अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) क्या है, इसका इलाज कैसे होता है?

जैसा की हम सब जानते हैं कि कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर उस मरीज पर कई परीक्षणों का उपयोग करते हैं। वे यह पता लगाने के लिए भी परीक्षण करते हैं कि क्या कैंसर शरीर के दूसरे हिस्से में फैल गया है, जहां यह शुरू हुआ और यह कितनी दूर तक बढ़ गया है। यदि किसी व्यक्ति को कैंसर होता है, तो इसका इलाज जल्द से जल्द कराना चाहिए। यहाँ हम बात कर रहे हैं अग्नाशय कैंसर की, हम आपको यह भी बताएंगे कि इसका इलाज कैसे होता है। कैंसर के कुछ मामलों में डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट भी करते हैं। इसकी मदद से कैंसर कितनी दूर तक फैल चुका है इसका पता लगाया जाता है। इमेजिंग टेस्ट शरीर के अंदर की तस्वीरें दिखाता है। डॉक्टर यह पता लगाने के लिए भी परीक्षण करते हैं कि कौन सा उपचार मरीजे के लिए सबसे प्रभावी होगा।

 

 

अग्नाशय का कैंसर क्या है? (What is Pancreatic Cancer in Hindi)

 

इसे अंग्रेजी में पैंक्रियाटिक कैंसर कहते हैं। यह एक ऐसा कैंसर है जो व्यक्ति के ऊतकों में शुरू होता है। अग्न्याशय पेट का एक हिस्सा है जो निचले हिस्से में रहता है। अग्न्याशय में एंजाइम होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं। इसके अलावा यह हार्मोन पैदा करता है जो ब्लड शुगर और इंसुलिन को नियंत्रित करता है। हालांकि, अग्नाशय के कैंसर का निदान करना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसके लक्षण तुरंत नहीं दिखते हैं। अग्न्याशय संक्रमित होने पर तेजी से फैलता है। कुछ जटिल परिस्थितियों में व्यक्ति की मृत्यु का भी खतरा रहता है। अग्नाशय के कैंसर का सटीक निदान होने के बाद डॉक्टर इसका इलाज करते हैं।

 

 

अग्न्याशय को कैसे नुकसान पहुँचता है?

 

अग्न्याशय की कोशिकाओं को हर समय हाइड्रेटेड रहने की आवश्यकता होती है। जब आपके शरीर में पानी की कमी होती है, तब भी इसे नुकसान होता है। ऐसे में आपको हर दिन 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। खीरा, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, पालक, सलाद, मूली और टमाटर जैसे चीजों में से किसी का भी सेवन कर सकते हैं। यदि आपको एसिडिटी की समस्या है तो ज्यादा चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए।

 

 

अग्न्याशय के कैंसर के प्रकार?

 

अग्नाशय के कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं:

 

एक्सोक्राइन ट्यूमर (Exocrine tumors): एक्सोक्राइन अग्नाशयी कैंसर जो एक्सोक्राइन कोशिकाओं से विकसित होता है ये अग्न्याशय के एक्सोक्राइन ग्रंथियों और नलिकाओं को बनाने का काम करता है। एक्सोक्राइन ग्रंथि एंजाइम को गुप्त करती है जो ग्रहणी में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन और एसिड को तोड़ने में मदद करती है। विभिन्न प्रकार के एक्सोक्राइन अग्नाशयी कैंसर अग्न्याशय के सभी कैंसर का 95 प्रतिशत से अधिक बनाते हैं।

 

एंडोक्राइन ट्यूमर (Endocrine tumor): इस प्रकार का ट्यूमर सामान्य या सौम्य होता है। एंडोक्राइन ट्यूमर बहुत कम लोगों को होते हैं। आपको बता दें कि यह हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इन ट्यूमर को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर कहा जाता है।

 

 

अग्न्याशय के कैंसर के लिए टेस्ट?

