क्या होती है मिर्गी, जानिए इसके लक्षण

 

इंसान के जन्म से लेकर उसके बुढ़ापे तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को मिर्गी अपनी चपेट में ले सकती है। मिर्गी के मरीज कुछ सही होने के बाद दवाइयों का सेवन करना छोड़ देते हैं। यह उनके लिए घातक हो सकता है। दरअसल इसकी दवाइयां तीन से पांच साल तक लेनी चाहिए। अच्छे और संपूर्ण इलाज से ही मिर्गी जैसे रोग को दूर किया जा सकता है। आपको बता दें की दुनियाभर में पाँच करोड़ लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ते है। वही अगर हम भारत की बात करें तो भारत के करीब एक करोड़ लोग मिर्गी के शिकार हैं। आप सब को शायद यह जानकर हैरानी होगी की विश्व की कुल जनसँख्या की 8 में से 10 प्रतिशत लोगों को अपने जीवनकाल में एक बार तो मिर्गी का दौरा पड़ना तय होता है।

दो प्रकार की होती है मिर्गी (There are two types of epilepsy)

 

 

मिर्गी रोग दो तरह के होते है पहला आंशिक तथा दूसरा पूर्ण। आंशिक मिर्गी में मस्तिष्क का एक भाग ज्यादा प्रभावित होता है, वहीं पूर्ण मिर्गी में मस्तिष्क के दोनों भाग प्रभावित होते हैं। यही वजह है की अलग-अलग रोगियों में इसके असर भी अलग-अलग तरीके का होता हैं। आमतौर पर व्यक्ति कुछ समय के लिए चेतना खो देता है।

 

 

क्या है मिर्गी के लक्षण ?

 

 

  • हाथ-पैरो का तिरछा होना

 

  • शरीर जकड़ जाना

 

  • बेहोश होने पर मुँह से झाग आना

 

 

  • बात करते-करते शून्य में खो जाना

 

 

 

  • शरीर के किसी भी अंग में झनझनाहट होना

 

 

क्या है मिर्गी के प्रमुख कारण? (What are the major causes of epilepsy)

 

मिर्गी के प्रमुख कारण जैसे सिर पर चोट लगना, ब्रेन ट्यूमर, दिमागी बुखार, ब्रेन स्ट्रोक, शराब या फिर किसी भी दवाई का ज्यादा सेवन करना  ये सभी मिर्गी के प्रमुख कारण होते है। लेकिन कई लोग मिर्गी को जादू-टोना और भी कई तरह के मिथ्य मानते है। बल्कि कुछ जगह मिर्गी आने पर पुराना जूता सुंघाने का नुस्खा अपनाया जाता है, चूँकि मिर्गी का दौरा मात्र दो-तीन मिनट तक रहता है, इसलिए लोगों को लगता है कि शायद उनके नुस्खे की वजह से सब ठीक हो गया है वहीं कई जगह मिर्गी पड़ने पर लोग प्याज भी सुंघाते है।

 

 

मिर्गी से कैसे बचे?  (How to prevent epilepsy)

 

खाना खाने से पहले अपने हाथों को जरूर धोए क्योंकि यह बीमारी गंदगी के कारण भी होती है।

 

यदि मिर्गी से बचना है तो फ़ास्ट फ़ूड बिल्कुल न खाए।

 

बाहर का भोजन करने से बचे क्यों की बाहर कई तरह के बैक्टेरिया होते है।

 

शराब जैसी नशीले पदार्थ के सेवन से बचे।

 

मिर्गी का इलाज न्यूरोलॉजिस्ट करते है तो किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर ले।

 

लहसुन में ऐंठन और उत्तेजना रोधी गुण मौजूद होते हैं, जो मिर्गी के दौरा पड़ने पर काबू पाने में सफल रहता है। नियमित रूप से लहसुन खाने से दौरे नहीं पड़ते और मिर्गी के दूसरे लक्षण भी सामने नहीं आते।

 

तुलसी के पत्ते में कई औषधीय गुण हैं और यह पुरातन कल से एक जानी-मानी प्राकृतिक औषधिमाना जाता है, जिसके अनेक फायदे है। तुलसी की ताजी पत्तियां खाने या इसका रस निकालकर पीने से स्नायुतंत्र मजबूत होंगे और मस्तिष्क की शक्ति बेहतर होगी जो मिर्गी को दूर करने कारगर होती है ।

 

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