किडनी खराब होने के लक्षण और ठीक करने के उपाय

शरीर के कुछ अंग बहुत ही अहम होते हैं क्योंकि उनसे ही पूरे शरीर का सिस्टम सुचारू रूप से चलता है जिनमे से एक है गुर्दा। गुर्दा यानी किडनी जो शरीर के अन्य अंगों की तरह बेहद अहम और नाज़ुक होते हैं, इनके असन्तुलित हो जाने से पूरे शरीर की स्थिति बिगड़ जाती है, इसलिए इनका खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। आज के दौर में जैसे जैसे उन्नति होती जा रही है वैसे-वैसे किडनी रोग से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। जबकि बहुत सी छोटी-छोटी बातों को अपनाकर किडनी की बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

 

किडनी इंसान की मुट्ठी के साइज की होती हैं। यह रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ पाई जाती हैं। किडनी स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका सबसे महत्वपूर्ण काम खून को फ़िल्टर करके उसमें से खराब पदार्थों को यूरिन के रूप में शरीर से बाहर निकालना होता है और शारीरिक संतुलन बनाए रखना होता है। किडनी खून को साफ़ करके और उसमें से खराब पदार्थ , क्रियेटिनिन, यूरिया, पोटैशियम, जहरीले पदार्थ और आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर कर देता है। जब किडनी खून में उपलब्ध अधिक पानी को बाहर नहीं निकाल पाते हैं , तो उसकी वज़ह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तथा हृदय को अधिक काम करना पड़ जाता है।

 

किडनी से तीन हारमोन रेनिन, ऐरिथ्रोपोयटिन और कैल्सिट्रियाल निकलते हैं। रक्तचाप सामान्य होने पर रेनिन का स्राव होता है। ऐरिथ्रोपोयटिन खून के तत्वो को प्रेरित करता है, यह खून बनाने के लिए अति आवश्यक है। कैल्स्ट्रियाल हड्डियों में कैल्सियम तथा रासायनिक संतुलन बनाए रखती है। सामान्य रूप से वह 24 घंटे में से 1 से 2 लीटर जितना मूत्र बनाकर शरीर को निरोग रखता है। किसी वजह से यदि एक किडनी कार्य करना बंद कर दे अथवा दुर्घटना में खो देना पड़े तो उस व्यक्ति की दूसरी किडनी पूरा कार्य सँभालती है एवं शरीर को कमज़ोर होने से बचाकर स्वस्थ रखती है।

 

किडनी फेलियर क्या है

 

शरीर मे किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता है। लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने मे अक्षम हो जाते हैं तो इस स्थिति को हम किडनी फेलियर कहते हैं।

 

कैसे जानें

 

खून मे क्रिएट्नीन और यूरिया की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता का पता किया जा सकता है । वैसे तो किडनी की क्षमता शरीर की आवश्यकता से ज्यादा होती है इसलिए किडनी को थोड़ा नुकसान हो भी जाये तो भी खून की जाच मे कोई खराबी देखने को नहीं मिलती है। जब रोग के कारण किडनी 50 प्रतिशत से ज्यादा खराब हो जाती तभी खून की जांच मे यूरिया और क्रिएट्नीन की बढ़ी हुई मात्रा का प्रदर्शन होता है।

किडनी का विशेष सम्बन्ध हृदय, फेफड़ों, यकृत एवं प्लीहा के साथ होता है। ज्यादातर हृदय एवं किडनी परस्पर सहयोग के साथ कार्य करते हैं। इसलिए जब किसी को हृदयरोग होता है तो उसके किडनी भी बिगड़ती है और जब किडनी बिगड़ती है तब उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और वह व्यक्ति धीरे-धीरे दुर्बल भी हो जाता है।किडनी के रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इसका मुख्य कारण हमारे द्वारा हृदय रोग, दमा, श्वास, क्षयरोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों में किया जा रहा अंग्रेजी दवाओं का लम्बे समय तक अथवा आजीवन इस्तेमाल है।

 

किडनी खराब करने वाली आदतें

 

  • पेशाब आने पर करने न जाने से किडनी खराब हो सकती है।

 

  • पानी कम मात्रा में पीने से किडनी को खतरा रहता है।

 

  • बहुत ज्यादा नमक खाने से भी किडनी खराब हो सकती है।

 

  • यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है और अगर आप उसके ईलाज मे लापरवाही करते है तो उसका सीधा असर आपकी किडनी पर होता है।

 

  • शुगर के ईलाज मे लापरवाही करने से भी किडनी पर असर होता है।

 

  • अधिक मात्रा में मांस खाने से किडनी कमज़ोर हो सकती है।

 

  • दर्द नाशक दवाएं लगातार लेना किडनी के लिए बेहद हानिकारक होता है।

 

  • ज्यादा शराब पीने से लिवर के साथ साथ किडनी भी खराब होने लगती है।

 

  • काम के बाद जरूरी मात्रा मे आराम नहीं करने से किडनी पर बुरा असर पड़ता है।

 

