“विटामिन-ई” के लाभ, क्या है इसकी कमी के लक्षण ?

इंसान के शरीर को दौड़-भाग करने के लिए विटामिन की जरुरत होती है, जो उसे कई अन्य चीजो के खाने पर मिलती है तो आज हम बात करेंगे “विटामिन-ई” की। क्या है इसके लाभ और ये किन चीजों में पाया जाता है। विटामिन-ई कई फलों, तेलों और ड्राय फ्रूट्स में पाया जाता है, आपको बता दें की यह सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी बेहद लाभदायक होता है। खासतौर पर विटामिन-ई सोयाबीन, जैतून, तिल के तेल, सूरजमुखी, पालक, ऐलोवेरा, शतावरी, ऐवोकेडो के अलावा कई चीजों में वि‍टामिन-ई की मात्रा मौजूद होती है। लोग अपने बालों और त्वचा की चमक को बरकरार रखने के लिए तमाम प्रयास करते हैं। इसके बाद भी कुछ खास असर नहीं दिखता है। फिर लोग तरह- तरह के नुस्खे भी अपनाते है उनसे भी फायदा नहीं होता है।

विटामिन-ई क्या है ?

विटामिन-ई वसा में घुलनशील विटामिन है और इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते है जो आपकी त्वचा को नुकसान होने से भी बचाते है। विटामिन-ई में आठ विभिन्न यौगिक मौजूद होते है, ये त्वचा के लचीलेपन को बनाए रखती है।

किन चीजों में पाया जाता है विटामिन-ई

 

जैसे अंडे, सूखे मेवे, बादाम और अखरोट, सूरजमुखी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, शकरकंद, सरसों, शलजम, एवोकाडो, ब्रोकली, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न। वैसे आज कल तो विटामिन-ई की कैप्सूल्स भी आने लगी है तो लोग उनका भी सेवन करते है।

क्या है विटामिन-ई के लाभ ?

बेहतरीन क्लिंजर – विटामिन-ई का उपयोग ज्यादातर  सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। यही वजह है, कि यह एक बेहतरीन क्लिंजर है, जो आपकी त्वचा की सभी परतों पर जमी गंदगी और मृत कोशिकाओं की सफाई करने में सहायक होता है।
आरबीसी निर्माण-  इंसान के शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स यानि लाल रक्‍त कोशिकाओं को भी बनाने में विटामिन-ई मदद करता है। महिलाओं की प्रेग्‍नेंसी के दौरान विटामिन- ई का सेवन बच्‍चे को एनीमिया यानि खून की कमी से बचाता है।
मानसिक रोग – दरअसल विटामिन-ई पर एक शोध किया गया जिसमें ये देखा गया है की शरीर में विटामिन-ई की कमी से मानसिक रोग होने की संभावना बढ़ जाती हैं। विटामिन-ई की पर्याप्‍त मात्रा लेने से मानसिक तनाव और अन्य समस्‍याओं को कम करने में मदद मिलती है।
हृदय रोग –  एक शोध में ये भी पाया गया है की जिन लोगों के शरीर में विटामिन-ई की मात्रा ज्यादा होती है, उन्हें दिल की बीमारिया होने का खतरा कम होता है
 
त्वचा में नमी – विटामिन-ई आपकी त्वचा में प्राकृतिक नमी बनाए रखता है और यह बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह त्वचा में कोशिकाओं के नवनिर्माण में भी सहायता करता है।
याददाश्तअच्छी रखता है – विटामिन-ई खाने से इंसान की याददाश्त भी अच्छी रहती है जिन लोगो को भूलने की आदत होती है उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
कितनी मात्रा में ले विटामिन-ई 

आपको शरीर को प्रतिदिन कितने मात्रा में विटामिन ई की आवश्यकता होती है यह आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करता
है। तो आइये जानते है की आपके शरीर के लिए कितना मात्रा में विटामिन-ई लेना आवश्यक होती है।

 

  • यदि ये नवजात शिशु को दिया जाए तो इसकी मात्रा 4 मिलिग्राम होनी चाहिए

 

  • नवजात शिशु 7 से 12 माह का है तो उसे : 5 मिलिग्राम तक देना चाहिए

 

  • यदि बच्चे की उम्र 1 से 3 वर्ष है तो उसे 6 मिलिग्राम तक देना चाहिए

 

  • बच्चे की उम्र 4 से 8 वर्ष है तो उसे 7 मिलिग्राम तक देना चाहिए

 

  • बच्चे की उम्र 9 से 13 वर्ष है तो उसे 11 मिलिग्राम तक देना चाहिए

 

  • यदि बचे की उम्र 14 वर्ष या उसे अधिक है तो उसे 15 मिलिग्राम तक देना चाहिए

 

  • वही स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 17 मिलिग्राम तक देना चाहिए

 

विटामिन-ई की कमी से शरीर में होने वाली बीमारी 

 

  • इंसानी शरीर के अंगों का पूरी तरह से कार्य न कर पाना।
  •  मांसपेशियों में अचानक से कमजोरी आ जाना।
  • आंखों की मूवमेंट में असामान्य स्थिति पैदा हो जाना।
  • आँखों का कमजोर होना, दिखने में झिलमिलाहट महसूस होना।
  • चलते समय पैरो का लड़खड़ाना, पूरे शरीर में कमजोरी महसूस होना।

 

इंसान के शरीर में किसी भी विटामिन की कमी उसके शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। तो ध्यान रहे की अपने शरीर को पाष्टिक आहार दें, जिससे आपको किसी भी तरह की समस्या न हो।


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