गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से गुज़रना पड़ता है । जिनमे से एक होता है फंगल इन्फेक्शन, जो की प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में वैजिनल इचिंग यानी योनि में खुजली और इन्फेक्शन होता है। ऐसे समय में वेजिना में द्रव्य का स्राव अधिक होता है, जिस वजह से योनि का पीएच स्तर काफी बढ़ जाता है, और जो आगे चलकर संक्रमण पैदा कर देता है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का संक्रमण, होने वाले बच्चे पर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए महिलाओं के अपने शरीर के साथ-साथ वेजिना की देखभाल और पूरी तरह से साफ़-सफाई का ध्यान भी रखना चाहिए ।
प्रेगनेंसी के दौरान योनि में खुजली, जलन और विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन से अधिकतर महिलाएँ परेशान रहती हैं। योनि में संक्रमण को खमीर संक्रमण भी कहा जाता हैं। खमीर एक प्रकार का फंगस होता है जो कुछ मात्रा में योनि में पाया जाता है। अगर योनी में खमीर की मात्रा बढ़ जाए तो इससे योनि में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। योनि में खुजली होना इसका सबसे साधारण लक्षण होते है। अधिकतर मामलो में खुजली और जलन का होना इन्फेक्शन का लक्षण होता हैं जो की खतरनाक नहीं होता ।
प्रेगनेंसी के दौरान योनि में खुजली और इन्फेक्शन होने के कारण :
ज्यादा पसीना आना –
अगर आपको योनि में ज्यादा पसीना आता है, तो इसकी वजह से भी खुजली और इन्फेक्शन हो सकती है । ऐसे में अगर आपको ज्यादा पसीना आ रहा है तो स्नान करके अपने कपडे बदल ले और अपने योनि को गिला नहीं बल्कि सूखा रखे ।
संबंध बनाने के कारण –
पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय अगर आपने कोई नया लुब्रिकेंट्स इस्तेमाल किया है, तो उसके कारण भी योनि में खुजली और इन्फेक्शन हो सकती है । कुछ लुब्रिकेंट्स में ऐलकोहल या लेटेक्स अक्सर वैजिना में खुजली और एलेर्जी का कारण बन सकते है । इसलिए कभी भी कुछ नया ट्राई करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले ।
यीस्ट इन्फेक्शन के कारण –
यीस्ट इन्फेक्शन के कारण योनि में खुजली होना आम बात है । यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर से चेकअप करवाएं । क्योंकि समय पर चेकअप ना करने से बाद में ये किसी गंभीर समस्या का भी रूप ले सकती है ।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस से खुजली –
बैक्टीरिया के इन्फ्लेमेशन से होने वाला ये इन्फेक्शन महिलाओं में बहुत ही आम है । यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 20-25 के उम्र की महिलाओं को इसका ज्यादा खतरा होता है । इसमें खुजली होने के साथ-साथ ग्रे कलर का डिस्चार्ज भी होता है । ऐसा होने पर तुरंत ही डॉक्टर से चेकअप कराएं ।
साबून से होने वाली खुजली –
शायद ही किसी महिला को पता होगा की वैजिनल की सफाई के लिए साबुन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । अगर आप साबून का इस्तेमाल करना चाहती है तो, इसके लिए बिना खुशबू और अच्छी कम्पनी का साबून इस्तेमाल करे ।
प्रेगनेंसी के दौरान योनी में खुजली और इन्फेक्शन होने के लक्षण :
- खुजली
- जलन
- दर्द
- योनि और लैबिया में सूजन होना
- सेक्स के दौरान असुविधा या दर्द
- पेशाब के दौरान जलन और
- योनि गंध
इससे कैसे बचाव किया जाये :
1. प्रेगनेंसी के दौरान शरीर के साथ-साथ योनि को भी साफ रखें। यदि किसी भी प्रकार के द्रव्य का स्राव हुआ है, तो उसे ज्यादा देर तक छोड़ें मत। यदि द्रव्य से निकलने वाली गंध अधिक हो तो दिन में कम से कम दो से तीन बार कपड़े बदलें।
2. वैजिनल इचिंग गर्भावस्था के दौरान संबंध बनाने की वजह से भी पैदा होती है। इसलिए संबंध बनाने के पहले और तुरंत बाद वेजिना को अच्छी तरह से धोयें।
3. बार-बार यूरीन आने की वजह से भी यह संक्रमण हो सकता है। इसके लिए ज्यादा पानी का इस्तेमाल कर वेजिना को साफ रखें।
