मैमोग्राफी टेस्ट क्या है और इसकी जरूरत किन महिलाओं को पड़ती है

 

मैमोग्राफी (Mammography) क्या है? किन महिलाओं को पड़ती है मैमोग्राफी कराने की जरुरत ? अगर आप महिला है, तो आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए। यह एक ऐसी आधुनिक तकनीक (modern technology) का हिस्सा है, जो महिलाओं के स्तनों की जांच करता है और उन्हें ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के बारे में अवगत कराता है। ब्रेस्ट कैंसर का वक्त रहते पता लगाने में मैमोग्राफी वाकई एक बहुत अच्छा विकल्प है।

 

हर महिला को मैमोग्राफी के बारे में पता होना चाहिए और उन्हें हर दो साल में खुद की मैमोग्राफी करवानी चाहिए। आज हम इस लेख में जानेंगे कि मैमोग्राफी क्या है, किसे कहते हैं और मैमोग्राफी कराने की प्रक्रिया क्या है।

 

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मैमोग्राफी क्या है

 

 

मैमोग्राफी (Mammography), या मैमोग्राम (Mammogram), स्तन का एक्स-रे (X-ray) है। यह एक स्क्रीनिंग उपकरण (Screening equipment) है, जिसका उपयोग स्तन कैंसर का पता लगाने और निदान करने के लिए किया जाता है।

 

इस प्रक्रिया में दोनों ब्रेस्ट का एक्स-रे अलग-अलग होता और कुछ सेकंड के लिए सांस रोकने को भी कहा जायेगा। इसमें स्तन संक्षिप्त और संकुचित करने के लिए दो प्लास्टिक की प्लेटों के बीच रखे जायेंगे। स्तन को दबाने से स्तन के टिशू (Tissue) फैलते हैं और स्तन का मोटे क्षेत्रों का एक स्पष्ट छवि प्रदान करता है। आपके स्तनों के आकार और संवेदनशीलता पर निर्भर करता है कि वे कैसे हैं, मैमोग्राफी के इस भाग के दौरान आपको कुछ हलकी असुविधा महसूस होगी। लेकिन दर्द नहीं होता है। सभी एक्स-रे पूरे होने के बाद आप फिर से तैयार हो सकते हैं।

 

 

किन महिलाओं को होती है मैमोग्राफी की जरूरत

 

 

मैमोग्राफी सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाओं का हो ये जरुरी नहीं हैं. अगर आपको ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका हो रही हो तो भी आप मैमोग्राफी करा सकती है। अगर स्तनों में कोई समस्या जैसे- गांठ या सूजन (Lump or swelling) है, तो डॉक्टर मैमोग्राफी करके पता लगा सकता हैं कि यह किस प्रकार की समस्या है। भौतिक परीक्षा (Physical examination) में अत्यंत छोटी गांठे प्रतीत नहीं हो सकती। लेकिन, मैमोग्राम द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है।

 

 

मैमोग्राफी प्रक्रिया से पहले क्या करना चाहिए

 

 

  • इस प्रक्रिया के जरिये ब्रेस्ट कैंसर का निदान होता है। यह एक एक्स-रे की तरह ही होता है, जिसका प्रयोग ब्रेस्ट कैंसर के निदान के लिए किया जाता है।

 

  • मैमोग्राफी के जरिये ब्रेस्ट के ऊतकों (Breast tissue) के इमेज को देख सकते है और इसके जरिए स्तन कैंसर की पहचान भी आसानी से हो सकती हैं।

 

  • जिस दिन मैमोग्राम होता है उस दिन पाउडर, लोशन, इत्र और क्रीम अपने ब्रेस्ट पर लगाने से बचें।

 

  • मैमोग्राफी के दौरान कुछ महिलाओं को बेचैनी हो सकती है क्योंकि, मैमोग्राम के दौरान कुछ समय के लिए सांसों को रोकने के लिए कहा जा सकता है।

 

 

  • यदि आपके ब्रेस्ट में कोमलता (Tenderness) है, तो आप अपने डॉक्टर से बताये और उनसे जांच कराएं।

 

  • जब भी मैमोग्राम कराएं उससे दो दिन पहले कैफीन (Caffeine) का सेवन न करे।

 

  • एक्स-रे के दौरान आपको कमर से ऊपर के सारे कपडे उतारने पड़ेंगे इसलिए दो हिस्सों वाली पोशाक पहनें, कोई आभूषण न पहनें।

 

 

मैमोग्राफी की अवस्थाएं

 

 

स्क्रीनिंग मैमोग्राफी (Screening mammography)

 

इस अवस्था में ब्रेस्ट कैंसर के शुरूआती लक्षण का पता लगाने के लिए किया जाता है। स्क्रीनिंग मैमोग्राम (Screening mammography) के जरिए छोटी से छोटी गांठ का पता चल जाता है। यदि कैंसर की शुरूआती अवस्था और गांठ बहुत छोटी है तो स्क्रीनिंग के जरिए दिख जाता है।

 

क्लिनिकल मैमोग्राम (Clinical mammogram)

 

इस मैमोग्राफी को नैदानिक मैमोग्राम (Clinical mammogram) भी कहा जाता हैं, जो की स्क्रीनिंग मैमोग्राफी से अलग होता है। यह उन महिलाओं में भी किया जाता है, जिनका स्क्रीनिंग मैमोग्राम तो नहीं हुआ हो लेकिन, स्तन में कुछ विसंगतियों के लक्षण दिखाई देते हों।

 

 

यदि आपको ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण या फिर इससे संबंधित कोई भी समस्या नजर आ रही हो, तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे

 

यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+91 9599004311) या हमें connect@gomedii.com पर  ईमेल कर सकते हैं।

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