दिल के रोगीं के लिए अच्छी है चॉकलेट, जानिए इसके फायदे

ठंड के दिनों में एक दिल के रोगी को अपना बहुत ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि ठंड में खून की थिकनेस बढ़ जाती है, जिसकी वजह से नसों में खून का प्रवाह कम होता है। लेकिन क्या आपको मालूम है की एक दिल के रोगीं के लिए चॉकलेट खाने के क्या फायदे है, तो आपको बता दें की ये उनके लिए बेहद फायदेमंद होती है।

 

दरअसल इन्हें लेकर कुछ शोध भी हुए है, जिनमें ये देखा गया है की इनसे दिल के मरीज को फायदा हुआ है। जब भी-कभी चॉकलेट की बात आती है तो हर किसी का मन ललचाने लगता है। फिर चाहे वो छोटा हो या बड़ा और उसे चॉकलेट की क्रेविंग होने लगती है। आखिर एक दिल के रोगी के लिए चॉक्लेट को खाने के क्या फायदे है आइये उन्हें जानते है।

 

 

 

दिल के रोगी के लिए चॉकलेट के फायदे

 

 

चॉक्लेट खाने से दिल के रोगी को स्ट्रोक का खतरा कम रहता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि चॉकलेट उच्च रक्तचाप और मधुमेह से बचा सकती है।

 

 

 

ब्लड प्रेशर रहता है नियंत्रित

 

एक दिल के रोगी के लिए बहुत जरुरी है की उसका ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहे, क्योंकि इससे उसके दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ये आपके ब्लड क्लॉट्स को जमने से रोकने में हेल्प करती है। डार्क चॉकलेट खाने से आर्टीरियोस्केलेरॉसिस (आर्ट्रीज का कठोर होना) को भी रोकने में मदद मिलती है।

 

 

खून का दौरा रहता है बेहतर

 

चॉक्लेट खाने से दिल के रोगी के शरीर में खून का दौरा बेहतर तरीके से होता है। जिससे आप खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं, जब किसी मधुमेह रोगी की शुगर कम होने लगती है तो उसे चॉक्लेट खिलाई जाती है। ताकि उसके शरीर में खून का दौरा सही तरीके से हो सके।

 

 

दिमाग को रखती है फ्रेश

 

जब आपके मन में उदासी रहती है या किसी बात की चिंता रहती है तो आपको चॉक्लेट खानी चाहिए। इससे आपके दिमाग को एक फ्रेशनेस महसूस होगी और आपका अपने काम में भी मन लगा रहेगा। लेकिन ज्यादा कड़वी चॉक्लेट न खाएं।

 

 

तनाव को कम करती है

 

एक दिल के रोगी को अक्सर तनाव रहता है और उसे इस बात की चिंता लगी रहती है की वह कब ठीक होगा और उसे ये बीमारी कब तक झेलनी पड़ेगी। यदि आप इस तनाव को कम करना चाहते है, तो चॉक्लेट को खाएं इससे आपको काफी फायदा होगा।

 

 

ब्लड ग्लूकोज रहता है नियंत्रित 

 

कई दिल के मरीज ऐसे है जिन्हें मधुमेह होता है तो ऐसे में उन्हें अपने मधुमेह के साथ दिल का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। इन लोगों को डार्क चॉकलेट का सेवन करना चाहिए इससे उनकी आर्ट्रीज हेल्दी रहती है और खून का दौरा सही रहने से टाइप-2 डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है।

 

 

कोलस्ट्राल को कम रखती है

 

यदि आप अपने उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपको चॉकलेट का सेवन करना चाहिए। अगस्त 2005 में प्रकाशित एक परीक्षण में, लोगों ने 15 दिनों के लिए डार्क चॉकलेट खाई उनकी हाईपरटेंशन में औसतन 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल – “खराब कोलेस्ट्रॉल” जो हृदय रोग के उच्च जोखिम से जुड़ा होता है उसकी मात्रा चॉक्लेट खाने के बाद कम पाई गई ।

 

 

चॉकलेट से स्ट्रोक का खतरा होता है कम 

 

कुछ शोध में ये पाया गया है कि चॉकलेट स्ट्रोक के जोखिम को काफी हद तक कम करती है। स्ट्रोक कई लोगों के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता है। लेकिन जो लोग डार्क चॉकलेट का सेवन करते है उनमें रक्त संचार बेहतर तरीके से होता है और उन लोगों में स्ट्रोक का खतरा कम रहता है।

 

 

 

चॉकलेट कितनी प्रकार की होती है

 

डार्क चॉकलेट एक दिल के रोगी के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। इसका सेवन करने से शारीरिक शक्ति में भी वृद्धि होती है। इसमें घुलनशील फाइबर की थोड़ी मात्रा होती है और यह खनिज तत्वों के साथ भरी हुई होती है। इसके प्रकार है मिल्क चॉक्लेट (Milk chocolate), वाइट चॉक्लेट (White chocolate), फ्रूट एन नट चॉकलेट (Fruit and nut chocolate) आदि। ये सभी चॉक्लेट आज कल आसानी से सभी जगह मिल जाती है।

 

 

एक दिल के रोगी को डार्क चॉक्लेट का सेवन करना चाहिए। ये उनके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। दिल के मरीज को साँस से जुड़ी समस्या होने का भी खतरा रहता है। दिल के मरीज को स्वस्थ जीवन बिताने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। उन्हें डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों के साथ व्यायाम आदि करके खुद को स्वस्थ रखना पड़ता है।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।