हर्पीस क्या है जाने इसके लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

हर्पीस, एचएसवी (herpes simplex virus) के कारण होने वाला एक संक्रमण है। यह विषाणु शरीर के बाहरी अंग, जननांग, गुदा क्षेत्र, श्‍लेष्मिक सतहों और शरीर के अन्‍य अंगों की त्‍वचा को प्रभावित करता है। हर्पीस एक लंबी अवधि तक रहने वाला संक्रमण है। कुछ लोगों में इसके कोई भी लक्षण (symptoms) नहीं दिखते हैं, जबकि वे इससे प्रभावित रहते हैं। हर्पीस होने के सामान्‍य लक्षणों में छाले, अल्‍सर, पेशाब करते समय दर्द, मुंह के छाले और योनि निर्वहन (vaginal discharge) में दर्द शामिल हैं। यद्यपि हरपीज के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं और घरेलू उपचारों (Home remedies) का उपयोग करके इसे ठीक किया जा सकता है।

 

हर्पीस के लक्षण और कारण क्‍या हैं और इसका निदान

 

 

हर्पीस के कारण

 

यह एक प्रकार का संक्रमण होता है जो हर्पस सिम्‍प्‍लेक्‍स विषाणु के द्वारा फैलाया जाता है। जब एक संक्रमित व्‍यक्ति की त्‍वचा की सतह पर HSV मौजूद रहता है तो इसे मुंह, गुदा और जननांगों (anus and genitals) के माध्‍यम से किसी अन्‍य व्‍यक्ति को आसानी से प्रेषित किया जा सकता है। यह वायरस त्‍वचा के अन्‍य क्षेत्रों के साथ ही आंखों के माध्‍यम से किसी अन्‍य व्‍यक्ति को फैल सकता है। यह संक्रमण दो प्रकार का होता है पहला HSV-1 जो आमतौर पर मुंह के छालों (cold sores) का कारण बनता है। दूसरा HSV-2 यह संक्रमण अधिकतर जननांग में होने वाली हर्पीस (genital herpes) का कारण बनता है।

 

HSV-1 संक्रमण के कारण

 

  • एक ही बर्तन से खाना खाने पर

 

  • होंठ में लगाने वाले बाम को साझा करने से

 

  • चुंबन करने पर

 

  • एक संक्रमित व्‍यक्ति में यह वायरस बहुत ही तेजी से फैलता है। वयस्‍क लोगों में इस प्रकार के संक्रमण की संभावना 30 से 90 प्रतिशत तक होती है।

 

  • एचएसवी 1 से संक्रमित व्‍यक्ति को जननांग हर्पीस भी हो सकता है यदि वह मुंह के छालों (cold sores) वाले किसी व्‍यक्ति के साथ उस समय मौखिक सेक्‍स करता है।

 

HSV-2 संक्रमण के कारण:

 

यह संक्रमण यौन संपर्क (sexual contact) के माध्‍यम से फैलता है। यह संक्रमण निम्‍न कारणों से फैलता है :

 

  • असुरक्षित योनि या गुदा सेक्‍स करने से

 

  • मुंह के छाले और घाव (cold sores) वाले व्‍यक्ति के साथ मौखिक यौन संबंध बनाने से

 

  • सेक्‍स खिलौने को साझा करने से

 

  • संक्रमित व्‍यक्ति के साथ जननांग संपर्क होने से

 

  • इन कारणों से संक्रमण के फैलने की संभावना सबसे अधिक होती है। यदि जन्‍म देने के दौरान मां को जननांग में हर्पीस घाव होता है तो यह संभव है कि संक्रमण बच्‍चे को भी हो सकता है।

 

हर्पीस के लक्षण

 

हर्पीस सिम्‍प्‍लेक्‍स वायरस के कारण हाने वाले संक्रमण को हर्पीस(Herpes) कहते हैं। यह संक्रमण मुंह पर घावों जैसे लक्षणों के साथ होता है।

अधिकांश लोगों को इससे ग्रसित होने के महिनों या सालों बाद तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कुछ लोगों को इस संक्रमण के लक्षण 4 या 5 दिनों में दिखाई देने लगते हैं। यह संक्रमण कई लोगों में बार बार (more frequently) हो सकता है। यदि यह संक्रमण एक बार किसी व्‍यक्ति को हो जाए तो इसकी पुनर्रावृति होने की संभावना अधिक होती है।

 

हर्पीस का इलाज

 

इस वायरस (Virus) के लिए वर्तमान में कोई इलाज नहीं है। उपचार के द्वारा घावों के प्रकोप को कम किया जा सकता है। उपचार के माध्‍यम से इसके वायरस को फैलने से रोका जा सकता है और इसके प्रभाव को कुछ हद तक कम भी किया जा सकता है। लेकिन उपचारों के माध्‍यम से हर्पस सिम्‍पलेक्‍स वायरस का इलाज नहीं किया जा सकता है।

 

हर्पिस उपचार की दवाएं : विषाणु –विरोधी (Antiviral) दवाएं आपके घावों के उपचार के समय को तेज करने और दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। लक्षणों को कम करने के लिए दवाओं का उपयोग झुनझुनी (tingling), खुजली और अन्‍य लक्षणों के पहले संकेतों पर उपयोग किया जा सकता है। जिन लोगों को इस प्रकार का संक्रमण होता है उन्‍हें अन्‍य दवाओं का भी उपयोग करना चाहिए ताकि यह इंफैक्‍सन फिर से ना हो पाए।

 

हर्पीस का घरेलू उपचार

 

गर्म पानी में नहाना या नहाते समय हल्‍की सफाई करने वाले उपकरणों का उपयोग करें। संक्रमित क्षेत्र को साफ और सूखा रखें। प्रभावित अंग को आरामदायक रखने के लिए ढीले सूती के कपड़े पहनें। अन्‍य घरेलू उपचार इस प्रकार हैं

 

  • हल्‍के नमकीन पानी से (Lightly salted) स्‍नान हरपीज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

 

  • प्रभावित क्षेत्र में पैट्रोलियम जेली (petroleum jelly) लगाएं।

 

  • यौन गतिविधी से बचे जब तक की लक्षण खत्‍म न हो जाए।

 

  • यदि पेशाब करने में दर्द हो रहा हो तो मूत्रमार्ग में कुछ क्रीम और लोशन लगाएं।
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