
विश्व में थायरॉइड काफ़ी तेजी से बड़ रहा हैं, यह बीमारी बड़ो, बुजुर्ग तथा बच्चों में पायी जा रही हैं। थायरॉइड घरेलु उपचारों से कम हो सकता हैं और नियंत्रण में रह सकता हैं परन्तु थायरॉइड को ख़त्म करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट सबसे अहम् होता हैं। थायरॉइड से सम्बंधित बीमारी अस्वस्थ खान- पान तथा तनावपूर्ण जीवन जीने के कारण हो सकती हैं। थायरॉइड जैसी बीमारी को किसी भी मनुष्य को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, इसलिए अगर इस बीमारी का मनुष्य को शुरुआत में पता लग जाये तो उन्हें जल्द -ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यह मनुष्य के शरीर में पाए जाने वाली सबसे बड़ी ग्रंथि होती हैं। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से थायरॉइड जैसी बीमारी हो सकती हैं। इसके अलावा यह ग्रंथि मनुष्य के शरीर के मेटबॉलिज़म को नियंत्रण में रखती हैं।
थायरॉइड क्या होता हैं ?
थायरॉइड गर्दन के निचले हिस्से में सामने की ओर पायी जाने वाली एक ग्रंथि हैं जो की तितली के आकार की होती हैं। यह ग्रंथि शरीर के कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रण में रखती हैं, तथा भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम भी करती हैं। थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) थायराइड हार्मोन हैं। ये हार्मोन थायरॉयड ग्रंथि द्वारा सीधे रक्त में मिलते हैं तथा शरीर के विभिन्न अंगो का भ्रमण करते हैं। थायरॉइड मे बॉडी का ८० फीसदी आयोडीन पाया जाता है, यदि जब शरीर में आयोडीन की कमी आ जाये तब थायरॉइड की ग्रंथि में सूजन आ जाती हैं।
थायरॉइड के प्रकार।
थायरॉइड दो प्रकार के होते हैं।
ह्यपरथायरॉइडिज़्म : ह्यपरथायरॉइडिज़्म के कारण T4 और T3 हॉर्मोन ( harmone ) आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता हैं। जब इन हॉर्मोन का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगे तो शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता हैं।इसे ही ह्यपरथायरॉइडिज़्म कहते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म : इस स्थति में थायरॉइड ग्रंथि जरुरत से कम मात्रा में थायरॉइड हार्मोन को डिस्चार्ज करती हैं।
थयरॉइड होने के कारण।
थायरॉइड एक सामान्य बीमारी हैं जो की पुरुष और महिला दोनों में पायी जाती हैं परन्तु यह बीमारी अधिकतर महिलाओं में पायी जाती हैं, थायरॉइड होने के कई कारण होते हैं जैसे की।
- जरुरत से ज्यादा सोया प्रोटीन, कैप्सूल और पाउडर का सेवन करना।
- आयोडीन की कमी।
- अधिक धूम्रपान का सेवन करना।
- थायरॉइड को जेनेटिक भी कहा जाता हैं यदि परिवार में या इतिहास में यह बीमारी किसी को रही हो तो यह आगे परिवार में भी हो सकती हैं।
- विटामिन – ए की कमी होने के कारण भी थायरॉइड हो सकता हैं।
- वजन का अधिक बढ़ना भी थायरॉइड की ओर संकेत करता हैं।
- गलत खान – पान से भी यह बीमारी हो सकती हैं जैसे की अधिक तेल वाला खाना , जंक फ़ूड , मैदे से बने पदार्थ।
- गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलने के कारण ह्यपरथायरॉइडिज़्म थायरॉइड हो सकता हैं।
थायरॉइड के लक्षण क्या होते हैं ?
थायरॉइड में निम्न प्रकार के लक्षण एक साथ नज़र आने लगते हैं तथा यह ज्यादातर महिलाओं में नज़र आते हैं। थायरॉइड जैसी बीमारी के लक्षण सामान्य ही नज़र आते हैं इसलिए शरीर में आये परिवर्तन को गंभीरता से ही लेना चाहिए।
- जोड़ो में सूजन या दर्द होना।
- चेहरे पर सूजन।
- कब्ज़ , थकावट , तनाव जैसा महसूस होना।
- हृदय गति का कम होना।
- बालों का अधिक झड़ना तथा अधिक सफ़ेद होना।
- वजन का अधिक बढ़ना तथा अधिक कम होना दोनों ही थायरॉइड का कारण बन सकते हैं।
- तापमान में परिवर्तन ( अधिक पसीना आना )
- एक्सोफथाल्मोस (नेत्रगोलक का बाहर निकलना)
थायरॉइड का इलाज।
थायरॉइड को कम करने तथा ख़त्म करने के कई अन्य घरेलु इलाज होते हैं परन्तु इस थायरॉइड की बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए अन्य इलाज भी होते हैं थायरॉइड के इलाज चार प्रकार के होते हैं।
- एंटी- थायरॉइड गोलियाँ ( anti -thyroid tablets )
- लेवोथायरोक्सिन ( levothyroxine )
- रेडियोएक्टिव आयोडीन ( radioactive iodine )
- सर्जरी ( surgery )
थायरॉइड के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल। (best hospital for thyroid treatment in hindi)
यदि थायरॉइड का कराना चाहते हैं तो आप हमारे द्वारा बताए गए इनमें से कोई भी हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा सकते हैं।
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, सरिता विहार, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल, ओखला, दिल्ली
- नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, गुरुग्राम
- पारस अस्पताल, गुरुग्राम
- शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- मेट्रो अस्पताल, फरीदाबाद
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली, गाजियाबाद
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।
थायरॉइड में क्या खाएं ओर क्या न खाएं।
थायरॉइड की बीमारी में अगर सुधार करना हो तो इलाज के साथ साथ रोगी को अपने खान – पान पर भी ध्यान देना चाहिए। किन – किन चीज़ो का सेवन करे तथा किन- किन चीज़ो का सेवन न करे थायरॉइड को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता परन्तु इससे नियंत्रण में रखा जा सकता हैं जिसके लिए क्या करे किस तरह की चीज़ो का सेवन करें।
- खाना बनाने के लिए ऑलिव आयल यानि जैतून का तेल या नारियल के तेल का इस्तेमाल करें।
- जंक फ़ूड जैसे की – बर्गर , पिज़्ज़ा , अन्य चाट सॉफ्ट ड्रिंक आदि का सेवन कुछ समय तक बंद कर दे।
- पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्ज़ी , फल , जूस आदि का सेवन थायरॉइड वाले रोगी के लिए जरूरतमंद हो सकते हैं।
- थायरॉइड की समस्या में दूध का सेवन कम से कम करना चाहिए।
- मछली तथा मीट का सेवन अधिक करें।
- थायरॉइड के मरीज को सुबह के समय चाय का सेवन नहीं करना चाहिए यह उनके लिए अधिक हानिकारक हो सकता हैं।
थायरॉइड जैसी बीमारी मुख्य रूप से अस्वस्थ खान – पान के कारण होती हैं यदि किसी मनुष्य को थायरॉइड की बीमारी तो उसे खान – पान पर धयान देने के साथ – साथ डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिए ताकि वह मरीज के शरीर में हुए थायरॉइड की जाँच करे और उस बीमारी से लड़ने के लिए दवाइओं की सलाह दें। थायरॉइड एक ऐसी बीमारी हैं जिसकी जाँच रोगी को हर 6 महीने में करानी चाहिए तथा डॉक्टर से परामर्श होने चाहिए।
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