अब कोविड के बाद विश्व अब मंकीपॉक्स वायरस का सामना कर रहा है। इस बीमारी के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है क्योंकि इससे चकत्ते, उभार, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो जाती हैं। नए वेरिएंट क्लैड 1बी स्ट्रेन ने संक्रमण को और भी गंभीर बना दिया है और इसके फैलाव को रोकने के लिए कई देशों ने कठिनाई की जांच शुरू कर दी है। अस्पतालों में एमपॉक्स के लिए अलग बिस्तर स्थापित किए गए हैं ताकि मामले को सामने लाने और इलाज करने में और भी प्रभावी हो।
नया फॉर्म है अधिक जोखिमपूर्ण।
आपको बता दें कि साल 2022 और 2023 में भी Mpox के मामले आ रहे थे। उस समय Mpox का Clade 2 variant के कारण हो रहा था, जिसमें नए वेरिएंट की तुलना में कम खतरनाकता थी। इस वेरिएंट के कारण होने वाले इन्फेक्शन में व्यक्ति को रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मगर अब तक भारत में Mpox का एक नया मामला नहीं रिपोर्ट हुआ है, लेकिन Clade 1b strain जैसे नए वेरिएंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी की आवश्यकता है। चलिए इसके बारे में जानते हैं।
अफ्रीकी देशों में तेजी से विस्तार हो रहा है।
Clade 1b strain की पहली मामला अफ्रीकी देशों में देखा गया है, जहां इस वायरस के कारण हालात खराब हो रहे हैं। कॉन्गो, रवांडा, युगांडा और केन्या में इस वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
मपॉक्स का मामला भी थाईलैंड में उजागर हुआ।
स्वीडन और थाईलैंड के अलावा अफ्रीकी देशों में भी इस नए स्ट्रेन के मामले सामने आए हैं।
गंभीर लक्षण आ रहे हैं सामने
Clade 1b वेरिएंट पिछले वेरिएंट Clade 2 की तुलना में काफी स्ट्रॉग है। इसके कारण Mpox के लक्षण (Monkeypox Virus Symptoms) काफी गंभीर हैं। इस इन्फेक्शन के कारण बुखार, रैश और निमोनिया जैसी श्वांस प्रणाली से जुड़ी परेशानियां लोगों में नजर आ रही हैं।
नए वैरिएंट की मौत की दर बढ़ गई है।
इस नए वेरिएंट के कारण मौत के मामले भी अधिक दर से दिख रहे हैं, क्योंकि यह श्वासन तंत्र को भी हानि पहुंचा रहा है और इससे सुधारना भी कठिन हो रहा है। कुछ दावे कर रहे हैं कि इस वायरस की मौत की दर 10 प्रतिशत है।
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