लंग बायोप्सी कैसे होती हैं।

फेफड़ो से सम्बंधित बीमारियां अधिक घातक होती हैं यदि फेफड़ो से सम्बंधित बीमारियां अधिक हो तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। फेफड़ो की बीमारी का पता आसानी से नहीं चल पाता तथा इसके लक्षण भी सामान्य होते हैं। फेफड़ो से सम्बंधित बीमारी का पता लगाने के लिए एक परिक्षण होता है जिसे लंग बायोप्सी कहा जाता हैं। यह एक सर्जिकल जाँच प्रक्रिया होती हैं जिसमें एक सुई की मदद से फेफड़ो के कुछ टिश्यू को निकला जाता हैं और लैब में उसका परिक्षण किया जाता हैं यदि किसी मनुष्य को फेफड़ो से सम्बंधित कोई भी बीमारी होगी तो इस प्रक्रिया की मदद से डॉक्टर इसका पता लगा पाएंगे तथा उसी अनुसार बीमारी का इलाज भी कर पाएंगे।

 

 

 

लंग बायोप्सी के प्रकार –

 

  • निडिल बायोप्सी
  • ट्रांसब्रॉन्कियल बायोप्सी
  • थोरैकोस्कोपिक बायोप्सी
  • ओपन बायोप्सी

 

 

लंग बायोप्सी क्यों करी जाती हैं ?

 

 

लंग बायोप्सी करवाने की सलाह डॉक्टर मरीज को तब देते हैं जब अन्य परिक्षण में कोई बीमारी नज़र नहीं आती हैं। लंग बायोप्सी फेफड़ो से सम्बंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए की जाती हैं जैसे की –

 

  • लंग कैंसर या लंग ट्यूमर की स्थिति को जानने के लिए लंग बायोप्सी की मदद ली जाती है।

 

  • सारकॉइडोसिस करने के लिए।

 

  • सीवियर निमोनिया की जांच के लिए लंग बायोप्सी की आवश्यकता पड़ती हैं।

 

  • सिटी स्कैन में खराबी आने पर लंग बायोप्सी की जा सकती हैं।

 

  • फेफड़ो की अन्य बीमारी का पता लगाने के लिए लंग बायोप्सी होती हैं।

 

 

 

लंग बायोप्सी कैसे होती हैं ?

 

 

लंग बायोप्सी के कई अन्य तरीकों से की जाती हैं इसके चार प्रकार होते हैं और चारों बायोप्सी अलग-अलग तरीकों से की जाती हैं जैसे की –

 

निडिल बायोप्सी: इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को लोकल एनेस्थीसिया देकर प्रभावित अंग को सुन्न किया जाता है। इस दौरान सारी गतिविधिया चिकित्सक सिटी स्कैन में देख कर सुई को फेफड़ो में डाली जाती है। इसके बाद शरीर में सुई डालकर लंग के टिश्यू को निकाला जाता हैं और इसका परिक्षण किया जाता हैं।

 

 

ट्रांस ब्रांक्रियल बायोप्सी: इस प्रकार में ब्रॉन्कोस्कोप एक पतला ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है, इस पर टेलिस्कोप लगा होता है। इसे सांस नली के जरिये फेफड़ो में डाला जाता है।

 

 

थोरैकोस्कोपिक बायोप्सी: इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को पहले बेहोश किया जाता है। अब एंडोस्कोप चेस्ट कैविटी को सांस नली में डालेंगे। कई बार चिकित्सक फेफड़ो के जरिये भी डाल सकते है की फेफड़े की सटीक जांच हो सके।

 

 

ओपन बायोप्सी: इस प्रकार की बायोप्सी करने के पहले मरीज को बेहोश किया जाता है। इसके बाद मरीज के चेस्ट कैविटी त्वचा पर एक चीरा लगा दिया जाता है ताकि लंग के टिश्यू को बाहर निकाला जा सके। हालांकि मरीज के शरीर पर चीरा कितना लगाना होता है यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है।

 

 

 

लंग बायोप्सी की लागत कितनी होती हैं ?

 

 

लंग बायोप्सी की कीमत ₹3000 से शुरू होती है। लंग बायोप्सी की लागत कई कारकों के आधार पर विभिन्न अस्पतालों और केंद्रों में अलग-अलग होती है। भारत में लंग बायोप्सी की औसत लागत ₹9000 है, जबकि मूल्य सीमा ₹15000 तक पहुंच सकती है।

 

 

 

लंग बायोप्सी के लिए अच्छे अस्पताल।

 

 

लंग बायोप्सी के लिए हैदराबाद के लिए अच्छे अस्पताल-

 

 

 

लंग बायोप्सी के लिए मुंबई के अच्छे अस्पताल –

 

 

लंग बायोप्सी के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल –

 

 

लंग बायोप्सी के लिए फरीदाबाद के अच्छे अस्पताल –

 

 

लंग बायोप्सी के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

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