हाई ग्रेड कैंसर (High Grade Cancers) क्‍या है जाने इसके लक्षण और कैसे पता चलता है

हाई ग्रेड कैंसर (High Grade Cancers) एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें चार स्टेज होती है। इस बीमारी में चौथी स्टेज को बेहद खतरनाक माना जाता है। ट्यूमर (Tumor) से जुड़ी विस्तृत जानकारी देने वाले समूह वेबएमडी (WebMD) के मुताबिक, अधिकांश कैंसर (Cancer) के लिए, चरण I से IV होते हैं जिसमें चौथी स्टेज ज्यादा खतरनाक होती है। कैंसर की स्टेज को ए और बी के जरिए बांटकर देखा जाता है। हाई ग्रेड कैंसर में कोशिकाएं (Cells) सामान्य कोशिकाओं से अलग दिखाई देती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका असर तेजी से बढ़ता है। लो ग्रेड कैंसर (Low grade cancer) की तुलना में हाई ग्रेड कैंसर का उपचार (treatment) अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। जबकि लो ग्रेड कैंसर में, कैंसर कोशिकाएं (Cancer cells) सामान्य ऊतक (Tissue) की तरह दिखती हैं।

 

हाई ग्रेड कैंसर की स्टेज

 

0 स्टेज:  इस स्थिति में कोशिकाएं सामान्य स्थिति में नजर आती है, जिसका मतलब है कैंसर नहीं है।

 

पहली स्टेज: पहली स्टेज में कैंसर छोटा और एक जगह होता है। इस स्टेज को कैंसर की शुरुआती स्टेज भी कहा जाता है।

 

दूसरी और तीसरी स्टेज:

 

इस स्थिति में कैंसर बड़ा होने लगता है, जो ऊतकों या लिम्फ नोड्स में फैलने लगता है।

 

चौथी स्टेज: यह कैंसर की सबसे खतरनाक स्टेज होती है। इस स्टेज में कैंसर शरीर के बाकी अंगों में फैल जाता है। इसे एडवांस या मेटास्टैटिक कैंसर (Metastatic cancer) भी कहा जाता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (American cancer society) के मुताबिक, स्टेजिंग यह पता लगाने की प्रक्रिया है कि किसी व्यक्ति के शरीर में कैंसर कितना फैल रहा है और कहां-कहां फैल रहा है। इस तरह डॉक्टर एक व्यक्ति के कैंसर के चरण को निर्धारित करता है।

 

कैंसर के लक्षण  (cancer symptom )

 

कैंसर की प्रारम्भिक अवस्था में रोगी को पता ही नहीं चलता की उसे कैंसर हो चूका है ,ये बहुत ख़ामोशी से शरीर के अंदर फैलने लगता ,ज्यादातर रोगिओं में सेकण्ड या थर्ड स्टेज में कैंसर के लक्षण दिखने लगते है. कैंसर के कई लक्षण सामने आ सकते है परन्तु बार एक से तीन स्टेज तक इसके लक्षणों का पता नहीं चलता

  • समान्यता त्वचा में परिवर्तन या असहनीय दर्द
  • स्तन या निप्पल के आकार में बदलाव
  • स्तन की त्वचा की बनावट में बदलाव
  • स्किन के नीचे गांठ (ये गांठ सौम्य भी हो सकती है )
  • भयानक खांसी जो ठीक नहीं होती
  • पेट की अंतरिओ में गड़वड़ी
  • पेशाव करते समय भयानक दर्द
  • भूख कम हो जाना
  • भोजन खाते समय या बाद में असुविधा
  • भोजन का निवाला निगलने में कठिनाई
  • बजन का कम हो जाना
  • पेट में दर्द रहना
  • रात को बिना कारन पसीना आना
  • शरीर की बिभिन अंगो से रक्त का स्त्राव होना
  • मूत्र के साथ रक्त आना
  • खांसी के साथ रक्त आना
  • योनि से रक्त स्त्राव
  • गुदा मार्ग से रक्त स्त्राव
  • बिना परिश्रम के शरीर थका हुआ महसूस होना

 

ध्यान रहे ये सभी लक्षण कैंसर के मरीज को भी सकते है और सौम्य ट्यूमर (Benign tumor) या किसी और रोग के कारन भी हो सकते है ,अगर किसी को ये लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर से निदान करवाना चाहिए ,ताकि समय रहते उपचार किया जा सके। आमतौर पर, प्रारंभिक कैंसर (Early cancer) में दर्द महसूस नहीं होता । यदि ये लक्षण हैं, तो डॉक्टर को दिखाने से पहले दर्द महसूस करने की प्रतीक्षा न करें।

 

डॉक्‍टर्स के लिए भी मुश्किल

 

जिन लोगों में मेटास्टेसिस कैंसर (Metastasis cancer) पाया जाता है डॉक्टर के लिए ये पता लगा पाना बेहद मुश्किक होता है कि ये कैंसर आखिर शुरू कहा से हुआ। इलाज में जितनी देरी होगी हालात उतने काबू से बाहर हो जाते हैं। इस ग्रेड के कैंसर में इलाज काफी इंटेसिव (Intensive) यानी कि सघन होता है।

 

सबसे पहले कहां फैलता है मेटास्टेसिस कैंसर?

 

ट्यूमर के टूटने के बाद खून के जरिए यह कैंसर पूरे शरीर में फैलकर सबसे पहले हड्डियों (Bones) को अपना शिकार बनाता है. इसके बाद यह कैंसर फेफड़ों, लिवर और दिमाग में फैलता है. इसके बाद यह ट्यूमर गर्भाशय, मूत्राशय, बड़ी आंत और ब्रेन बोन (Brain bone) की तरफ रुख करता है।

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