4. यदि संक्रमण बढ़ जाये तो पानी में बेकिंग सोडा डाल कर उससे वैजिना को साफ करें। क्योंकि बेकिंग सोडा पीएच स्तर को कम करता है।
5. बर्फ से सिकाई करने से काफी आराम मिलता है, और इससे खुजली भी कम हो जाती है।
6. जरूरत पड़े तो वैजिनल पीएच परीक्षण करवायें। वो आप घर में भी कर सकती हैं। मेडिकल स्टोर से पीएच लेवल किट लाकर टेस्ट करे । लेकिन यदि बहुत ज्यादा जलन हो तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
7. यदि यूरीन के दौरान जलन होती है, तो उसका मतलब है कि संक्रमण बढ़ चुका है, ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेने में देर ना करें।
8. कई महिलाएं सोचती हैं कि संबंध बनाने के बाद पुरुषों का सीमेन वैजिनल इचिंग में राहत पहुंचाता है। लेकिन यह भ्रम है।
इन टिप्स को आजमा कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं। पर आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले, और उनके पास जाकर अपनी समस्या का जल्द इलाज करवा लें ।
प्रेगनेंसी के दौरान योनी में खुजली और इन्फेक्शन के घरेलू उपचार :
1. ऐप्पल साइडर सिरका –
ऐप्पल साइडर सिरका प्रकृति में अम्लीय है, जो संक्रमण के कारण कवक को मारने में मदद करता है। इसमें एंजाइम भी कवक को रोकते हैं, जो योनी में खुजली और इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकता है।
इसके अलावा, एप्पल साइडर सिरका आपके शरीर के पीएच संतुलन को नियंत्रित कर सकता है।
कच्चे, अनफ़िल्टर्ड (unfiltered) एक टेबल स्पून एप्पल साइडर सिरका को 2 गिलास पानी में एक साथ मिलायें । यदि आप चाहें तो , नींबू का रस मिलायें और थोड़ा शहद के साथ इसे मीठा करें। कुछ दिनों तक इसे दिन में दो बार पीएं।
2. लहसुन –
लहसुन, योनि में खुजली और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए प्रकृति के उपहारों में से एक है।
यह कैंडिडा को नष्ट करने में मदद करता है, और इसकी वृद्धि को रोकता है, इस प्रकार समस्या की जड़ से लड़ने में मदद करता है। लहसुन में मौजूद एंजिन जैसे ऑर्गनॉसुल्फुर (organosulfur) कैंडिडा (Candida) प्रजातियों को रोकने में मदद करती है ।
प्रतिदिन कच्चे लहसुन के 2 या 3 लौंग खाएं। यदि आपको कच्चे लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप लौंग को कम कर सकते हैं, और इसे दही के साथ खा सकते हैं। डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही इसे ले ।
3. दही –
गर्भवती महिलाओं में योनि में खुजली और इन्फेक्शन के इलाज के लिए दही एक अच्छा उपाय है। प्रोबायोटिक दही में एसिडोफिलस और जीवित संस्कृतियां होती हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करती हैं, जो बदले में योनि में खुजली और इन्फेक्शन और अन्य सूक्ष्म जीवों से लड़ने में मदद करती है।
4. नारियल तेल –
इसके एंटीफंगल गुणों के कारण, योनि में खुजली और इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए नारियल का तेल बहुत ही अच्छा उपाय है।
इसमें लॉरिक एसिड और कैपेलिक एसिड इसके एंटीमिक्राबियल गुणों के लिए ज़िम्मेदार हैं। जो गर्भवती महिलाओं में योनि में खुजली और इन्फेक्शन से राहत दिला सकता है ।
5. क्रैनबेरी –
क्रैनबेरी योनि में खुजली और इन्फेक्शन के लिए एक बहुत ही प्रभावी उपाय माना जाता है। इन छोटी जामुनों में अर्बुटिन नामक एक यौगिक होता है जो कैंडिडा एल्बिकन्स को मारने में मदद करता है।
अगर आप क्रैनबेरी गोलियां या कैप्सूल लेना चाहते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
6.चीनी सेवन कम करें –
सोडा, कैंडी बार, चॉकलेट, आइसक्रीम, पेस्ट्री और कुकीज़ से बचें।
यदि आप कुछ मीठा चाहते हैं, फल पर स्विच करें या चाय या ताजा फलों के रस पीएं। उसी समय, पानी को पर्याप्त मात्रा में पियें और हाइड्रेटेड रहें, ताकि आप अक्सर पेशाब कर सकें। अक्सर पेशाब आपके सिस्टम से जितनी जल्दी हो सके अतिरिक्त चीनी निकालने में मदद करेगा।
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