दाहिने अंडकोष में दर्द और पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण

दाहिने अंडकोष में दर्द का सबसे आम कारण अंडकोष में संक्रमण है। अंडकोष में संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया या वायरस अंडकोष को प्रभावित करते हैं।

 

कुछ सामान्य संक्रमण जो अंडकोष में दर्द का कारण बन सकते हैं:

 

 

गोनोरिया – यह एक यौन संचारित संक्रमण है जो अंडकोष में सूजन और दर्द का कारण बनता है।

 

क्लैमिडिया – यह भी एक यौन संचारित संक्रमण है जो अंडकोष को प्रभावित कर सकता है।

 

ई. कोलाई – यह आंत्र संबंधी बैक्टीरिया है जो अंडकोष में संक्रमण फैला सकता है।

 

इन संक्रमणों के अलावा, कभी-कभी अंडकोष में एक सिस्ट या फोलिकल में संक्रमण हो सकता है जो दर्द का कारण बनता है। अंडकोष के कैंसर भी दर्द उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए अंडकोष में दर्द के पीछे संक्रमण एक आम कारण होता है जिसका उपचार जरूरी होता है।

 

 

 

अंडकोष में दर्द के लक्षण क्या होते हैं ?

 

 

अंडकोष में दर्द के कई सामान्य लक्षण हो सकते हैं:

 

 

  • अंडकोष क्षेत्र में दर्द – यह अंडकोष के एक ओर या दोनों ओर दर्द हो सकता है। दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है या अचानक शुरू हो सकता है। यह दर्द बैठने या खड़े होने से बढ़ सकता है।

 

  • सूजन – अंडकोष क्षेत्र में सूजन और नाखून से दबाने पर दर्द हो सकता है।

 

  • पेट में दर्द – कभी-कभी अंडकोष के दर्द के साथ पेट में दर्द भी हो सकता है।

 

  • बुखार और ठंड लगना – कुछ संक्रमणों के कारण बुखार और ठंड लगने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

 

  • पेशाब करते समय दर्द – अंडकोष में संक्रमण की वजह से पेशाब करते वक्त दर्द हो सकता है।

 

  • यौन संबंध बनाते समय दर्द – अंडकोष में दर्द के कारण यौन संबंध बनाना मुश्किल हो सकता है।

 

 

 

अंडकोष दर्द का निदान किस प्रकार हो सकता हैं ?

 

 

अंडकोष दर्द का निदान करने के लिए डॉक्टर निम्न परीक्षण कर सकते हैं:

 

 

शारीरिक परीक्षा:

 

  • डॉक्टर पेट, अंडकोष और योनि क्षेत्र की जांच करेंगे। दबाव डालने से दर्द होना अंडकोष में सूजन या फोड़ा होने का संकेत है।

 

  • यदि महिला है तो डॉक्टर योनि मार्ग से भी अंडकोष की जांच कर सकते हैं।

 

  • डॉक्टर गर्भाशय, जननांग और मूत्रमार्ग का भी निरीक्षण करेंगे।

 

 

 

अल्ट्रासाउंड:

 

  • अल्ट्रासाउंड अंडकोष और उसके आस-पास के क्षेत्र की तस्वीर लेने में मदद करता है।

 

  • यह अंडकोष में किसी फोड़े, गांठ या अन्य समस्या की पहचान करने में सहायक होता है।

 

  • अल्ट्रासाउंड से डॉक्टर अंडकोष दर्द का कारण जान सकते हैं।

 

 

अंडकोष दर्द का उपचार क्या होता हैं ?

 

 

अंडकोष दर्द के उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक्स और शल्यक्रिया की सलाह देते हैं।

 

 

एंटीबायोटिक्स: अंडकोष दर्द का सबसे आम कारण संक्रमण होता है। ऐसे में डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं जो बैक्टीरिया को मारकर संक्रमण को खत्म कर देती हैं। एंटीबायोटिक लेने से दर्द और सूजन कम होने लगती है। अगर एंटीबायोटिक्स से लाभ नहीं होता है तो डॉक्टर शल्यक्रिया की सलाह दे सकते हैं। शल्यक्रिया में अंडकोष को खोलकर संक्रमित ऊतक को निकाल दिया जाता है।

 

 

शल्यक्रिया: शल्यक्रिया के बाद दर्द तेजी से ठीक होने लगता है। हालांकि शल्यक्रिया के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे रक्तस्राव, संक्रमण और निशान बनना। डॉक्टर शल्यक्रिया के फायदे और जोखिम के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

 

 

 

पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता हैं ?

