थायरॉइड के मरीज को कभी नहीं करना चाहिए इन 5 चीजों का सेवन

थायरॉइड (Thyroid) एक किस्म का हारमोन है। हमारे थायरॉइड ग्लैंड्स शरीर से आयोडीन (Iodine) लेकर इन्हें बनाते हैं। ये हारमोन हमारे मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। जब ग्लैंड्स किसी वजह से ज्यादा हारमोन बनाने लगते हैं, तो उसे हम कहते हैं कि थायरॉइड बढ़ गया है। थायरॉइड का बढ़ा होना बड़ी दिक्कत देता है। महिलाएं इसकी सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। इससे वजन बढ़ने के साथ ही बेचैनी, ठीक से नींद न आना, पीरियड का टाइम पर न आना, दिल की धड़कन (Heart Beat) बढ़ना जैसी परेशानियां होने लगती हैं।

 

इसके इलाज के लिए डॉक्टर से मिलें और वक्त पर दवा लें। यह इतनी बड़ी बीमारी भी नहीं है कि काबू न आ पाए। इसके अलावा आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी चीजें न खाएं, जिससे थायरॉइड से पैदा होने वाली परेशानियां और बढ़ जाएं। आइये आपको बताते हैं कि थायरॉइड (Thyroid) में किन चीजों से परहेज जरूरी है।

 

कैफीन

 

कैफीन (Caffeine) वैसे तो सीधे थायरॉइड नहीं बढ़ाता, लेकिन ये उन परेशानियों को बढ़ा देता है, जो थायरॉइड की वजह से पैदा होती हैं, जैसे बेचैनी और नींद में खलल। इसलिए आप कॉफी से थोड़ा दूर ही रहें तो ठीक है।

 

आयोडीन वाला खाना

 

हमने शुरू में ही बता दिया था कि थायरॉइड ग्लैंड्स हमारे शरीर से आयोडीन लेकर थायरॉइड हारमोन (Hormone) को पैदा करते हैं। ऐसे में जो लोग इसके ज्यादा होने से परेशान हैं, उन्हें ऐसे खाने से परहेज करना चाहिए, जिनमें खूब आयोडीन हो। सी फूड (Sea Food) और आयोडीन वाले नमक को अवॉइड करें।

 

एल्कोहल

 

एल्कोहल (Alcohol) यानी शराब, बीयर आदि शरीर में एनर्जी लेवल को प्रभावित करते हैं। इससे थायरॉइड से ग्रसित लोगों की नींद में दिक्कत की शिकायत और बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)  का खतरा भी बढ़ जाता है। शराब तो किसी के लिए अच्छी नहीं होती। इसकी वजह से मोटापा भी बढ़ता है।

 

वनस्पति घी

 

भारत में आमतौर पर हम इसे डालडा घी बोलते हैं। इस घी को दरअसल वनस्पति तेल को हाइड्रोजन (Hydrogen) में से गुजारकर बनाया जाता है। इस घी का इस्तेमाल खाने-पीने की दुकानों में जमकर होता है। इससे अच्छे कॉलेस्ट्रॉल (Cholesterol) खत्म होते हैं और बुरे बढ़ते हैं। बढ़े थायरॉइड से जो परेशानियां पैदा होती हैं, ये उन्हेंे और बढ़ा देता है।

 

रेड मीट

 

रेड मीट में कॉलेस्ट्रॉल और सेचुरेडेट फैट (Saturated Fat) बहुत होता है। इससे वेट तेजी से बढ़ता है। थायरॉइड वालों का वेट तो वैसे ही आगे की ओर भागता है। इसके अलावा रेड मीट (Red Meat) खाने से थायरॉइड के रोगियों को बदन में जलन की शिकायत होने लगती है। आप चिकन (Chicken) वगैरा ले सकते हैं, चिकन की चेस्ट में अच्छा प्रोटीन होता है और उससे फैट बढ़ने की दिक्कत नहीं होती।


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