लिवर की टीबी के लक्षण क्या हैं जानिए कैसे होता है इसका इलाज

टीबी एक ऐसा संक्रमण है जो शरीर के विभिन्न अंगो को भी संक्रमित कर सकता है। हालांकि, फेफड़ों में होने वाला टीबी सबसे आम प्रकार है। दअरसल यह एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल जाता है। ये हवा के जरिए भी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल जाता है। लेकिन फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूट्रस, मुंह, किडनी, गले और लीवर में भी टीबी हो सकता है जो बेहद खतरनाक होता है। जब किसी व्यक्ति को टीबी होती है तो उसे ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं खाने को कहते हैं कुछ मरीजों के लिए यह दवा नुकसान भी कर सकती है और इससे लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है।

 

 

टीबी से लिवर पर बुरा असर कैसे पड़ता है? (How does TB affect the liver in Hindi)

 

टीबी सबसे आम बीमारियों में से एक है। आपको बता दें की टीबी और लिवर कई तरह से संबंधित हैं। लिवर की बीमारी टीबी के कारण या टीबी में विभिन्न तरह की दवाओं के खाने से लिवर को नुकसान हो सकता है। जिन्हें पहले से ही लिवर की बीमारी होती है उन मरीजों में टीबी विकसित हो सकता है। टीबी तीन रूपों में लिवर को प्रभावित कर सकता है। सबसे आम रूप है, जिसे पल्मोनरी या मिलिअरी ट्यूबरक्लोसिस (pulmonary or miliary tuberculosis) के साथ देखा जाता है। दूसरा ग्रैनुलोमैटस हेपेटाइटिस (granulomatous hepatitis) है और तीसरा, बहुत दुर्लभ रूप फोकल / लोकल ट्यूबरकुलोमा या एब्सेस (focal/local tuberculoma or abscess) के रूप में देखा जाता है।

 

 

लिवर की टीबी के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of TB of the liver in Hindi)

 

यदि किसी बीमारी के लक्षण पहले दिखने लगते हैं तो उसका इलाज जल्दी किया जा सकता है। ऐसे ही टीबी के भी कुछ लक्षण होते हैं जिससे आप इसके लक्षणों को आसानी से पहचान सकते हैं जैसे:

 

खांसी होना

कभी-कभी खांसी होना आम बात हो सकती है, लेकिन टीबी के मरीजों में खांसी के साथ मुंह से खून भी आता है। यदि आपको ऐसे लक्षण महसूस होते हैं तो जल्द से जल्द अपने  डॉक्टर से सलाह लें। यदि किसी व्यक्ति को 3 हफ्ते से ज्यादा खांसी हो रही है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

 

छाती में दर्द होना 

सीने में दर्द होना टीबी के सामान्य लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर ज्यादातर लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन बाद में टीबी के साथ-साथ और भी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

 

बुखार

टीबी के मरीजों में बुखार भी देखने को मिला है। अगर बुखार ज्यादा समय तक बना रहे तो टीबी की जांच अवश्य करानी चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा थकान भी टीवी का लक्षण होता है।

 

 

लिवर संक्रमण के प्रमुख लक्षण (Major symptoms of liver infection in Hindi)

 

 

 

  • भूख न लगना

 

 

  • लगातार वजन गिरना

 

  • हल्का बुखार बना रहना

 

  • उल्टी के साथ खून आना

 

 

लिवर की टीबी के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Best hospital for treatment of TB of liver in Hindi)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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टीबी की जांच के लिए 5 टेस्ट किए जाते हैं? (5 tests are done to check for TB in Hindi)

 

 

  • छाती का एक्स-रे (chest x ray): टीबी का बैक्टीरिया अधिकतर मामलों में फेफड़ों को प्रभावित करता है। इस दौरान सीने में दर्द, खांसी के साथ बलगम आने जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस स्थिति को पल्मोनरी टीबी कहा जाता है। इसके लिए डॉक्टर छाती का एक्स-रे करवाने का कहते हैं।

 

  • स्किन टेस्ट या मंटौक्स टेस्ट (Mantoux Test): मंटौक्स गुप्त टीबी की जांच के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला परीक्षण है।

 

  • एंडोस्कोपी: एक्सट्रापल्मोनरी टीबी की जांच करने के लिए डॉक्टर एंडोस्कोपी करवाने को कहता है। इसमें एक लंबी, पतली और लचीली ट्यूब का उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि टीबी के बैक्टीरिया से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी संक्रमित तो नहीं हुई है।

 

  • ब्लड टेस्ट: यह टीबी के लिए किया जाने वाला सबसे आम टेस्ट है। बहुत से मरीजों को डॉक्टर यह टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

 

  • इंटरफेरॉन गामा रिलीज ऐसे (Interferon-gamma release assay): इंटरफेरॉन गामा रिजीज ऐसे या टीबी इग्रा टेस्ट टीबी संक्रमण के लिए किया जाने वाला एक ब्लड टेस्ट है। टीबी का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। इसके अन्य टेस्ट में शामिल है सीटी स्कैन और एमआरआई।

 

 

लिवर की टीबी का इलाज कैसे होता है? (How is TB of the liver treated in Hindi)

 

टीबी होने पर आपका डॉक्टर दवा के साथ इलाज शुरू करता है। सक्रिय तपेदिक के लिए, आपको कम से कम छह से नौ महीने तक एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए। टीबी के लिए सटीक दवाएं और इलाज की अवधि मरीज की उम्र, उसके स्वास्थ्य, संभावित दवा प्रतिरोध और मरीज के शरीर में संक्रमण के स्थान पर निर्भर करता है।

 

टीबी की दवा देने से पहले डॉक्टर इन टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाता है कि मरीज के लिए कौन सी दवा सबसे उपयुक्त रहेगी। यह जरुरी नहीं है की ये समस्या हर टीबी के मरीज को होती है। इसके मामले अभी ज्यादा देखने को नहीं मिलते हैं। डॉक्टर क्वाड्रुपली थेरेपी (Quadruple therapy) का सुझाव देते हैं।

 

 

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