 

 

पेट के निचले हिस्से में दर्द एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। कुछ आम कारण इस प्रकार हैं:

 

 

  • पेट में ऐंठन – पेट में गैस, कब्ज या भोजन के गलत पचने से पेट में ऐंठन और दर्द हो सकता है। यह सबसे आम कारणों में से एक है।

 

  • पेट के अल्सर – पेट के अल्सर भी निचले पेट में दर्द का कारण बन सकते हैं। ये अल्सर भोजन पचाने वाले एसिड से होते हैं।

 

  • पेट का वायरस – पेट का वायरस जैसे नॉरवायरस भी पेट दर्द का कारण हो सकता है। यह उल्टी-दस्त के साथ पेट दर्द पैदा करता है।

 

  • पित्ताशय की पथरी – पित्ताशय में पथरी होने से भी पेट के निचले हिस्से में भयंकर दर्द हो सकता है।

 

  • पेट के कैंसर – कभी-कभी पेट के कैंसर जैसे कोलन कैंसर भी निचले पेट में दर्द पैदा कर सकते हैं।

 

  • आंतों का विकार – क्रोन्स रोग जैसे आंतों के विकार भी पेट दर्द का कारण बनते हैं।

 

  • पेट में जलन – पेट में जलन एसिडिटी, अल्सर, या पेट के अन्य संक्रमणों का संकेत हो सकता है। यह आमतौर पर पेट के ऊपरी हिस्से में महसूस होता है।

 

  • पेट में दर्द – पेट दर्द पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है। यह तीव्र, धीमा, या दर्दनाक हो सकता है। कब्ज़, गैस, या पेट के अंदरूनी संक्रमण पेट दर्द का कारण हो सकते हैं।

 

 

 

 

निचले पेट दर्द का निदान कैसे होते हैं ?

 

 

निचले पेट दर्द का सटीक निदान करने के लिए चिकित्सक आपकी शिकायतों की जानकारी लेंगे और शारीरिक परीक्षण करेंगे। कुछ महत्वपूर्ण जांचें इस प्रकार हैं:

 

 

  • पेट की जांच – चिकित्सक पेट की जांच करेंगे यदि आपको दर्द, सूजन या कोई गांठ महसूस हो रही है।

 

  • रक्त परीक्षण – रक्त परीक्षण से संक्रमण, एनीमिया या अन्य समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।

 

  • यूरिन परीक्षण – यूरिन परीक्षण में संक्रमण के संकेतकों की जांच की जाती है।

 

  • अल्ट्रासाउंड – अल्ट्रासाउंड से पेट के अंदरूनी अंगों को देखा जा सकता है और समस्याओं की पहचान की जा सकती है।

 

  • CT स्कैन या MRI – CT स्कैन या MRI आंतरिक अंगों और ऊतकों को स्पष्ट रूप से दिखा सकते हैं।

 

  • एंडोस्कोपी – एंडोस्कोपी के माध्यम से पेट के अंदर के निरीक्षण के लिए एक छोटा कैमरा निगला जाता है।

 

 

 

निचले पेट दर्द का इलाज कैसे होता हैं ?

 

 

निचले पेट दर्द के इलाज के लिए कुछ दवाएं और आहार में बदलाव किए जा सकते हैं:

 

 

  • दवाएं एंटी-एसिड दवाएं निचले पेट दर्द में राहत दे सकती हैं। ये एसिडिटी को कम करती हैं।

 

  • एंटीबायोटिक्स इंफेक्शन के कारण होने वाले पेट दर्द में प्रभावी हो सकती हैं।

 

  • पेनकिलर दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

 

आहार में बदलाव क्या करने चाहिए ?

 

 

  • तेलीय, मसालेदार और गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

 

  • पेट दर्द को बढ़ाने वाले चीजें जैसे कैफीन, अल्कोहल और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन कम करें।

 

  • पाचन को बेहतर बनाने के लिए रेशमी आहार लें जैसे दाल, चावल, अंकुरित अनाज आदि।

 

  • प्रोबायोटिक खाएं जैसे दही, केफिर आदि। ये पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।

 

 

  • डॉक्टर की सलाह से आहार में बदलाव लाने से निचले पेट दर्द से राहत मिल सकती है।

 

 

 

 

बचाव के उपाय-

 

अंडकोष और पेट के निचले हिस्से में दर्द से बचने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं:

 

 

स्वच्छता बनाए रखना – अपने शरीर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। नियमित रूप से हाथ धोएं, खाना खाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं। शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथ धोना न भूलें।

 

संतुलित आहार – एक संतुलित आहार लें जिसमें सब्जियां, फल, साबुत अनाज, प्रोटीन शामिल हों। तले-भुने, मसालेदार और तेलीय भोजन से परहेज करें। पानी का पर्याप्त सेवन करें।

 

 

इन बातों का ध्यान रखकर अंडकोष और पेट के निचले हिस्से के दर्द से बचा जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से शरीर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है।

 

 

 

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