क्या आपको कभी भी अचानाक से डर और घबराहट का एहसास हुआ है? या फिर कभी कभार छाती के भारी होने के साथ सांस लेने में तकलीफ हुई है? अगर हां, तो इसका मतलब है कि आप पैनिक अटैक (Panic Attack) के दर्द का एहसास कर चुके हैं। असल में छोटी-छोटी सांसें आना, बेचैनी, घबराहट, हाथ-पैर में कंपन या खुद के संतुलन खोने के एहसास को ही विशेषज्ञ ‘पैनिक अटैक’ कहते हैं।
इस परिस्थिति के दौरान असल में दिमाग में बहुत ज्यादा प्रेशर होने और डर होने की वजह से पैनिक अटैक की शिकायत होती है। इतना ही नहीं साधारण सी बात पर सहज लोगों से ज्यादा पैनिक अटैक पीड़ित डरने लगता है। पैनिक अटैक हमारी दिनचर्या, पढ़ाई, करियर, परिवार और रिश्तों को भी प्रभावित करने लगता है। जिसकी वजह से जिदंगी (Life) में बहुत से उतार चढ़ाव आते हैं।
इसलिए जितना जल्दी हो सके पैनिक अटैक (Panic Attack) से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर्स से मिलें और अपनी समस्या उनसे बताये। हालांकि, कुछ प्राकृतिक तरीके हैं जिनकी मदद से पैनिक अटैक को स्वाभाविक रूप से कम किया जा सकता है।
पैनिक अटैक के लक्षण
अगर आप बार-बार इस परेशानी से गुजर रहे हैं तो आपको सबसे पहले इसे समझना होगा। तभी आप इसके लक्षणों को पहचान पाएंगे, जैसे कि तेज बुखार (Fever) होना, बेमतलब की परेशानी होना, पसीने पसीने हो जाना, चक्कर आना। इसे समझना और इसके लक्षणों की पहचान और इसके प्रति जागरूकता से इस स्थिति को स्वाभाविक रूप से कम करने में मदद मिल सकती है।
बंद आंखों वाला व्यायाम
जब कभी भी पैनिक अटैक आए तो तुरंत एक शांत जगह पर चले जाएं। फिर वहां सीधे लेट कर कुछ मिनटों के लिए हल्के से आंखों को बंद करे। इसके बाद धीरे-धीरे दिमाग से विचारों को निकाले। बंद आंखों वाले इस व्यायाम (Exercise) के जरिए आप इसके लक्षणों से जल्द से जल्द आराम पा सकते हैं।
गहरी सांस का अभ्यास करें
जब कभी किसी व्यक्ति को पैनिक अटैक आता है तो उसकी सांसे तेज चलने लगती है और इसी वजह से सांस (Breath) लेने में तकलीफ होने लगती है। इसलिए 5-10 मिनट के लिए गहरी सांस लेने के अभ्यास से निश्चित रूप से आपकी सांस की गति कम होकर स्वाभाविक होने लगेगी और लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी।
विचारों को करें धीमा
एक ही बार में दिमाग में बहुत सारे विचारों का चलना और नकारात्मक विचार आना ही पैनिक अटैक का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए गहरी सांसे लेने के साथ दिमाग में चल रहे विचारमंथन को भी कम करना चाहिए ताकि सोच को बहुत हद तक कम किया जा सके।
केंद्रीय बिंदु का व्यायाम
जैसा कि हमने पहले पढ़ा था, पैनिक अटैक के एक प्रकरण के दौरान एक व्यक्ति के विचार तेज़ी से नकारात्मक और निरंतर होते चले जाते हैं, जिससे डर और चिंता बनी रहती है। ऐसे में किसी और काम की ओर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें, जब तक कि आपके दिमाग में तेजी से चल रहे विचार और बढ़ती सांसे सामान्य न हो जाए। इस अभ्यास के जरिए पैनिक अटैक बहुत हद तक कम किए जा सकते हैं।
स्ट्रेचिंग भी है लाभकारी
मांसपेशियों (Muscles) को रिलेक्स करने के लिए की जाने वाली स्ट्रेचिंग (Stretching) पैनिक अटैक के दौरान बहुत राहत पहुंचाती है क्योंकि अटैक के दौरान शरीर की मांसपेशियां तन जाती हैं और ऐसे में स्ट्रेचिंग की मदद से अटैक की स्थिति को कम करने में मदद मिलती है।
कल्पना करना
जब कभी भी कोई व्यक्ति पैनिक अटैक से गुजरता है, तो उस वक्त उसे सकारात्मक चीज़ों का ध्यान कराते हुए खुश और उत्साहित करें। ऐसा करने से लक्षणों में कमी आती है। उदाहरण के लिए, छुट्टियों की कल्पना करना, अपने दोस्तों के साथ उनके अच्छे समय के बारे में सोचना, उनके पसंदीदा भोजन (Food), फिल्म इत्यादि को देखना आदि मदद कर सकता है।
शारीरिक व्यायाम
वज़न उठाना, दौड़ना, जॉगिंग (Jogging), चलना इत्यादि जैसे व्यायाम, पैनिक अटैक हमलों को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं। क्योंकि जब कोई व्यक्ति व्यायाम करता है, तो मस्तिष्क में एंडॉर्फिन जारी होता है। एंडोर्फिन में कुछ मस्तिष्क (Brain) रसायनों को कम करने की क्षमता होती है जो चिंता को गति देते हैं, इस तरह से पैनिक अटैक को कम कर सकते हैं।
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