टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को बढ़ाने का इलाज: जानिए विशेषज्ञों की सलाह

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर काफी महत्व रखता हैं यह काफी हद तक फर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार होता हैं टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को सेक्स हॉर्मोन भी कहा जाता हैं, यह महिला और पुरुष दोनों में पाया जाता हैं। महिलाओं में इसकी मात्रा कम होती हैं और पुरुष में अधिक। यह पुरुषों का प्राइमरी हॉर्मोन होता हैं जो पुरुषों की दाढ़ी, बाल, सेक्स आदि के लिए जिम्मेदार होता हैं इसके अलावा यह हॉर्मोन ब्लड सेल्स (blood cells) बनाने के लिए शरीर को सिग्नल देता हैं। रिप्रोडक्शन के लिए यह हॉर्मोन बहुत जरुरी होता हैं,इस हॉर्मोन से ही पुरुषों के प्रजनन अंग का विकास होता हैं। जब टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर कम होने लगता हैं तब शरीर में कई बदलाव आते हैं।

 

 

 

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर कम होने के लक्षण।

 

 

जब टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर कम हो जाता हैं तो कई तरह के बदलाव नज़र आने लगते हैं डॉक्टर के अनुसार टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर कम होने के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में कुछ इस प्रकार दिख जाते हैं जैसे की –

 

  • मांसपेशियों की शक्ति में कमी।
  • शरीर के चेहरे और बालों का नुकशान।
  • स्तन वृद्धि और स्त्री रोग।
  • मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन।
  • एनीमिया।
  • शरीर में वसा में वृद्धि या वजन बढ़ना।
  • डिप्रेशन।
  • नपुंसकता (infertility)।
  • इरेक्शन की समस्या।
  • कम टेस्टोस्टेरोन का संकेत है सेक्स ड्राइव में कमी (Lack of sex drive)

 

 

 

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का लेवल कितना होना चाहिए ?

 

 

  • टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर को ब्लड टेस्ट के माध्यम से मापा जाता हैं। डॉक्टर के अनुसार सामान्य रीडिंग 300 से 1000 नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर (एनजी / डीएल ,NG / DL) के बीच कही भी होती हैं।
  • 45 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 40 % पुरुषों के स्तर उस सीमा से नीचे होंगे।

 

 

 

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर कम होने के कारण क्या होते हैं ?

 

 

आमतौर पर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का प्रोडक्शन 30 साल की अवस्था से कम होने लगता हैं, टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक हो सकता हैं। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर कम होने के कारण कुछ इस प्रकार होते हैं –

 

  • ड्रग्स लेना।
  • किडनी रोग।
  • टाइप 2 डायबिटीज।
  • एचआईवी और एड्स।
  • टेस्टिकल्स में चोट।
  • टेस्टिकल्स का इन्फेक्शन।
  • अधिक मोटापा
  • हाइपोथैलमिक बीमारी (hypothalamic disease)
  • यौवन आने में देरी (delayed puberty)
  • क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter syndrome
  • कल्मन सिंड्रोम (Kallmann syndrome)
  • मायोटोनिक डिस्ट्रोफी (myotonic dystrophy)
  • पिट्यूटरी रोग (pituitary disease)

 

 

 

टेस्टोस्टेरोन का इलाज कैसे होता हैं ?

 

 

 

डॉक्टर के अनुसार टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का इलाज कुछ इस प्रकार होता हैं –

 

दवाई: कई बार डॉक्टर से संपर्क करने पर डॉक्टर्स इसके लिए दवाइयों की सलाह देते हैं जिससे की वह जल्दी रिकवर हो पाए तथा डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना उपयुक्त होगा क्योकि इससे लिवर का मेटाबोलिज्म प्रभावित हो सकता हैं।

 

टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी: टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT) भी कम टेस्टोस्टेरोन से प्रभावित लोगो के लिए मददगार साबित होती हैं यह थेरेपी हीमोग्लोबिन के स्तर को प्रभावित करती हैं तथा हड्डियों में भी मजबूती लाती हैं।

 

 

 

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल।

 

 

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल –

 

 

 

 

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर कम होने से कैसे बचे।

 

 

टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर कम होने से बचने के कई उपाय हैं यदि आप इस परेशानी से बचना चाहते है तो इन बातो का ध्यान अच्छे से रखे जैसे की –

  • मोटापे और वजन को नियंत्रण में रखे।
  • धूम्रपान से परहेज करे।
  • पर्याप्त नींद ले।
  • नशीली दवाओं के उपयोग से बचे।
  • अपनी सेहत और योग पर ध्यान दें।
  • तनाव को कम करें।
  • कैफीन और क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट सप्लीमेंट (Caffeine and creatine monohydrate supplements) का सेवन करें। पर्याप्त प्रोटीन और कार्ब्स का सेवन करें, इत्यादि।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें| आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।