 

आपका डॉक्टर अग्नाशय के कैंसर की जाँच के लिए कुछ टेस्ट करवाने को कहेगा। डॉक्टर व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर निम्नलिखित परीक्षण भी सुझा सकता है। डॉक्टर सबसे पहले रोगी की एक सामान्य जांच करेगा, जिसमें रोगी पिछली बीमारी और दर्द के इतिहास, लक्षण और धूम्रपान की लत के बारे में पूछता सकता है।

वह गांठ का पता लगाने के लिए एक शारीरिक परीक्षा भी कर सकता है। मरीज से लिम्फ नोड्स में सूजन, पीली त्वचा और उसके वजन से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछ सकता है। हालांकि, कुछ अन्य परीक्षण हैं जो अग्नाशय के कैंसर का सटीक पता लगा सकते हैं। जिनमें शामिल है :

 

 

  • पीईटी स्कैन

 

  • अल्ट्रासाउंड

 

  • सिटी स्कैन

 

 

  • एमआरआई स्कैन

 

 

जानिए अग्न्याशय कैंसर का इलाज कैसे होता है ?

 

अग्न्याशय के कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित चिकित्सा तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं:

 

1.) सर्जरी या ऑपरेशन द्वारा

 

जब किसी व्यक्ति कि जांच में अग्न्याशय कैंसर के होने की पुष्टि हो जाती है तो कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में अग्न्याशय के उस हिस्से को हटा देते हैं जहां कैंसर कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है। इस प्रकार कैंसर कोशिकाओं को काट दिया जाता है और अग्न्याशय से अलग कर दिया जाता है। इससे कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलता है।

 

2.) कीमोथेरेपी

 

डॉक्टरों की माने तो कीमोथेरेपी कैंसर के निदान में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कीमोथेरेपी एक ऐसा उपचार है जिसमें डॉक्टर विशिष्ट दवाओं के उपयोग की सलाह देते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर इन दवाओं को कीमोथेरेपी या अन्य माध्यमों से मरीज के शरीर में इंजेक्ट करने की कोशिश करते हैं ताकि शरीर में बढ़ रहे कैंसर सेल्स को खत्म किया जा सके।

कीमोथेरेपी के कुछ हानिकारक पहलू भी होते हैं जैसे कि कीमोथेरेपी कराने वाले रोगी को थकान महसूस होती है, उसके बाल गिरने लगते हैं, उसे मुंह में खट्टापन महसूस होता है आदि। लेकिन कुछ समय बाद यह ठीक हो जाता है।

 

3.) रेडियोथेरेपी

 

रेडियोथेरेपी में, रोगी के ट्यूमर को सिकोड़ने और दर्द को दूर करने के लिए रेडियोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। रेडियोथेरेपी में उच्च ऊर्जा और प्रकाश का उपयोग किया जाता है।

 

4 .) अन्य उपचार

 

आज के समय में कई अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके डॉक्टर कैंसर का इलाज करते हैं। दरअसल डॉक्टर माइक्रोवेव थर्मोथेरेपी,  क्रायोसर्जरी, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन आदि द्वारा ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। ऐसा करने से कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।

 

अग्न्याशय कैंसर (Pancreatic Cancer) एक जानलेवा बीमारी है इसका इलाज समय पर किया जाना चाहिए ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। ऐसे बहुत से लोग हैं  जो अभी भी इन बीमारियों के बारे में नहीं जानते हैं। तेजी से बदलते इस दौर में कौन सी बीमारी कब हो जाए इसका पता किसी को नहीं होता है। इसलिए हमने इस लेख में आपको अग्न्याशय कैंसर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बताया है।

 

यदि आप अग्न्याशय कैंसर (Pancreatic Cancer) का इलाज करवाना चाहते हैं तो आप GoMedii को इसके लिए चुन सकते हैं। हम भारत में एक चिकित्सा पर्यटन कंपनी के तौर पर काम करते हैं। इसके साथ ही हम शीर्ष श्रेणी के अस्पतालों और डॉक्टरों से जुड़े हैं। यदि आप उपचार प्राप्त करना चाहते हैं तो अपने प्रश्नों को हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919654030724) पर भेज सकते हैं या हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल करें, हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।