आईवीएफ (IVF) की प्रक्रिया से पहले डॉक्टर से पूछे जाने वाले सवाल

आईवीएफ का मतलब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता हैं तथा यह एक तरह की प्रक्रिया हैं जिससे की कई लोगो को माँ-बाप बनने का सुख प्राप्त होता हैं। कई बार ऐसा होता हैं कि कई महिलाओं या फिर पुरुष में किसी समस्या के कारण बच्चा पैदा नहीं हो सकता हैं तो आईवीएफ उस समस्या का एक अच्छा समाधान होता हैं। भारत में आईवीएफ की मदद लेना अनेक लोगो के लिए सही साबित हुई हैं। आईवीएफ की प्रक्रिया के लिए भारत के कई अच्छे सेंटर हैं जिसमे की कई आईवीएफ पूर्णरूप से सफल हुए हैं।

 

 

 

आईवीएफ की प्रक्रिया से पहले डॉक्टर से पूछे जाने वाले सवाल-

 

 

नीचे कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हैं जो लगभग हर पेशेंट IVF उपचार से पहले पूछता है। आप भी इन सवालों को पूछ सकते हैं-

 

 

 

1. आईवीएफ की सफलता दर क्या है?

 

 

अधिकतर देखा जाता हैं कि आईवीएफ की सफलता दर इस प्रक्रिया से गुजरने वाली महिलाओं कि उम्र पर निर्भर करता हैं। महिलाओं की उम्र जितनी कम होती है, उतना ही आईवीएफ के सफल होने की संभावना अधिक होती हैं। 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं की सफलता दर 32% होता है, जबकि 40 वर्ष के करीब महिलाओं की सफलता दर 18-19% होता है।

 

 

2. आईवीएफ प्रक्रिया के विभिन्न चरण क्या हैं?

 

 

आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया में कई चरण होते हैं। प्रत्येक चरण महत्वपूर्ण है और सफल आईवीएफ प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। यहां आईवीएफ प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का विवरण दिया गया है:

 

 

  • प्रारंभिक परामर्श और मूल्यांकन
  • अंडाणु उत्तेजना (ओवेरियन स्टिमुलेशन)
  • अंडाणु पुनः प्राप्ति (एग रिट्रीवल)
  • स्पर्म संग्रह
  • फर्टिलाइजेशन (निषेचन)
  • भ्रूण संस्कृति (एम्ब्र्यो कल्चर)
  • भ्रूण स्थानांतरण (एम्ब्र्यो ट्रांसफर)
  • प्रेग्नेंसी टेस्ट
  • फॉलो-अप और समर्थन

 

 

3. भारत के अस्पतालों में आईवीएफ की लागत कितनी है?

 

 

भारत में आईवीएफ का खर्च INR 80,000 से INR 2,00,000 तक के बीच में होती हैं परन्तु यह तय नहीं रहती हैं। आईवीएफ का खर्चा भारत में होने वाले अस्पतालों और करने वाले चिकित्सकों पर निर्भर करता हैं।

 

 

4. क्या प्रक्रिया के दौरान कोई साइड इफेक्ट्स या जोखिम हैं?

 

 

आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान कुछ साइड इफेक्ट्स और जोखिम हो सकते हैं। इन्हें समझना महत्वपूर्ण है ताकि आप अच्छी तरह से तैयार हो सकें और किसी भी समस्या का समय पर समाधान किया जा सके। यहां कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स और जोखिमों की सूची दी गई है:

 

 

हार्मोनल उत्तेजना (ओवेरियन स्टिमुलेशन) से संबंधित:

 

 

हल्के साइड इफेक्ट्स:

 

  • मतली (नॉजिया)
  • सिरदर्द
  • गर्मी की लहरें (हॉट फ्लैशेज़)
  • मिजाज़ में बदलाव (मूड स्विंग्स)
  • सूजन और पेट में हल्का दर्द

 

 

5. क्या आईवीएफ की प्रक्रिया किसी दूसरे के स्पर्म या एग से की जा सकती है?

 

 

हाँ, आईवीएफ की प्रक्रिया किसी दूसरे के स्पर्म (शुक्राणु) या एग (अंडाणु) से की जा सकती है। इसे डोनर आईवीएफ कहा जाता है और यह उन जोड़ों या व्यक्तियों के लिए एक विकल्प हो सकता है जिनके अपने स्पर्म या एग का उपयोग संभव नहीं है।

 

 

6. क्या आईवीएफ दर्दनाक होता है?

 

 

आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया के कुछ हिस्से थोड़े असुविधाजनक या दर्दनाक हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश महिलाएं इसे सहन करने योग्य मानती हैं। हर व्यक्ति का अनुभव अलग हो सकता है, और दर्द की अनुभूति व्यक्तिगत होती है।

 

 

7. मुझे मिनी आईवीएफ कराना चाहिए या नार्मल आईवीएफ?

 

 

मिनी आईवीएफ और सामान्य (नार्मल) आईवीएफ के बीच चयन करते समय, आपके स्वास्थ्य, प्रजनन इतिहास, व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और डॉक्टर की सिफारिशों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। यहां दोनों प्रक्रियाओं के बीच अंतर और उनके फायदे और नुकसान की तुलना दी गई है, जिससे आप एक सूचित निर्णय ले सकें।

 

 

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