है? (What can cause colon cancer in Hindi)

 

मधुमेह

डायबिटीज के बाद कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इन बीमारियों में कोलोरेक्टल कैंसर भी शामिल है। मधुमेह होने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को नियमित जांच करानी चाहिए।

रेड मीट का सेवन

अधिक मात्रा में रेड मीट का सेवन करने से भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि अपने आहार को हमेशा संतुलित रखें। मांसाहारी भोजन के साथ शाकाहारी भोजन को भी शामिल करें। ताकि गंभीर समस्या होने की संभावना कम हो सके।

शराब का सेवन

शराब के सेवन से सेहत पर कई तरह के प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। इस बात से सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब पीने से भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हां, अगर आप शराब का सेवन कर रहे हैं तो इसे छोड़ दें। नहीं तो आपको कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

मोटापा

जो लोग मोटे होते हैं उन्हें भी कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने शरीर का वजन संतुलित रखें।

इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का उपयोग

इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं के अत्यधिक उपयोग से भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह देखा गया है कि अंग प्रत्यारोपण करने वाले लोग ऐसी दवाएं लंबे समय तक लेते हैं। ऐसे में कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना ज्यादा रहती है।

 

 

कोलन कैंसर का निदान (Colon cancer diagnosis in Hindi)

 

 

कोलन कैंसर का निदान दो तरह से किया जाता है। पेट की कोलोनोस्कोपी और सीटी (पेट-सीटी)।

 

  • कोलोनोस्कोपी: डॉक्टर कुणाल बताते हैं कि पेट के कैंसर की आशंका है, डॉक्टर मरीज को कोलोनोस्कोपी कराने की सलाह देते हैं. इस परीक्षण के दौरान, रोगी की बड़ी आंत में गुदा के माध्यम से एक लंबी और लचीली ट्यूब डाली जाती है। इस ट्यूब को मेडिकल भाषा में कोलोनोस्कोप कहते हैं। इस ट्यूब का एक हिस्सा गुदा से जुड़ा होता है और दूसरे हिस्से में एक छोटा कैमरा होता है, जिसकी मदद से गुदा के अंदर का हिस्सा दिखाई देता है। इससे कोलन कैंसर के आकार का पता चलता है।

 

  • पेट सीटी (पीईटी-सीटी): डॉक्टर कुणाल बताते हैं कि पेट के सीटी स्कैन के जरिए भी पेट के कैंसर की जांच की जाती है। इसमें पेट (पीईटी) (पीईटी-पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) को रोगी के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, रेडियोधर्मी सामग्री की इमेजिंग की जाती है। इस टेस्ट के जरिए मरीज के अंग में बढ़ रहे कैंसर का पता लगाया जाता है।

 

यदि आप कोलन कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर से सलाह लेने के लिए यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।


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