ये हैं पाइल्स (Piles) होने के कारण, ऐसे करें बचाव

बवासीर जिसे पाइल्स (Piles) भी कहते हैं। जो की किसी भी उम्र में पुरुषों और महिलाओं को हो सकती है। ये बीमारी एनस की रक्त वाहिकाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ने के कारण से उत्पन्न होता है। इस बिमारी में एनस में सूजन या मस्से पैदा हो जाते हैं। इसमें बहुत ही ज्यादा दर्द होता है जो की असहनीय होता है।

 

बवासीर दो तरह की होती है

 

अंदरूनी और बाहरी।

 

अंदरूनी

अंदरूनी बवासीर में नसों में सूजन हो जाती है जो की दिखती नहीं है पर महसूस होती है।

 

बाहरी

बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखाई देती है।

 

 

पाइल्स के लक्षण

 

 

इस बीमारी को पहचानना बहुत ही आसान होता है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इस वजह से गुदे में सूजन हो जाती है।

 

  • इसका दर्द हर किसी में अलग-अलग होता है.

 

  • रेक्टल एरिया में दर्द,

 

 

  • सूजन होना,

 

  • संक्रमण।

 

 

पाइल्स होने के कारण

 

 

  • पुरानी कब्ज,

 

  • मल त्याग में जोर लगाना,

 

  • लगातार दस्त,

 

 

 

  • इसके अलावा खानपान की अस्वास्थ्यकर आदतें,

 

  • अधिक जोर लगाने वाले व्यायाम,

 

  • गैस की समस्या होना,

 

  • लंबे समय तक बैठना या यात्रा करना,

 

  • तरल पदार्थों का कम सेवन करना भी पाइल्स की समस्या पैदा करता है।

 

  • अगर परिवार में किसी को ऐसी समस्या रही है , तो आगे की जेनरेशन में इसके पाए जाने की आशंका बनी रहती है।

 

 

इस बिमारी को 4 ग्रेड में बांटा गया है –

 

 

  • ग्रेड 1 – इस स्टेज में अंदुरुनी परत पर हलकी सी सूजन हो जाती है , पर इसमें ज्यादा दर्द नहीं होता है,

 

  • ग्रेड 2 –  इसमें सूजन ज्यादा बढ़ जाता है , और मल त्याग करते वक़्त जोर लगाना पड़ता है , जिस वजह से खून के साथ-साथ कई बार मस्से भी बाहर आ जाते है.

 

  • ग्रेड 3 – स्टेज 2  के मुकाबले इस स्टेज में ज्यादा समस्या होती है। ऐसी समस्या होने पर डॉक्टर से तुरंत ही जांच कराये।

 

  • ग्रेड 4 – आंतरिक बवासीर में बहुत अधिक दर्द होता है , और सूजन भी बहुत अधिक बढ़ जाता है।

 

 

घरेलू उपाय अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है

 

 

एप्पल साइडर विनेगर

 

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  • इसकी मदद से आप पाइल्स का इलाज कर सकते हैं. एपल साइडर वेनेगर में इंफेक्शन को न बढ़ने देने का गुण पाया जाता है. इसका इस्तेमाल करने से रेक्टल एरिया में इंफेक्शन नहीं होता है और ये दर्द को भी कम करता है.

 

  • इसके अलावा इसका इस्तेमाल करने से जलन में भी राहत मिलती है. सूजन में भी आराम मिलता है.

 

  • एक साफ कटोरी में दो चम्मच एपल साइडर वेनेगर ले लें. रूई के एक साफ टुकड़े को उसमें डुबोकर रख दें. इस कॉटन को प्रभावित जगह पर लगाए . इस प्रोसेस को तब तक करें जब तक आपको राहत न मिले .

 

जीरा

 

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छोटा सा जीरा पेट की समस्याओं फायदेमंद होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से पाइल्स में फायदा मिलता है। या आधा चम्मच जीरा पाउडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें। इसके साथ जीरे को पीसकर मस्सों पर लगाने से भी फायदा मिलता है।

 

अंजीर

 

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सूखा अंजीर बवासीर के इलाज के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार हैं। एक या दो सूखे अंजीर को लेकर रात भर के लिए गर्म पानी में भिगों दें। सुबह खाली पेट इसको खाने से फायदा होता है।

 

तिल

 

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बवासीर में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले हुए काले तिल को लगभग एक ग्राम ताजा मक्खन के साथ लेना चाहिए। इसे लेने से भी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।

 

आंवला

 

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यह शरीर में आरोग्य शक्ति को बढ़ाता है और पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर की समस्या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ पीने से बहुत आराम मिलता है।

 

नीम

 

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नीम का तेल मस्सों पर लगाने और इस तेल की 4-5 बूंद रोज पीने से बवासीर में लाभ होता है। सूजन को भी कम करता है।

 

इसबगोल

 

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इसबगोल की भूसी, प्राकृतिक और बहुत ही चमत्कारिक औषधि है। इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से मल से राहत मिलती है। इससे पेट भी साफ रहता है और मस्सा ज्यादा दर्द भी नही करता। रात को सोने से पहले एक या दो चम्मच इसकी भूसी को दूध या पानी के साथ ले। ऐसा रोज आप जल्द ही इस समस्या से छुटकारा पा सकते है।

 

 

पाइल्स जैसी बीमारियों को ठीक करने का एकमात्र तरीका उचित दवाएं लेना और आराम करना है। मिर्च का सेवन कम करे । अगर आपको कभी भी इन लक्षणों को महसूस हो , तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करें और उनसे जांच कराये।

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