कम लागत में करवाई गले के कैंसर का टेस्ट।

भारत में कैंसर अधिक देखने को मिलता हैं यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय बनता हैं क्योकि समय के साथ इसकी गंभीरता बढ़ती जाती हैं। कैंसर अलग-अलग प्रकार के होते हैं सभी का इलाज समय पर होना जरुरी होता हैं। कैंसर के शुरुआत में ही इसका इलाज सम्पूर्णरूप से संभव होता हैं अन्यथा यह आखिरी चरण पर आने के बाद जानलेवा साबित होता हैं इसलिए शुरुआत में ही डॉक्टर के पास जाएं और इसका इलाज करवा लें

 

 

 

गले का कैंसर क्या हैं ?

 

 

गले का कैंसर एक प्रकार का कैंसर हैं। यह एक ऐसी बीमारी हैं जिसमें आसामन्य कोशिकाएं तेजी से और अनियांत्रित रूप से बढ़ती हैं। आसामन्य कोशिकाओं की इस वृद्धि को ट्यूमर के नाम से जाना जाता हैं जब कोशिकाओं की यह आसामान्य वृद्धि गले में उत्पन्न हो जाती हैं तो यह गले का कैंसर बन जाता हैं।

 

 

 

गले के कैंसर के प्रकार।

 

 

  • नासॉफिरिन्जियल कैंसर
  • ऑरोफरीन्जियल कैंसर
  • हाइपोफरीन्जियल कैंसर
  • ग्लोटिक कैंसर
  • सुप्राग्लॉटिक कैंसर
  • सबग्लॉटिक कैंसर

 

 

 

गले में कैंसर होने के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?

 

 

गले में होने वाले कैंसर के सामान्य संकेत और लक्षण निम्न हैं जैसे की-

 

 

 

 

गले के कैंसर की जाँच कैसे होती हैं ?

 

 

गले के कैंसर की जाँच के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और शारीरिक परीक्षा लेते हैं। यदि गले में किसी प्रकार की गांठ होती उसकी जाँच भी करते हैं जिसके लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं जैसे की –

 

  • एंडोस्कोपी: एंडोस्कोपी में डॉक्टर गले में एक पतली लचीली ट्यूब जिसके आगे कैमरा होता हैं (एंडोस्कोप), गले में डाल के परिक्षण करते हैं।

 

  • बायोप्सी: बायोप्सी में डॉक्टर सर्जरी करते हैं जिसमें की एंडोस्कोप या सुई का उपयोग करके मरीज के गले से एक टिश्यू निकालकर उसका परिक्षण करते हैं।

 

  • इमेजिंग टेस्ट: एक्स-रे, सीटी स्कैन यह दिखा सकता हैं की कैंसर गले से बाहर शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुँचा हैं या नहीं।

 

 

 

गले के कैंसर की जाँच के लिए टेस्ट की लागत कितनी हैं ?

 

 

भारत में सभी प्रकार के कैंसर के टेस्ट के लिए उनकी लागत अलग-अलग होती हैं तथा यह अस्पताल और लैब पर भी निर्भर करता हैं की मरीज किस अस्पताल और लैब में टेस्ट करवा रहा हैं। भारत के सभी अस्पताल में गले के कैंसर के टेस्ट लगभग 5000 से 7000 रूपए के बीच होते हैं।

 

 

 

गले के कैंसर का इलाज किस प्रकार होता हैं ?

 

 

गले के कैंसर का इलाज गले की पूरी जाँच होने के बाद ही शुरू होता हैं इसका इलाज कैंसर की स्थिति पर निर्भर करता हैं। डॉक्टर के अनुसार इसका इलाज कुछ इस प्रकार होता हैं जैसे की –

 

  • कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग करती है। गले के कैंसर के इलाज में विकिरण चिकित्सा के साथ अक्सर कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। कुछ कीमोथेरेपी दवाएं कैंसर कोशिकाओं को विकिरण चिकित्सा के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती हैं। लेकिन कीमोथेरेपी और विकिरण चिकित्सा के संयोजन से दोनों उपचारों के दुष्प्रभाव बढ़ जाते हैं। अपने चिकित्सक से उन दुष्प्रभावों के बारे में चर्चा करें जिनका आप अनुभव कर सकते हैं और क्या संयुक्त उपचार उन प्रभावों से अधिक लाभ प्रदान करेंगे।

 

  • सर्जरी: गले के कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी का उपयोग किया जाता हैं जब कैंसर गले तक ही सिमित हो तो एंडोस्कोप के उपयोग से डॉक्टर इसकी सर्जरी करके खत्म कर देते हैं तथा कैंसर अगर गले से गर्दन तक फैल गया हो तो डॉक्टर सर्जरी के द्वारा लिम्फ नोड्स को हटाने की कोशिश करते हैं।

 

  • इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी कैंसर से लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करती है। आपके शरीर की रोग से लड़ने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली आपके कैंसर पर हमला नहीं कर सकती है क्योंकि कैंसर कोशिकाएं प्रोटीन उत्पन्न करती हैं जो उन्हें प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं से छिपाने में मदद करती हैं। इम्यूनोथेरेपी उस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करके काम करती है। इम्यूनोथेरेपी उपचार आम तौर पर उन्नत गले के कैंसर वाले लोगों के लिए आरक्षित होते हैं जो मानक उपचार का जवाब नहीं दे रहे हैं।

 

 

 

गले के कैंसर के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।

 

 

 

यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

 

 

 

गले ले कैंसर के मरीज को क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए ?

 

 

यदि किसी मनुष्य को कोई भी बीमारी होती हैं तो डॉक्टर मरीज को दवाइयों के इलाज के अलावा कुछ खाद्य पदार्थो से परहेज और कुछ खाद्य पदार्थ को अधिक खाने की सलाह देते है ऐसी ही गले के कैंसर में भी होता हैं। गले में कैंसर होने पर डॉक्टर कुछ इस तरह की सलाह देते हैं जैसे की-

 

 

  • ब्रोकली: ब्रोकली को गले के कैंसर के लिए लाभदायक माना जाता हैं क्योकि ब्रोकली में एंटी -इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो की कैंसर के कारण गले में हुई सूजन और दर्द को कम करता हैं।

 

  • धूम्रपान: गले के कैंसर से ग्रसित मरीज को सिगार और अन्य धूम्रपान पदार्थो से दूरी बनानी चाहिए क्योकि धूम्रपान जैसे पदार्थो में निकोटिन होता हैं जो की कैंसर को गंभीर बनाता हैं तथा उसकी स्थिति को बढ़ाता और खराब करता हैं।

 

  • संतरा: इस रोग से ग्रसित मरीज को अपने रोजाना डाइट में संतरा शामिल करना चाहिए क्योकि इसमें विटामिन -ए, और विटामिन – सी तथा प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती हैं यह पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं तथा गले के कैंसर के लिए भी अत्यधिक लाभदायक होता हैं।

 

  • टमाटर: टमाटर में लाइकोपीन नामक एक फाइटोकेमिकल होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है और प्रोस्टेट कैंसर के कम जोखिम से जुड़ा हो सकता है। टमाटर विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ जैविक सोडीयम, फासफोरस, कैल्शीयम, पोटैशीयम, मैगनेशीयम और सल्फर का अच्छा स्रोत है। टमाटर में मौजूद ग्लूटाथीयोन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और प्रास्ट्रेट कैंसर से भी शरीर की सुरक्षा करता है।

 

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