  • अधिक मात्रा में साफ्ट ड्रिंक्स और सोडा पीने से आपकी किडनी फेल हो सकती है।

 

किडनी फेलियर के लक्षण

 

  • यदि आपको लगातार उल्टी हो रही हो तो आपकी किडनी खराब हो सकती है।

 

  • भूख न लगाना किडनी के खराब होने का संकेत है।

 

  • थकावट और कमजोरी महसूस होना भी किडनी के कमजोर होने का संकेत देती है।

 

  • यदि आपको नींद न आने की परेशानी लगातार हो रही हो तो यह एक लक्षण है किडनी खराब होने का।

 

  • पेशाब की मात्रा कम हो जाना भी किडनी खराब होने का संकेत देती है।

 

  • दिमाग ठीक से काम नहीं करना या कुछ समझने में मुश्किल का सामना करना भी किडनी की कमज़ोरी का संकेत है।

 

  • मांसपेशयों मे खिंचाव और आक्षेप आना किडनी खराब होने का एक संकेत है।

 

  • पैरों और टखने मे सूजन आना भी किडनी कमज़ोर होने का लक्षण है।

 

  • लगातार खुजली होने की समस्या को आप किडनी के कमजोर होने का लक्षण समझिए।

 

  • हार्ट मे पानी जमा होने पर छाती मे दर्द होना आपकी किडनी खराब होने का एक बड़ा सिम्पटम्स है।

 

  • हाई ब्ल प्रेशर जिसे कट्रोल करना कठिन हो तो समझ लीजिये आपकी किडनी कमज़ोर हो सकती है।

 

 

किडनी को ठीक करने के उपाय

 

एप्पल साइडर विनेगर

 

इसका प्रयोग कई शारीरिक जरूरतों के लिए किया जाता है। इसके अलावा किडनी संबंधी समस्याओं के बारे में भी काफी कारगर साबित होता है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल तत्व शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाते हैं जिसमें किडनी भी शामिल है। एप्पल साइडर विनेगर प्रयोग से किडनी में मौजूद स्टोन धीरे-धीरे अपनेआप खत्म हो जाता है। इसमें मूत्रवर्धक तत्व होते हैं जो किडनी से व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकालते हैं और किडनी को स्वस्थ रखते हैं।

 

विटामिन

 

कुछ खास तरह के विटामिन के सेवन से किडनी को स्वस्थ व मजबूत बनाया जा सकता है। यूं तो विटामिन पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन कुछ खास तरह के विटामिन का सेवन किडनी को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। विटामिन डी के सेवन से किडनी के रोगों के लक्षणों को कम किया जा सकता है। अगर आप हर रोज विटामिन बी6 का सेवन करें तो किडनी स्टोन की समस्या से बच सकते हैं या आप इस समस्या से ग्रस्त हैं तो बिना किसी डर इस विटामिन का सेवन कर सकते हैं। कुछ ही दिनों स्टोन की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी। इसके अलावा विटामिन सी के सेवन से किडनी को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है।

 

बेकिंग सोडा

 

ब्रिटिश शोधर्कर्ताओं के मुताबिक किडनी के रोगों से बचने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट का सेवन फायदेमंद होता है। इसके सेवन से किडनी के रोगों की गति को कम किया जा सकता है। बेकिंग सोडा की मदद से रक्त में होने वाली एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाती है जो कि किडनी की समस्याओं के मुख्य कारणों में से एक है।

 

नमक की मात्रा कम लें

 

किडनी की समस्या से ग्रस्त लोगों को अपने आहार पर खास ध्यान देना चाहिए। खाने में नमक व प्रोटीन की मात्रा कम रखनी चाहिए जिससे किडनी पर कम दबाव पड़ता है। इसके अलावा फासफोरस और पौटेशियम युक्त आहार से भी दूर ही रहना चाहिए।

 

सब्जियों का रस

 

किडनी की समस्या होने पर गाजर, खीरा, पत्तागोभी तथा लौकी के रस पीना चाहिए। इससे किडनी के रोगों से उबरने में मदद मिलती है और किडनी स्वस्थ रहती है। इसके अलावा तरबूज तथा आलू का रस भी गुर्दे के रोग को ठीक करने के लिए सही होता है इसलिए पीड़ित रोगी को इसके रस का सेवन सुबह शाम करना चाहिए।

 

मुनक्का का पानी

 

व्यक्ति को रात के समय में सोते वक्त कुछ मुनक्का को पानी में भिगोने के लिए रखना चाहिए तथा सुबह के समय में मुनक्का पानी से निकाल कर, इस पानी को पीना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करने से गुर्दे का रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

 

पानी ज्यादा पीएं

 

गुर्दे के रोगों से बचने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। इससे किडनी में मौजूद व्यर्थ पदार्थ यूरीन के जरिए बाहर निकल जाएगें और आप किडनी के रोगों से बचे रहेंगे। चाहें तों पानी में नींबू के रस को निचोड़ कर भी पी सकते हैं इससे शरीर को विटामिन सी व पानी दोनों साथ मिलेगा।

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