क्या आप कभी सोचा सकते हैं जिस वाई-फाई (Wi-Fi) को आप अपने ऑफिस में इस्तेमाल कर रहे हैं, अपने घर को वाई-फाई से लैस कर रहे हैं, सड़कों पर वाई-फाई के इस्तेमाल कर रहे हैं, वह आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है? जो लोग इंटरनेट (Internet) की तेज गति के लिए ब्रॉडबैंड (Broadband) और वाई-फाई आदि का इस्तेमाल करते हैं उनकी सेहत पर बुरा (health dangers of Wi-Fi) असर पड़ सकता है। आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त सोशल साइट्स (Social sites) पर बिताने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा किसी भी तरह की जानकारी लेने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, जो लोग इंटरनेट की तेज गति के लिए ब्रॉडबैंड और वाई-फाई आदि का इस्तेमाल करते हैं उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
दुनियाभर के 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया है कि वाई-फाई सेहत, दिमाग और खासकर बच्चों पर बहुत बुरा असर डाल रहा है। वाई फाई कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का मुफ्त कनेक्शन है। आने वाले समय में सबसे ज्यादा गंभीर परिणाम इसी से होंग। इन वैज्ञानिकों ने हाल ही में यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंटल प्रोग्राम (United Nations Environmental Program) से अपील की है कि वाई फाई, मोबाइल (Mobile) फोन के इस्तेमाल को लेकर नए मानक तय किए जाएं। वैज्ञानिकों ने विशेषतौर पर वाई फाई के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाने की मांग की है।
आज वाई-फाई हम सब के लिए प्राथमिकता बन गया है, जहां चाहे वहां हमें वाई-फाई की जरुरत पड़ने लगी है इसका कारण इन्टरनेट के प्रति लोगों का बढ़ता क्रेज कहा जा सकता है. एक शोध के माध्यम से पता चला है कि 2018 तक भारत में इन्टरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगभग 500 मिलियन के आस पास पहुंचा जायेगी, इसलिए मोबाइल कम्पनियां भी भारत की ओर अपना कुछ ज्यादा ही रुझान दिखा रही हैं. इसके साथ साथ आपको बता दें कि भारत के कई शहरों को वाई-फाई से लैस भी कर दिया है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक रेडिएशन (Radiation) के संपर्क में आने के बाद कोशिकाएं अपने स्तर से बेकाबू हो जाती हैं इसके कारण ही हमारे शरीर में कैंसर हो सकता है. कुछ डोक्टरों का भी मानना है कि वाई-फाई और उसकी किरणों की चपेट में आने के कारण आपका शरीर बड़े पैमाने पर प्रभावित होता है. और आजकल इसका इस्तेमाल निरंतर बढ़ता जा रहा है. अगर इसपर गौर करें तो समस्या और बढ़ जाती है. कुछ वैज्ञानिकों ने रेडिएशन नापने वाली एक मशीन के जरिए दिखाया कि जब मोबाइल फोन से किसी को कॉल किया जाता है रेडिएशन कितना बढ़ जाता है, और जब मात्र कॉल करने से यह इतना बढ़ जाता है तो वाई-फाई के संपर्क में तो आप निरंतर दिन-रात रहते हैं, वह आप पर कितना प्रभाव डालता होगा.
रिसर्च में जो बातें सामने आईं हैं उनके अनुसार वाई-फाई के संपर्क में ज्यादा वक्त तक रहने से कैंसर (cancer) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसके कारण दिमाक की कोशिकाओं को काफी हद तक नुक्सान पहुंचता है. इसके कारण हमारी याददाश्त कमजोर हो सकती है, उसपर बुरा असर पड़ सकता है, सीखने की क्षमता कम हो सकती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है और प्रजनन क्षमता (Fertility capacity) पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
वाई-फाई से होने वाली बीमारिया
हार्ट अटैक
नींद का आपकी हृदय स्वास्थ्य से गहरा नाता होता है। नींद पूरी नहीं होने से दिल पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे हार्ट अटैक (heart attack) तक हो सकता है।
डायबिटीज
अच्छी नींद नहीं मिलने पर शुगर से भरपूर और जंक फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) और मधुमेह (diabetes) जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
नींद की कमी के चलते हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। जिससे हड्डियों में मौजूद मिनरल्स का संतुलन भी बिगड़ता है और जोड़ों के दर्द की समस्या पैदा हो सकती है।
कैंसर
कई शोधों में ये बात सामने आई है कि कम नींद लेने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही शरीर में कोशिकाओं (celles) को भी काफी नुकसान होता है।
सोचने की क्षमता में कमी
4जी रेडिएशन (4G Radiation) के दिमाग पर प्रभाव को आंकने के लिए एमआरआई तकनीक का इस्तेमाल किया गया। सामने आया कि एकाग्रता, दिमाग के कई हिस्सों के कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
अनिद्रा-डिप्रेशन (Insomnia depression)
लंबे समय तक इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन (Electromagnet radiation) के संपर्क से दिमाग के काम करने के तरीके में बदलाव होता है। अनिद्रा, डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप बढ़ता है। -डीएनए में बदलाव वाई-फाई के ज्यादा संपर्क से डीएनए और स्पर्म दोनों पर बुरा असर पड़ता है।
ऎसे करें बचाव
- लैपटॉप (Laptop) को मेज पर रखकर ही कर काम करें
- रूटर (Router) से न्यूनतम 3 फीट की दूरी रखें
- घर में वाईफाई जरूरत पर ही चलाएं
- रात में सोते वक्त वाई फाई और मॉडेम (Modem) अवश्य बंद कर दें।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।