इंसान के शरीर में कुछ रोग ऐसे होते हैं, जिनका नाम सुनते ही मन में एक डर बैठ जाता है। जैसे कैंसर और ब्रेन ट्यूमर। यह ऐसे बिमारियों के नाम है जिन्हे सुनते ही हम सब के मन में एक भयानक ड़र बैठ जाता है और यही लगता है की अब तो इंसान बचेगा ही नहीं, या ऐसा लगने लगता है बस लाइफ में कुछ नहीं बचा और जीवन अब खत्म ही समझो। ट्यूमर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, लेकिन ब्रेन में होने वाला ट्यूमर अपने साथ कई सवाल लेकर आता है। आपको बता दें की ब्रेन ट्यूमर के मामले में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि शुरुआत के समय इसका पता नहीं लगता है। आधे मरीज साल भर बाद ही जान पाते हैं कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है। 10 से 15 प्रतिशत मरीजों को ब्रेन ट्यूमर का पता पांच साल बाद चलता है। आज हम जानेंगे की क्या है इसके कारण,लक्षण और उपाए।
ब्रेनट्यूमर क्या है?
ब्रेनट्यूमर इंसान के मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का एक संग्रह होता है। जो खोपड़ी (स्कल) के अंदर असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि समस्या पैदा कर सकती है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरजन्य (मैलिग्नेंट) या कैंसर रहित (बिनाइन) हो सकता है, जब ये ट्यूमर बढ़ता है। तो वे आपकी खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ाता है, ये मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता हैं और ये जीवन को खतरे में डाल देता है।
क्या है ब्रेनट्यूमर के कारण
बढ़ती उम्र : वैसे तो आज कल ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है लेकिन देखा गया है की ब्रेन ट्यूमर की समस्या वृद्ध लोगो को ज्यादा होती है।
घर में किसी को ब्रेट्यूमर का होना : यदि आपके परिवार में किसी को भी ब्रेन ट्यूमर है तो ये भी इसका एक कारण हो सकता है ये आपकी आने वाली पीढ़ी के किसी भी व्यक्ति को हो सकता है।
दौरा पड़ना : यदि किसी व्यक्ति को दौरे पड़ते है तो ये भी इसके मुख्य कारणों में से एक है, क्योंकि दौरा का सीधा असर इंसान के दिमाग पर ही पड़ता है। जिसकी वजह से ब्रेन में ट्यूमर की समस्या पैदा हो जाती है।
क्या है ब्रेनट्यूमर के लक्षण
- ब्रेन ट्यूमर के सबसे आम और पहला लक्षणों में से एक सिरदर्द का बार-बार होना या बढ़ना। सर में दर्द सुबह के वक़्त ज्यादा तेजी से होना।
- शरीर में कमजोरी महसूस होना।
- हाथ-पैर के संतुलन में दिक्कत।
- दूर का देखने या सुनने में कठिनाई होना
यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो आप हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते है।
क्या है इससे बचने के उपाए
सर्जरी: ब्रेन ट्यूमर होने पर, सर्जरी की जाती है ट्यूमर को सही करने के लिए न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया के द्वारा अधिकतम ट्यूमर को दूर करने की कोशिश की जाती है।
रेडियोथेरेपी : कभी-कभी डॉक्टर्स रेडीएशन थेरपी का भी इस्तेमाल करके ब्रेन के ट्यूमर को कम करने की कोशिश करते है और बाद में उसे बाहर निकालते है।
कीमोथेरेपी : कीमो और थेरेपी ये दोनों शब्दों को मिलकर बना है कीमो का अर्थ है केमिकल और थैरेपी का अर्थ है उपचार मतलब केमिकल के जरिये किया जाने वाला उपचार जिसे हम कीमोथेरेपी कहते है। कीमोथेरेपी उपचार में एंटी-कैंसर दवाओं का उपयोग कैंसर की कोशिकाओं को मारने या दोगुना होने से रोकने के लिए किया जाता है।
स्टेरॉयड : इसका इस्तेमाल ब्रेन ट्यूमर के आसपास होने वाली सूजन को कम करने और रोकने के लिए किया जाता है। इंसान के शरीर में स्टेरॉयड सामान्य रूप से बनने वाले हार्मोन होते हैं। लेकिन आज कल ये दवाओं के रूप में भी मिलते हैं। कई डॉक्टर्स इसकी दवाए देकर भी ट्यूमर के मरीज का इलाज करते है।
आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी समस्या है जिसके होने पर कोई भी व्यक्ति घबरा जाता है, क्योंकि इस बीमारी का पता लोगो को काफी बाद में चलता है। यदि इसका उपचार सही समय पर किया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है जिससे किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
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