क्या है मानसिक तनाव (stress) – जाने इसके लक्षण, कारण और उपाय !

हर समय तनाव में रहना आपके लीये बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है । तनाव में रहने से हमे कई तरह की बिमारियों का सामना करना पड़ता है, जिसमे से एक डिप्रेशन भी है । अगर आप हर समय तनाव में रहते है तो आपको सावधान होने कि जरूरत है, क्योंकि इससे आपकी जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन आ सकता है ।

 

आज की इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तनाव होना एक आम बात है । चाहे वो तनाव आपके लक्ष्य को पाने के लीये हो या किसी और वजह से हो । अगर आप ज्यादा ही तनाव भरा महसूस करते है तो, ये आपकी सेहत के लिए अच्छा संकेत नहीं है ।

 

 

क्या है तनाव 

 

 

तनाव मन स्थिति से उपजा विकार है। मन स्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक बहुत बड़ी ही बीमारी है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है।

 

 

मानसिक तनाव में रहने के लक्षण

 

 

पाचन संबंधी समस्याएं होना

 

मस्तिष्क और पाचनतंत्र वेगस नर्व्स द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। अत: जब हम स्ट्रेस्ड होते हैं, तब उसका असर पाचनतंत्र पर दिखने लगता है। तनाव के कारण भोजन को पचाने में सहायक गुड बैक्टीरिया की संख्या में कमी आती है। पेट में दर्द और अपच जैसी समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं।

 

बार-बार सर्दी-खांसी से परेशान होते रहना

 

कॉर्टिसोल आपके इम्यून सेल्स को क्षतिग्रस्त कर देता है। इसके चलते जर्म और वायरस से लड़ने की शरीर की क्षमता में काफ़ी हद तक कमी आ जाती है।

 

कुछ ज़्यादा ही चिंतित रहना और डिप्रेस्ड भी महसूस होना

 

इन दोनों समस्याओं का सीधा संबंध हाई लेवल स्ट्रेस से है। जब हम स्ट्रेस्ड होते हैं तो अक्सर तरह-तरह की चिंताओं से घिर जाते हैं। पैनिक अटैक और घबराहट भी महसूस करते हैं। यदि तनाव लंबे समय तक बना रहा तो धीरे-धीरे उसका असर हमारी याद्दास्त पर भी पड़ता है। ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। वक़्त रहते तनाव को कम करने के लिए कुछ नहीं किया गया तो अवसाद यानी डिप्रेशन में जाने की संभावना बढ़ जाती है।

 

सेक्स की इच्छा कम होना

 

जब शरीर में स्ट्रेस हारमोन कार्टिसोल का उत्पादन बढ़ जाता है, तब सेक्स हारमोन्स का स्राव उसी अनुपात में घट जाता है। यही कारण है कि जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तब सेक्स की इच्छा कम से कमतर होती जाती है।

 

नींद पूरी न होना

 

तनाव के चलते हम दिनभर थका-थका सा महसूस करते हैं। ऐसा लगता है कि शरीर को आराम की ज़रूरत है। पर जब बिस्तर पर जाते हैं तो नींद आंखों से ग़ायब हो जाती है। लंबे समय से तनावग्रस्त रहने पर नींद न आना यानी इन्सोम्निया एक आम समस्या बन जाती है। इन्सोम्निया आपके तनाव को बढ़ाने का ही काम करेगा।

 

 

क्या कारण है मानसिक तनाव में रहने का

 

 

 

  • परीक्षाएं भी एक कारण होती है मानसिक तनाव के लीये ,

 

  • तर्क-वितर्क करना ,

 

  • होमवर्क समय पर ना हो पाना भी एक मानसिक तनाव का कारण हो सकता है ,

 

  • तंग किए जाने पर भी मानसिक तनाव हो जाता है ,

 

  • अपने ग्रुप से बाहर होने पर ,

 

  • आफिस के कामकाज से ,

 

  • शादी या बच्चे के जन्म पर ,

 

  • ट्रैफिक में फंसने पर ,

 

  • इंटरव्यू का बुलावा आने पर ,

 

  • कोई नई जिम्मेदारी मिलने पर ,

 

  • असफलता का डर होने से मानसिक तनाव बढ़ता है ,

 

  • नकारात्मक सोच के कारण मानसिक तनाव बढ़ता है ,

 

  • गैर क़ानूनी काम करने से भी बढ़ता है ,

 

  • दूसरो के बारे में चुगली करने पर भी मानसिक तनाव बढ़ता है ,

 

 

मानसिक तनाव से दूर रहने के उपाय

 

