आखिरी बार आपने कब डिटॉक्स किया था ? अगर आप डिटॉक्स डाइट पर जाने की सोच रहे है तो एक बार आपको हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन (Herbal detoxification) के बारे में भी सोचना चाहिए। मौसम में बदलाव और आपके खान-पान की गलत आदतें ही आपके शरीर में आमतौर पर संक्रमण और बीमारियों का कारण बनती हैं। ये हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को भी कमजोर करती है। यदि आप एक संतुलित मात्रा में आहार और हल्के खाद्य पदार्थों का सेवन करेंगे तो आप अपने शरीर को आसानी से स्वस्थ रख पाएंगे।
क्या आप जानते हैं कि हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन (Herbal detoxification) आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता हैं और यह सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। ऐसा करने से आपके पूरे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है। ऐसा करने से आप कई मामूली संक्रमणों से बचे रहेंगे। इससे आपके लीवर और किडनी से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन क्या है ?
हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन, ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्होंने इसका नाम भी पहली बार सुना होगा। लेकिन सुनने में यह बहुत ही अच्छा लगता है। दरअसल इसमें पूरी तरह से हर्बल चीजों का इस्तेमाल किया जाता है अगर हम गाँव की भाषा में बात करें तो यह जड़ी बूटियों वाला डिटॉक्सकॉफिकेशन है। जिसका इस्तेमाल भारत में प्राचीन काल से किया जा रहा है इसी को अंग्रेजी में हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन का नाम दिया गया है।
हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन की जरुरत कब होती है
- त्वचा से जुड़े संक्रमण
- किसी भी प्रकार की एलर्जी
- पाचन तंत्र ठीक ना रहना
- पेट का भरा हुआ महसूस होना
यदि आपको अपने शरीर में इस तरह के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन एक बार जरूर कराना चाहिए। हमें यकीन है की आपको इससे बहुत फायदा होगा।
कैसे करें हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन
ग्रीन टी (Green tea)
लिवर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ग्रीन टी कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है, ये वजन कम करने में भी लोगों की मदद करती हैं। ये भी हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन का हिस्सा है। भारत में लोगों को जब से इसके फायदों के बारे में पता चला है तब से ग्रीन टी का निर्यात भारत में भी बढ़ा है।
पानी (Water)
जब भी आप अपनी बॉडी को डिटॉक्स करना चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं। इससे भी आपकी पूरी बॉडी का डिटॉक्सिफिकेशन बहुत अच्छे से होगा और ये आपके शरीर से विषैले पदार्थो को भी जल्दी बाहर निकालने का काम करता है।
नीम (Neem)
नीम स्वाद में तो बहुत ज्यादा कड़वी होती है, लेकिन ये आपके लिवर के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं और पाचन से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को तुरंत दूर करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है। यदि आप अपने दैनिक जीवन में नीम के पत्तों का सेवन करते हैं तो आप त्वचा से जुड़े कई तरह के संक्रमण से बचे रह सकते हैं। आपको त्वचा से जुड़ा संक्रमण तभी होता है जब आपका पेट खराब होता है।
धनिया (Coriander)
धनिये में जीवाणुरोधी (Antibacterial) डिटॉक्सीफाई (detoxify) और इम्यून को मजबूत करने वाले कारक होते हैं। यह पाचन में मदद करता है, मतली, पेट में ऐंठन और दर्द से राहत देता है और रक्त शर्करा को भी संतुलन में रखता है। यह लिवर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने का काम करता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को कम करने के लिए, आपको इसका सेवन अपने खाने में जरूर करना चाहिए।
पुदीना (Peppermint)
भारत में इसका प्रयोग काफी समय से किया जाता है, इसका ज्यादा प्रयोग लोग गर्मी के मौसम में करते हैं। क्योंकि ये आपके पेट में ठंडक बनाए रखता हैं। कई लोग इसका प्रयोग धनिये की चटनी में भी करते हैं, इससे चटनी और भी स्वादिष्ट हो जाती है। इसमें ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपको पेट से जुड़े संक्रमण से बचाते हैं।
तुलसी (Basil)
एंटी-बैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर तुलसी के टुकड़े शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। आप इसका जूस पी सकते हैं या चाय में इसका प्रयोग कर सकते हैं। आप तुलसी और नीम के पत्तों का उपयोग अलग-अलग कर सकते हैं।
बिछुआ (Nettle)
एक ताजा जंगली बसंत हरा बिछुआ परंपरागत रूप से त्वचा के संक्रमण से बचने के लिए उपयोग किया जाता है, बिछुआ पूरे शरीर के साथ-साथ पूरे स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है। यदि आपको त्वचा से जुड़ा कोई संक्रमण है तो आप इसका इस्तेमाल जरूर करें।
ये जड़ी-बूटियां आपको कहीं भी आसानी से उपलब्ध होती हैं, और ये विषाक्त पदार्थों को शरीर से साफ करने का काम करती है। इसे हर्बल डिटॉक्सिफिकेशन कहा जाता है। यदि आप ज्यादा समय तक बीमार रहते हैं तो आपको एक बार हर्बल डिटॉक्स जरूर ट्राई करना चाहिए।
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