क्या आपको पता है कि ये योग रोक सकता है, अस्‍थमा और कैंसर जैसी बीमारियां

योग सही तरह से जीने का विज्ञान है, और इसलिए हमें अपने दैनिक जीवन में इसे शामिल करना चाहिए | कोई भी व्यक्ति जो बिमारी से ग्रसित है, वो बिमारी से निपटने के लिए अनेक नुस्खे अपनाते है, लेकिन एक सरल उपाय करना हमेशा भूल जाते है – वो उपाए है योग | योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है |

 

योग अस्थमा, कैंसर, गठिया, मधुमेह रक्तचाप, पाचन विकार और अन्य कई बीमारियों को ठीक करता है | योग करने से हमें बिमारी नहीं होती है | और हम स्वस्थ रहते है |

 

हमारे पूर्वजों को कैंसर, अस्थमा जैसे रोग नहीं होते थे, क्योंकि वो रोजाना योगासन करते थे | योगासन कैंसर और अस्थमा जैसे रोगों को भगाने में कारगर है जिसे विज्ञान भी धीरे धीरे मानने लगा है |

 

अस्‍थमा और कैंसर बीमारियां के लिए योग

 

कैट स्ट्रेच :

 

इसे कैट स्ट्रेच इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें आपकी आकृति बिल्ली के सामान हो जाती है | इसे करने के लिए सबसे पहले आपको चार पैरो में आना होगा मतलब अपने शरीर को अपने दोनों हाथो की हथेलियों और घुटनों के बल खड़ा करना होगा | जैसे बिल्ली खड़ी रहती है और चलती है | इस स्थिति में आने के बाद अपनी गर्दन को आसमान की तरफ करे और फिर नीचे झुकाए और ऐसा लगातार कुछ देर तक दोहराएँ | ऐसा करने से गले के कैंसर से मुक्ति मिलती है और गर्दन सम्बन्धी कोई बिमारी नहीं होती |

 

बंधाकोण आसन :

 

इसे तितली आसन या बटरफ्लाई पोज़ भी कहा जाता है, क्योकि इसमें आपकी आकृति तितली के सामान हो जाती है | इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाइए और दोनों पैरो के घुटनों को मोड़ते हुए अपने दोनों तलवों को पास में मिला ले और उन्हें हाथो से पकड ले | अब आपकी आकृति तितली के सामान बन जायेगी और आप फैले हुए दोनों पैरो को एक साथ हलके हलके ऊपर नीचे लगातार करे | ऐसा करने से आपको कैंसर से निजात मिलेगी और यह ख़ास मूत्र मार्ग या किडनी में हुए कैंसर के लिए बहुत फायदेमंद है |

 

भारद्वाज आसन :

 

यह आसन मुख्य रूप से ओवेरी में होने वाले कैंसर से मुक्ति दिलाता है | सबसे पहले आप घुटनों के बल सीधे बैठ जाएं | इसके बाद अपने हिप्स को अपने पंजों पर रखने के बजाय जमीन पर रखें, जिससे दोनों पैर अपने आप किनारे हो जाएंगे | पहले बाईं हाथ को दाएं घुटने पर रखें और दाएं हांथ को पीछे से बाईं कोहनी को पकड़ें तथा शरीर को बाईं ओर मोड़ें | और इसके साथ ही अपनी गर्दन को दाईं ओर मोड़ें , कुछ सेकंड बाद सीधे हो जाएं | एक समय पर आप 30 सेकंड से 1 मिनट तक स्ट्रेच कर सकते हैं |

 

अगर आपको अस्थमा की शिकायत है तो रोजाना ये योग करे :

 

पवनमुक्तासन :

 

अस्थमा के रोगियों के लिए यह योगासन अच्छा है, क्योंकि यह पाचन में और गैस से भी छुटकारा दिलाता है।

 

भुजंगासन :

 

कोबरा मुद्रा छाती का विस्तार करती है, रक्त परिसंचरण में सुधार करती है और अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है।

 

श्वासन :

 

श्वासन में कुछ मिनट लेटकर अपना योग अभ्यास समाप्त करें। यह मुद्रा शरीर को ध्यान अवस्था में लाती है, आप को पुनर्जीवित करती है और चिंता और मानसिक दबाव को कम करने में भी मदद करती है। एक शांत और तनावमुक्त शरीर और मानसिकता अस्थमा से निपटने का सही तरीका है।

 

सेतुबंधासन :

 

सेतुमुद्रा छाती और फेफड़ों को खोलता है, और थायरॉयड की समस्या को कम करता है। यह भी पाचन में सुधार लाता है, और अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

15-20 मिनट के लिए इन आसनों का रोज अभ्यास करे, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों को काफी कम करेगा और आपको इससे छुटकारा पाने में भी मदद मिलेगी। इससे आपके मन को शांत करने में मदद मिलेगी। योग अभ्यास शरीर और मन को विकसित करने में मदद करता है जिससे बहुत से स्वास्थ्य
में लाभ मिलता हैं, फिर भी यह दवा का विकल्प नहीं है। योग आसनों को सीखें और उनका अभ्यास करें। यह बहुत महत्वपूर्ण है |

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