टाइफाइड वैक्सीन : टाइफाइड वैक्सीन किसे नहीं लेनी चाहिए

आज हम टाइफाइड वैक्सीन और टाइफाइड के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। यह एक गंभीर बीमारी है जो खराब स्वास्थ्य का कारण बनती है जो आपको बुरे स्तर पर अस्वस्थ बनाती है।

 

टाइफाइड क्या है ?

 

टाइफाइड बुखार एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है , जो आसानी से दूषित पानी और भोजन से फैलता है। तेज बुखार के साथ, यह पेट में दर्द, और भूख न लगना पैदा कर सकता है। इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह बैक्टीरिया साल्मोडनेला टायफी से होता है। ये बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खाद्य-पदार्थ के खाने-पीने से भी हो सकती है।

 

बैक्टीरिया साल्मोनेला टायफी इंसानों में ही पाया जाता है। टायफायड से ग्रसित व्यक्ति के रक्त और धमनियों में टायफायड बैक्टीरिया रहता है। साल्मोनेला टायफी बैक्‍टीरिया दूषित पानी से नहाने या पानी से खाद्य सामग्री धोकर खाने से फैल सकता है।

 

टाइफाइड के लक्षण

 

  • पेट में दर्द,
  • भूख कम लगना,
  • उल्टी महसूस होना,
  • संक्रमित बीमारियां होने का भी खतरा होता है,
  • जिन लोगो को टाइफाइड होता है उन्हें 102 डीग्री सेल्सियस बुखार होता है,

 

टाइफाइड वैक्सीन क्या है ?

 

ये  वैक्सीन टाइफाइड बुखार को रोकने में मदद करती  हैं।  टाइफाइड वैक्सीन कई प्रकार के  हैं – टाइफाइड संयुग्म वैक्सीन, Ty21a, और वी कैप्सुलर पॉलीसैकराइड वैक्सीन। अनुपचारित टाइफाइड संक्रमण से किडनी रोग , या आंतों से रक्तस्राव होता है, जो घातक हो सकता है। यदि संक्रमण आपके पित्ताशय की थैली में फैलता है, तो टाइफाइड का कारण बनता है।

 

ये दो प्रकार के होते है –

 

पहला है – Ty21a , इसे लाइव वैक्सीन कहते है , इसमें इस वैक्सीन को मुख के रस्ते से दिया जाता है।

 

दूसरा है – वी कैप्सुलर पॉलीसैकराइड वैक्सीन , इसे इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है।

 

टाइफाइड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

 

टाइफाइड वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स बहुत कम होते है और कुछ ही दिनों में ठीक भी हो जाते है. इस वैक्सीन को लेना सुरक्षित होता है , पर कभी-कभी यह वैक्सीन प्रतिक्रियाएं गंभीर भी हो सकती है।

  •  बुखार,
  • सिरदर्द,
  • त्वचा लाल चकत्ते (लालिमा),
  • दस्त, और पेट दर्द।

 

टाइफाइड वैक्सीन  के बाद सावधानी बरतें,

 

टायफायड वैक्सीन कैप्सूल लेने के 2 घंटे के भीतर शराब न पीने की कोशिश करें। शराब कैप्सूल को आसानी से नुकसान पहुंचा सकती है और वैक्सीन को अप्रभावी बना सकती है।

  • पालक या लेट्यूस जैसी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचें,
  • कच्चे फलों या सब्जियों को खाने से बचें,
  • केवल बोतलबंद पानी (कार्बोनेटेड) या ऐसा पानी पिएं जिसे कम से कम 1 मिनट तक उबाला गया हो।
  • इस वैक्सीन का उपयोग करने से पहले, अपने डॉक्टर को उन सभी अन्य टीकों के बारे में बताएं जो आपने हाल ही में लिया हो।

 

टाइफाइड वैक्सीन की अधिक मात्रा

 

 

अपने बच्चे को खुराक से ज्यादा का सेवन ना करवाएं। ज्यादा दवा के उपयोग से आपके बच्चे के लक्षणों में सुधार नहीं होगा, बल्कि इससे विषाक्तता या गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे ने टाइफाइड वैक्सीन की ज्यादा खुराक ले ली है तो कृपया अपने नजदीकी अस्पताल या नर्सिंग होम के आपातकालीन विभाग में जाएँ। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या दवा विक्रेता से परामर्श लें।

 

 

टाइफाइड वैक्सीन का रख- रखाव

 

 

  • दवाओं को गर्मी और सीधी रोशनी से दूर, कमरे के तापमान पर रखें। दवाओं को फ्रीज़ में ना रखें जब तक कि अंदर दिए गए पैकेज के अनुसार ऐसा करने का निर्देश ना दिया गया हो। दवाओं को छोटे बच्चों से दूर रखें।
  • दवाओं को शौचालय या नाली में ना बहाएं जब तक कि ऐसा करने के लिए निर्देशित नहीं किया है। इस प्रकार से फेंकी गयी दवाएं पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती हैं। टाइफाइड वैक्सीन को सुरक्षित रूप से समाप्त करने के बारे में और अधिक जानकारी पाने के लिए अपने दवा विक्रेता या डॉक्टर से परामर्श लें।

 

निष्कर्ष

 

 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि टाइफाइड एक हानिकारक बीमारी है जिसके कारण तेज बुखार, मतली उल्टी आदि होती है। ऊपर दिए गए लेख में हमने टाइफाइड और टाइफाइड के टीके के बारे में बात की है और यह लक्षण, प्रकार, कारण, जोखिम, रोकथाम और उपचार है। यदि आपको कभी भी उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी महसूस होने लगे तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। अपने डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चे को वैक्सीन की सही खुराक दिलवाएं जिससे उसका भविष्य सुरक्षित हो जाये।

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