आप में से बहुत से लोग अपेंडिसाइटिस के बारे में कम जानते होंगे, लेकिन यह समस्या बहुत तेजी से लोगों में फैल रही है। इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण बात कि यह पेट की बीमारी आज के समय में ज्यादा देखने को मिल रही है। इसके पीछे का मुख्य कारण है लोगों का गलत खान पान। मानव शरीर में बहुत सी बीमारी होती है जिनके बारे में लोगों को पता भी नहीं होता है।
लेकिन आज हम बात करें रहें हैं अपेंडिसाइटिस की दरअसल यह आतें में 8 से 10 सेमी की पतली एक ट्यूब होती है, इस ट्यूब को अपेंडिक्स कहा जाता है। लेकिन किसी वजह से इस ट्यूब में संक्रमण और सूजन हो जाती है, तो इस स्थिति को अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। आपको बता दें की हमारे शरीर में अपेंडिक्स का कोई काम नहीं होता है इसलिए, अपेंडिसाइटिस के मामले में, इसे शरीर से अलग कर दिया जाता है।
अपेंडिसाइटिस क्या है? (What is Appendicitis in Hindi)
आप में से बहुत से लोग होंगे जिन्हें किसी कारण से पेट में दर्द होता है। लेकिन यह आपके साथ अक्सर होता है, तो आपको इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अगर हम इसकी तुलना महिलाओं से करें तो पुरुषों में अपेंडिक्स ज्यादा देखने को मिलता है। आपको बता दें कि अपेंडिक्स छोटी और बड़ी आंतों के बीच की कड़ी है। इस कड़ी का आकार शहतूत के फल जैसा होता है।
यह आंतों से निकलती है। जब अपेंडिक्स में सूजन हो जाती है, तो बहुत अधिक मवाद उत्पन्न होता है। यह मवाद और बैक्टीरिया का निर्माण पेट में अत्यधिक दर्द का कारण बन सकता है, जो बाद में पेट के निचले हिस्से में फैलता है। खाँसी और चलने में बहुत तकलीफ होने लगती है। दस्त, उल्टी और मतली का भी अनुभव हो सकता है। अब आपको समज आ ही गया होगा की अपेंडिसाइटिस क्या होता है।
अपेंडिसाइटिस के कारण (Causes of appendicitis in Hindi)
- गलत खान-पान : आज के समय में लोगों का खान-पान बहुत गलत होता जा रहा है। जब आपके भोजन में फाइबर की मात्रा कम होती है, तब अपेंडिक्स होने का खतरा रहता है।
- पेट के निचले भाग में दर्द होना : आपको बता दें की यह अपेंडिक्स की समस्या में व्यक्ति के पेट के निचले भाग में दर्द होता है। इस दर्द के अचानक से होने के कारण व्यक्ति इसके प्रति सर्तक नहीं रह पाता है।
- शरीर में संक्रमण : कई बार आपको किसी वजह से संक्रमण हो जाता है तब भी ऐसा हो सकता है। ऐसा होने पर व्यक्ति को तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- अपेंडिक्स ग्रंथि में रुकावट होना : दरअसल कभी-कभी आंतो में भोजन के कुछ कण फस जाते हैं, जिसके कारण अपेंडिक्स में समस्या आ जाती है।
- शरीर पर गहरा जख्म होना : अपेंडिसाइटिस चोट लगने के कारण भी हो सकता है। जब किसी व्यक्ति को आंतरिक चोट लगती है, जिसे वह लंबे समय तक नहीं जान पाता है।
अपेंडिसाइटिस के लक्षण (Symptoms of Appendicitis in Hindi)
- पेट फूलना
- उल्टी और मतली
- गैस बनना
- बुखार
- कब्ज या दस्त
- नाभि के ऊपर और पेट के निचले हिस्से में दर्द
- कूदने, खांसने आदि गतिविधियों में पेट में तेज दर्द महसूस होना।
अपेंडिसाइटिस के लिए टेस्ट ?
- ब्लड टेस्ट (Blood test ) : आपको बता दें की अपेंडिसाइटिस के इलाज से पहले डॉक्टर मरीज के ब्लड टेस्ट करवाने को कहता हैं, जिसके माध्यम से अपेंडिसाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इसकी स्थिति का पता चलता है।
- यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infection): रक्त परीक्षण के अलावा सर्जन अपेंडिसाइटिस के इलाज के लिए डॉक्टर यूरिन टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकता है।
- इमेजिन टेस्ट (Imaging tests) : आखिर में डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते हैं दरअसल इसमें उस हीस्से को स्कैन किया जाता है, जिसमें आमतौर पर 15 से 90 मिनट भी लग सकते हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन से हिस्सा को स्कैन करना है।
अपेंडिसाइटिस के इलाज कैसे किया जाता है?
आपको बता दें की सर्जरी के कई प्रकार होते हैं लेकिन यह कुछ कारकों पर निर्भर करता है और डॉक्टर पहले मरीज के स्वस्थ को देखता है और चिकित्सा इतिहास भी देखता है। जब सर्जन मरीज के स्वास्थ्य को अच्छे जाँच कर लेता है, तो वह एपेंडेक्टोमी के दो सामान्य प्रकारों में से किसी एक का उपयोग करता है।
ओपन सर्जरी (Open surgery): यह प्रक्रिया संक्रमित उपांगों को हटाने के “पारंपरिक” दृष्टिकोण से अधिक है। इस प्रक्रिया के दौरान, सर्जन मरीज के पेट पर चीरा लगता है ताकि वह अपेंडिक्स का पता लगा सके। फिर इसे आपके शरीर से अलग कर देता है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद सर्जन टांके की मदद से उस कट को सिल देता है।
लैप्रोस्कोपिक एपेन्डेक्टॉमी (Laparoscopic appendectomy): जैसे की आपको मालूम है कि यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है इस प्रक्रिया में एक छोटे कैमरे की मदद से इलाज की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। लैप्रोस्कोप में एक पतली ट्यूब होती है इसके लिए मरीज के शरीर में एक छोटा चीरा लगाया जाता है, जिसे सर्जन द्वारा अपेंडिक्स को देखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साइट पर चिकित्सा उपकरण ले जाने के लिए अन्य चीरे लगाए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को सर्जन टीवी मॉनिटर की मदद से पूरा करता है।
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