 

  • सुबह जल्दी उठे,

 

  • व्यायाम करें,

 

  • नशे से दूर रहें,

 

  • बेवजह ना सोचें,

 

  • डिप्रेशन दूर करने में मददगार हैं मोबाइल गेम,

 

  • खुश रहना चाहिए,

 

  • परिवार से मिल-जुल कर रहना चाहिए,

 

  • नई जगह पर घूमने का प्लान बनाये,

 

  • परिवार से साथ वक़्त बिताएं,

 

  • अपने आप को ज्यादा फ्री ना रखें,

 

  • हमेशा कुछ नया सीखने की चाह रखें।

 

 

मानसिक तनाव से होने वाले रोग

 

 

मानसिक तनाव से कई तरह के रोग होते है इसे कतई नज़रअंदाज ना करें ! ये अपने साथ साथ कई सारी तरह की बीमारिया साथ लाता है यहां हम बात कर रहें है मानसिक तनाव से होने वाले रोग की जो की वक़्त के साथ साथ और भी खतरनाक साबित होता जा रहा है।

 

 

  • कंधे का दर्द होना,

 

 

  • दिल की बीमारी होना,

 

  • आधे सिर में दर्द होना,

 

  • दमा की बीमारी हो जाना,

 

  • महिलाओ में मासिक धर्म की अनियमिता,

 

  • वीर्य की कमी या बुढ़ापा आना,

 

 

  • वक़्त से पहले बुढ़ापा आना

 

  • खासी जुखाम होना

 

  • कब्ज होना

 

  • दिमाग में दुर्बलता आना

 

 

मानसिक तनाव दूर करने के समाधान जो आपके लीये फायदेमंद है

 

 

विशेषज्ञों के अनुसार समाधान तो युवाओं को ही तलाशना होगा। काम के बाद उन्हें एक निश्चित अवधि तक रोज आराम करना चाहिए। शक्तिवर्धक प्रोटीन युक्त भोजन, जिसमें मौसमी फलों के साथ सब्जियों की प्रचुरता हो, लेना चाहिए। नियमित अंतराल के बाद कुछ समय की छुट्टी भी युवाओं में ताजगी वापस लाने में सहायक होगी।

 

संगीत करता है तनाव मुक्त

 

संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं है। संगीत को तो ईश्वर तक पहुंचने का जरिया माना जाता है। संगीत, चिकित्सा पद्धति और आध्यात्मिक साधना सब कुछ एक साथ है। तनाव मुक्त होने के लिए रोजाना आधे से एक घंटे तक अपनी पसंद का कोई अच्छा सा संगीत अवश्य सुनें।

 

योग और ध्यान दिलाए आराम

 

योग, मन की शांति प्रदान करने के लिए भारत ही नहीं पूरे विश्व में विख्यात है। इसलिए योग को अपनाइए। योग को अपनाकर आप कई मानसिक व शारीरिक समस्याओं को हल कर सकते हैं। वहीं ध्यान भी ऐसा ही एक जरिया है जो आपको मानसिक रूप से शांति प्रदान करता है।

 

मिलते-मिलाते रहिए

 

भागदौड़ भरी दिनचर्या के चलते हम अक्सर परिवार और मित्रों के साथ के लिये भी वक्त नहीं निकाल पाते। होना यह चाहिये कि प्रतिदिन, भले ही थोड़े समय के लिए ही सही पर अपने प्रियजनों के लिये वक्त अवश्य निकालना चाहिये। अपनों के साथ अपने सुख-दु:ख बांटने से तनाव काफी हद तक कम होता है। और मनोबल भी बढ़ा रहता है।

 

मनोरंजन करें

 

जब कभी समय मिले तो कोई सकारात्मक विषयों पर बनी फिल्मी देखें। स्वस्थ मनोरंजन करना भी तनाव को घटाने का अच्छा विकल्प है। इसके अलावा आप अपनी रुची की किसी अच्छी पुस्तक को पढ़ सकते हैं। बरसात के मौसम में आप बारिश की बूंदों का मजा लेते हुए, अपनी पसंदीदा किताब पढ़ सकते हैं। अपना पसंदीदा काम करके आपको राहत मिलेगी।

 

 

अगर आप हर समय तनाव में रहते है तो, आपको सावधान होने कि जरूरत है, क्योंकि इससे आपकी जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन आ सकता है। इसके लिए ऊपर बताये गए समाधान के साथ आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते है, उनसे संपर्क करे और उनको अपनी समस्याओं के बारे में बताये।

 

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