महिलाओं में गंभीर रोग है यूटीआई, इसे न करें नजरअंदाज

आधुनिक जीवनशैली (lifestyle) के कारण महिलाओं के बीच यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (urinary tract infection) आम रोग बन चुका है जिसका सबसे बड़ा और सामान्य कारण है अस्वच्छ शैचालयों (Unhygienic Shibles) का इस्तेमाल करना। बात अगर नौकरी पेशा महिलाओं की जाए तो रोग हर दूसरी महिला को अपनी गिरफ्त (Jumping) में ले लेता है। यह रोग हालांकि बहुत खतरनाक नहीं है लेकिन अगर समय रहते ध्यान दिया जाए तो यह किडनी (Kidney) तक को प्रभावित कर सकता है। कुछ सावधानियां बरतकर यूटीआई से बचा जा सकता है। महिलाओं के बीच यूटीआई जिसे मूत्र मार्ग संक्रमण (Urinary tract infection)भी कहा जाता है, का सबसे सामान्य और प्रचलित कारण वेस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट हैं जहां इस संक्रमण (Infection) का जोखिम अधिक बढ़ जाता है। 15 से 40 की उम्र के बीच यह समस्या अधिक देखी जाती है।

 

गुरुग्राम स्थित नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार व निदेशक डॉ. विकास जैन (यूरोलॉजी व रीनल ट्रांसप्लांट) ने आईएएनएस को बताया, बुनियादी तौर पर यूटीआई की समस्या मूत्रत्याग के समय किसी भी प्रकार की बाधा के कारण होती है। लेकिन शौचालय का इस्तेमाल करते वक्त स्वच्छता का ध्यान ना रखना इस संक्रमण का आम कारण है। यूटीआई का एक कारण गर्मियों में दूषित पानी का सेवन और निर्जलीकरण (Dehydration) और नियंत्रित मधुमेह (diabetes) भी यूटीआई को बुलावा दे सकता है।

 

संक्रमण से बचाव पर बात करते हुए विकास ने बताया, हमेशा स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करना चाहिए, स्वच्छता किसी भी रोग से बचने का सबसे बड़ा उपाय है। चूंकि यह रोग पुरुष व महिला दोनों को प्रभावित करता है इसलिए सुरक्षित यौन संबंध (Sexual relationship) इससे बचने का एक तरीका हो सकता है। अगर किसी को यूटीआई हो गया तो तुरंत चिकित्सक (doctor) से संपर्क करना चाहिए क्योंकि समय रहते इलाज न होने पर यह गंभीर रोगों को दावत दे सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, गंदे शौचालयों या शौचालयों की कमी जैसे कारणों के साथ भारत में लगभग 50 फीसदी महिलाएं यूटीआई से पीड़ित हैं।

 

नई दिल्ली के श्रीबालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के यूरोलॉजिस्ट डॉ. अतुल गोस्वामी बताते हैं, पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस रोग से अधिक प्रभावित होती हैं। खासतौर पर युवा महिलाओं में यूटीआई की शिकायत बहुत आम है। यह रोग किडनी पर भी दुष्प्रभाव डाल सकता है। ऐसा देखा गया है कि पुरुषों में 45 की उम्र के बाद यह परेशानी शुरू होती है और ज्यादा उम्र के पुरुषों को यह बीमारी प्रोस्टेट ग्रंथि (prostate gland) के बड़ा होने, मधुमेह, एचआईवी या फिर यूरिनरी ट्रैक्ट में स्टोन होने के कारण होती है। चूंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यूरेथ्रा (Urethra) छोटा होता है, इसलिए बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लाडर (Bacterial urinary bladder) को जल्दी प्रभावित करते हैं।

 

वह कहते हैं, इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। काम पानी पीने से न केवल डिहाइड्रेशन (Dehydration) होता है बल्कि आप यूटीआई से भी पीड़ित हो सकते हैं। सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग न करना ही बेहतर है। टॉयलेट आने पर उसे अधिक समय रोके नहीं चाहिए। गर्मियों में खासतौर पर चुस्त कपड़े नहीं पहनने चाहिए। विटामिन-सी युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।

 

देश में ऑनलाइन चिकित्सीय सेवा (Online medical service) उपलब्ध कराने वाली शीर्ष संस्था हेल्दियंस की हेड क्वालिटी विभाग से डॉ. मंजुला सरदार ने बताया, प्रत्येक पांच महिलाओं में से एक महिला को अपने जीवन में कम से कम एक बार यूटीआई की समस्या से गुजरना पड़ता है। सार्वजनिक शौचालय का उपयोग संक्रमण के फैलाव के प्रमुख कारणों में से एक है। नौकरी पेशा के लिए सार्वजनिक शौचालयों से परेहज करना मुश्किल है ऐसी स्थिति में सबसे साधारण और जरूरी उपाय है कि महिलाओं को शौचालय उपयोग करने से पहले और बाद में शौचालय को फ्लश और शौचालय की सीट पर पानी डालकर सूख नैपकिन (Napkin)से साफ कर लेना चाहिए। इसके अलावा बहुत सारा पानी और संतुलित आहार (balanced diet) हर तरह के रोग से बचाव का कारगर तरीका है।


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