कुछ समय पहले तक ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के बारे में कुछ ही लोग जानते थे। लेकिन अब तो यह बीमारी युवाओ में तेजी से बढ़ रही हैं, इतनी की हर 3 मिनट में ब्रेन स्ट्रोक के कारण किसी ना किसी व्यक्ति की मौत होती हैं। और इसकी सबसे बड़ी वजह आरामतलब जीवनशैली (Lifestyle) है।
आरामतलब जीवन शैली , मोटापा, जंक फूड (Junk Food) का सेवन और तनाव के कारण युवाओं में भी ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के मामले में वृद्धि हो रही है। इसका इलाज नहीं कराने पर दिमागी कोशिकाओं और आवाज को नुकसान हो सकता जिसके परिणामस्वरूप मरीज जीवन भर के लिए विकलांग (Disabled) बन सकता है। नॉएडा के एक बड़े अस्पताल में न्यूरोसर्जरी (Neurosurgery) विभाग के अतिरिक्त द्वारा आयोजित एक विशेष सत्र ने कहा कुछ समय पहले तक युवाओ में स्ट्रोक के मामले सुनने में नहीं आते थे, लेकिन अब युवाओं में भी ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) अपवाद नहीं है।
डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया की युवाओ में स्ट्रोक के बढ़ते मामलो का मुख्य कारण उच्च रक्तचाप, मधुमेह, रक्त शर्करा (Blood Sugar), उच्च कोलेस्ट्रॉल, शराब, धूम्रपान (Smoking) और मादक पदार्थों की लत के अलावा आरामतलब जीवन शैली, मोटापा, जंक फूड (Junk Food) का सेवन और तनाव है। युवा रोगियों में यह अधिक घातक साबित होता हैं, क्युकी यह उन्हें जीवन भर के लिए विकलांग बना सकता हैं, वहीं वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. ज्योति बाला शर्मा ने कहा कि देश में हर साल ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के लगभग 15 लाख नए मामले दर्ज किए जाते हैं। स्ट्रोक भारत में समय से पहले मृत्यु और विकलांगता का एक महत्वपूर्ण कारण बनता जा रहा है। दुनिया भर में हर साल स्ट्रोक से 2 करोड़ लोग पीड़ित होते हैं, जिनमें से 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और अन्य 50 लाख लोग अपाहिज हो जाते हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार, कोरोनरी धमनी रोग के बाद स्ट्रोक मौत का सबसे आम कारण है। इसके अलावा यह ‘क्रोनिक एडल्ट डिसएबिलिटी’ (Chronic Adult Disability) का एक आम कारण है। 55 वर्ष की आयु के बाद 5 में से एक महिला को और 6 में से एक पुरष को स्ट्रोक का खतरा रहता हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान परिषद (आई.सी.एम.आर) के एक अध्ययन के अनुसार, हमारे देश में हर तीन सेकेंड में किसी न किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) होता है और हर तीन मिनट में ब्रेन स्ट्रोक के कारण किसी न किसी व्यक्ति की मौत होती है।
डॉक्टर राहुल गुप्ता ने कहा – ब्रेन अटैक (Brain Attack) के नाम से भी जाना जाने वाला ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) भारत में कैंसर के बाद दूसरा प्रमुख कारण हैं। मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त (Blood) की आपूर्ति बाधित होना या गंभीर रूप से कम होने के कारण स्ट्रोक (Stroke) होता हैं। मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन (oxygen) और पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं जिसके कारण मृत्यु या स्थायी विकलांगता हो सकती हैं, डॉक्टर ज्योति बाला शर्मा ने कहा- इलाज में देरी होने पर लाखो न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त (Neurons damaged) हो जाते हैं और मस्तिष्क के अधिकतर कार्य प्रभावित होते हैं। इसलिए रोगी को समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण हैं। क्यों की स्ट्रोक होने पर बहुआयामी उपचार की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा स्ट्रोक (Stroke) का इलाज किया जा सकता हैं, स्ट्रोक के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात समय का सदुपयोग हैं, एक स्ट्रोक के बाद हर दूसरे स्ट्रोक में त्यधिक मस्तिष्क कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। इसलिए स्ट्रोक होने पर रोगियों को निकटतम स्ट्रोक (Stroke) उपचार केंद्र में जल्द से जल्द ले जाया जाना चाहिए।
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