लिवर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया को हेपेटोलॉजिस्ट करता है। लिवर ट्रांसप्लांट उस स्थिति में किया जाता हैं जब लिवर से सम्बंधित कोई गंभीर समस्या हो जाए तथा लिवर सही से काम करना बंद कर दे। लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में खराब लिवर को स्वस्थ लिवर से बदल दिया जाता है। लिवर खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे की मोटापा, फास्ट फूड, शराब का अधिक सेवन से लिवर जल्दी खराब होता है। आज इस लेख में हम बात करेंगे की लिवर ट्रांसप्लांट से सम्बंधित महत्वपूर्ण सवाल कौन से होते हैं?
लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद लाइफ कितनी होती है?
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद व्यक्ति सामान्य ज़िन्दगी व्यतीत कर सकता हैं। लिवर एक ऐसा अंग होता हैं जो की समय के साथ अपने सामान्य आकार में आ जाता हैं। लिवर ट्रांसप्लांट होने के बाद मरीज को अपने खान-पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए जिससे की वह कुछ महीने बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाए।
2. भारत में लिवर ट्रांसप्लांट की लागत क्या है?
भारत में लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की कुल लागत लगभग 12,00,000 रुपये से लेकर 20,00,000 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, यह लागत अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग हो सकती है।
3. लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद जीवित रहने की दर क्या है?
लगभग 85% – 90% बच्चे और वयस्क ट्रांसप्लांट के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने के लिए पर्याप्त रूप से अच्छा करते हैं और उनमें से 75% लोग कम से कम 5 साल तक जीवित रहते हैं। हालांकि, आपके सफल लीवर ट्रांसप्लांट और लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना आपकी वर्तमान स्थिति पर निर्भर करती है।
4. क्या लिवर डोनेशन संभव है?
लिवर डोनेशन एक ऐसी प्रक्रिया हैं जो कि जीवित और मृत व्यक्ति दोनों कर सकते हैं। भारत में अधिकतर लिवर डोनेट जीवित व्यक्ति के द्वारा ही किये जाते हैं। लिवर एक ऐसा अंग हैं जो कि समय के साथ अपने आकार में आ जाता हैं।
5. लिवर ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली में सबसे अच्छे अस्पताल कौन-कौन से हैं ?
- इंदप्रस्थ अपोलो अस्पताल
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
- मणिपाल अस्पताल
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
- वेंकटेश्वर अस्पताल
6. लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता क्यों है?
जब अन्य सभी विकल्प विफल हो जाते हैं तो डॉक्टरों द्वारा दिए गए उपचार का अंतिम विकल्प लिवर ट्रांसप्लांट होता है। सबसे आम स्थिति जिसके लिए लिवर ट्रांसप्लांट क्रोनिक लिवर डिजीज में किया जाता है, जो धीरे-धीरे कई महीनों या वर्षों में होता है। लिवर सिरोसिस मुख्य कारण है जो की जिगर की बीमारी का कारण बनता है।
7. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद देखभाल कैसे करें?
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में छह महीने तक का समय लग सकता है। आप अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं तथा लिवर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को अपने खान-पान का भी अधिक ख्याल रखना चाहिए।
8. क्या लिवर सिरोसिस में लिवर ट्रांसप्लांट करवाना आवश्यक होता हैं ?
लिवर सिरोसिस लिवर की बीमारी का अंतिम चरण माना जाता हैं जिसमें लिवर ख़राब होने से पहले लिवर पर निशान पड़ने लगते हैं उससे उससे लिवर सिरोसिस कहते हैं। यदि यह बीमारी अंतिम चरण तक पहुंच जाती हैं तो लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नज़र नहीं आता।
9. हेमोक्रोमैटोसिस में लिवर ट्रांसप्लांट क्यों होता हैं ?
भोजन में अधिक आयरन शरीर में अवशोषित करने की स्थिति को हेमोक्रोमैटोसिस (आयरन की अधिकता) कहते हैं। इस बीमारी से खून में आयरन की मात्रा अधिक हो जाती हैं अधिक आयरन शरीर में होने की वजह से वह लिवर, हृदय तथा अग्राशय और जोड़ो में जम जाता हैं यदि इस बीमारी का इलाज समय पर न हो तो इससे शरीर के अनेक अंग खराब हो सकते है। माना जाता हैं यदि यह बीमारी अधिक बढ़ जाए तो लिवर ट्रांसप्लांट सबसे सही विकल्प रहता हैं।
10. लिवर ट्रांसप्लांट की सर्जरी किस प्रकार होती हैं ?
लिवर ट्रांसप्लांट करने के लिए पेट में एक लंबा चीरा लगाया जाता है तथा ख़राब लिवर को बाहर निकला जाता हैं और उसकी जगह पर स्वस्थ लिवर पूरा या फिर उसका कुछ हिस्सा लगाया जाता हैं सर्जरी के बाद, डॉक्टर सर्जिकल धागे और स्टेपल की मदद से पेट के चीरे को सील कर देता है। इसके बाद उन्हें आईसीयू में रखा जाता है तथा इस सर्जरी में 3 से 5 घंटे लग जाते हैं।
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