मेरठ के रहने वाले सौरभ की उम्र 30 साल है और उनका खुद का बिज़नेस है। सौरभ को लिवर ट्रांसप्लांट क्यों कराना पड़ा इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे। आपको बता दें लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी काफी महंगा ट्रीटमेंट है। डॉक्टर लिवर ट्रांप्लांट की सलाह तब देते हैं जब लिवर पूरी तरह से डैमेज हो जाता है और इसके अलावा मरीज के पास कोई और विकल्प नहीं बचता है। सौरभ के केस में भी ऐसा ही था। सौरभ को पहले पाचन संबंधी समस्या काफी ज्यादा होने लगी और इसके साथ ही उन्हें पूरे शरीर में बहुत खुजली होती थी। सौरभ ने कई डॉक्टरों से संपर्क किया लेकिन उन्हें फायदा नहीं हुआ।
सौरभ की स्वास्थ्य स्थिति दिनों दिन तेज़ी से खराब होने लगी जिसके बाद उन्होंने ऑनलाइन ट्रीटमेंट खोजना शुरू किया और उन्हें GoMedii के बारे में पता चला। GoMedii की टीम ने सौरभ से उनकी सभी रिपोर्ट्स मांगी और उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उन्हें मैक्स हॉस्पिटल में इलाज करवाने को कहा। आइए जानते हैं कैसे रही सौरभ की जर्नी हमारे साथ।
GoMedii के माध्यम से सौरभ का मैक्स हॉस्पिटल में हुआ लिवर ट्रांसप्लांट
जब मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर ने सौरभ की रिपोर्ट्स देखी तो इसके लिए डॉक्टर ने सौरभ के चिकित्सा और पारिवारिक इतिहास के बारे में पूछा, इसके बाद शारीरिक परीक्षण किया और आखिर में उन्हें ब्लड टेस्ट और अन्य टेस्ट कराने के लिए कहा। डॉक्टर ने सौरभ को एंटी-माइटोकॉन्ड्रियल एंटीबॉडी (एएमए) टेस्ट किया। दरअसल इस पदार्थ की उपस्थिति लगभग हमेशा पीबीसी की पुष्टि करती है। अब आप ये सोच रहें होंगे की ये पीबीसी क्या है?
पीबीसी को प्राइमरी बिलियरी कोलिन्जाइटिस के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह लिवर की बीमारी है जो लिवर में पित्त नलिकाओं को बाधित करती है जिसे इंट्राहेपेटिक पित्त नलिकाएं कहा जाता है। दरअसल पीबीसी का दवाओं के द्वारा कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी में आखिरी विकल्प केवल लिवर ट्रांसप्लांट ही होता है। लेकिन मरीज लिवर ट्रांसप्लांट के लिए स्वस्थ है या नहीं इसका निर्णय डॉक्टर करते हैं। सौरभ की उम्र कम थी इसलिए डॉक्टर ने सौरभ को लिवर ट्रांसप्लांट कराने को कहा।
जब डॉक्टर से इस बीमारी का कारण पुछा गया तो उन्होंने बताया की इस पर अभी रिसर्च चल रही है। सरौभ को पूरे शरीर में बहुत तेज खुली होती थी उनकी आंखे और शरीर पीला पड़ने लगा था। इसके अलावा सौरभ को भूख भी बहुत कम लगने लगी थी। डॉक्टर ने जांच के बाद लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह इसलिए दी क्योंकि यही इसका एक मात्रा इलाज था।
जिस वक्त सौरभ ने डॉक्टर से चेक उप कराया था तब डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके लिवर की हालत काफी खराब हो चुकी है और जल्द से जल्द उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत हैं। इसके लिए सौरभ के भाई ने उनकी मदद की और लिवर डोनर के रूप में सहायता की, इसके बाद डॉक्टर ने लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी।
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद सौरभ और उनके भाई दोनों ही स्वस्थ जीवन जी रहे हैं हालांकि लिवर डोनेट करने के कुछ समय बाद तक सौरभ के भाई को दर्द मेहसूस होता था लेकिन अब वह भी बिल्कुल ठीक हैं। डॉक्टर ने लिवर ट्रांसप्लांट के बाद सौरभ और उनके भाई को खान पान में परहेज करने को कहा क्योंकि इतनी बड़ी सर्जरी के बाद स्वस्थ होने के लिए परहेज जरुरी होता है।
लिवर की बीमारी के लक्षण
यह जरुरी नहीं कि लिवर की बीमारी में हमेशा कुछ संकेत और लक्षण देखने को मिले। लिवर की बीमारी के लक्षण में शामिल हैं:\
- त्वचा और आंखें पीली होना (पीलिया होना)
- पैरों और टखनों में सूजन
- शरीर में खुजली होना
- पेशाब के रंग में बदलाव
- मल का रंग पीला होना
- उलटी या मितली आना
- भूख में कमी
- त्वचा संबंधी समस्या होना
लिवर की बीमारी के लिए सामन्य टेस्ट कौन से हैं?
उपचार का मार्गदर्शन करने में लिवर की बीमारी के कारण का पता लगाना जरूरी होता है। आपका डॉक्टर आपके स्वास्थ्य इतिहास और पूरी तरह से शारीरिक जांच के साथ शुरुआत करते हैं। आपका डॉक्टर इनमें से कोई भी टेस्ट का सुझाव दे सकता हैं:
- ब्लड टेस्ट
- इमेजिंग टेस्ट
- बयोप्सी
लिवर की बीमारी का इलाज
लिवर की बीमारी का इलाज मरीज के निदान पर निर्भर करता है। कुछ लिवर की समस्याओं का इलाज जीवनशैली में बदलाव के साथ किया जा सकता है, जैसे शराब का सेवन न करना या अपने वजन को नियंत्रित करना। अन्य लिवर की समस्याओं का इलाज दवाओं के साथ भी किया जा सकता है। लेकिन आखिरी विकल्प के तौर पर लिवर ट्रांसप्लांट को ही एक सही विकल्प माना जाता है।
लीवर की सर्जरी कैसे की जाती है?
डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य के अनुसार लीवर सर्जरी का चुनाव करते हैं, लिवर सर्जरी करने के लिए आपका सर्जन लीवर के पास चीरा लगाएगा। डॉक्टर न्यूनतम इनवेसिव तकनीक (minimally invasive techniques) के माध्यम से मरीज का इलाज करेंगे।
डॉक्टर लीवर को अल्ट्रासाउंड करके खराब लिवर की पुष्टि करेंगे यदि लिवर पूरा डैमेज है तो लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा। लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी में 2 से 4 घंटे लगते हैं, हो सकता है कि इसमें ज्यादा समय लग जाए। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद आपका डॉक्टर और नर्स मरीज को उसे अपनी जीवनशैली में क्या बदलवा करने हैं।
यदि आप कम लागत में लीवर ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं या इससे जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर या Connect@gomedii.com के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम आप से जल्द से जल्द संपर्क करेगी।
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