रजोनिवृत्ति के बाद महिला का स्वास्थ्य कैसा रहता है ?

 

रजोनिवृत्ति जिसे हम मेनोपॉज भी कहते है। आपको इसका मतलब समझते है दरअसल मेनो मतलब होता है महीना और पॉज का मतलब होता है ठहर जाना। ऐसी बहुत सी महिलाएं है जिनके मन इसको लेकर तरह तरह के भ्रम होते है। आपको  आपको बता दें की इसका सीधा असर आपके स्वास्थ पर पड़ता है। अगर हम अधेड़ावस्था  की बात करें तो औसतन 45-50 वर्ष के अन्तराल में स्त्रियों को मेनोपाज हो जाता है।आपको बता दें की रजोनिवृत्ति का समय स्त्री के लिए झेलना बहुत मुश्किल होता है।

 

इसकी वजह से उन्हें मासिक धर्म में भी अनियमितता आने लगती है। दरअसल इसके कारण उन्हें दो-दो महीने तक मासिक धर्म नहीं होता। कभी ब्लीडिंग बहुत होने लगती है। जिसकी वजह से उन्हें बहुत ज्यादा कमजोरी होने लगती है

 

 

रजोनिवृत्ति के बाद महिला के स्वास्थ्य में होते है ये बदलाव

 

 

  • जिन महिलाओं को रजोनिवृत्ति होता है उनका स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं, इसकी वजह से महिला में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के परिवर्तन आने लगते हैं। जबकि कई बार ये समस्याएं उनके लिए बहुत कष्टदायक होती हैं।

 

  • रजोनिवृत्ति होने पर उन महिलाओं को सुस्ती आना, नींद न आना, शरीर में शिथिलता रहना शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द रहना, मोटापा बढ़ना इत्यादि समस्याएं भी होने लगती हैं।

 

  • जिन महिलाओं को मासिक धर्म आना बंद हो जाता है तो ये भी रजोनिवृत्ति के लक्षण होते है जुरूरी नहीं है की ये लक्षण सभी महिलाओं में हो। हर महिला में इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं। किसी में अचानक मासिक धर्म आना बंद हो जाता है या धीरे-धीरे कम होता जाता है।

 

  • जो महिलाए स्वस्थ रहती है उसके बावजूद उन्हें मीनोपोज होता है, यानी प्रतिमाह के रक्त स्राव में कमी होते जाना और एक दिन पूरी तरह से बंद हो जाना।

 

  • जो महिलाएं अस्वस्थ हो या फिर जिनकी माहवारी अनियमित हो, प्रसवकाल के समय उचित देखभाल न की गई हो, उन महिलाओं को माहवारी बंद होते समय कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।

 

  • लेकिन महिलाओं में मेनोपाज देरी से होता है जीके पीछे के कारण हैं जैसे- गर्भाशय में सूजन, गांठ होना, कैंसर होना या उसका खतरा होना आदि।

 

  • रजोनिवृत्ति होने पर  55.1 वर्ष की आयु के बाद वाली महिला को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। आपके शरीर में एस्ट्रोजन का निम्न स्तर मस्तिष्क की ओर जाने वाली धमनी पर कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करने लगता है जिसकी वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ा जाता है।

क्या है रोजनिवृत के लक्षण

 

 

  • बहुत ज्यादा पसीना आना : ऐसे समय में उन महिलाओ कोबहुत ज्यादा पसीना आने लगता है फिर चाहे वो शारीरिक श्रम करें या ना करें।

 

  • अचानक घबराहट होना : बिना किसी बात के उन्हें बहुत घबराहट होने लगती है और वह किसी भी बात को लेकर बहुत ज्यादा सोच में पड़ जाती है।

 

 

  • स्वभाव चिड़चिड़ा होना : इस समस्या के चलते उन्हें उनके स्वभाव में भी बदलवा होने लगता हैऔर वह किसी भी बात का जवाब ठीक से नहीं देती है।

 

  • शरीर में कमजोरी होना : इसकी वजह से उनका कुछ भी खाने का मन नहीं करता है। जिसके कारण उनके शरीर में कमजोरी रहने लगती है।

 

  • पेट से संबंधित समस्या होना : इसकी वजह से पेट से जुड़ी समस्या भी होने लगती है या तो उन्हें कब्ज होती है या दस्त।

 

  • पाचनशक्ति कमजोर हो जाना : इसका सीधा असर उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है। जिसकी वजह से आप कुछ भी खाने का मन नहीं होगा।

 

  • जी मिचलाना और उल्टियां आना : ऐसे समय में कुछ महिलाओं का जी मिचलने लगता है तो कुछ को उल्टी आने लगती है।

 

  • डिप्रेशन : इसकी वजह से बहुत सी महिलाएं डिप्रेशन का शिकार होने लगती है और इसकी वजह से कई अन्य बीमारिया भी हो सकती है।

 

 

रोजनिवृत से बचाव

 

 

  • यदि आप रोजनिवृत से बचना चाहते है तो धूम्रपान बिल्कुल न करें, इसकी समस्या ज्यादातर धूम्रपान की वजह से होती है। इससे महिला के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित होने लगते है। धूम्रपान को छोड़ना काफी हद तक समय से पहले रजोनिवृत्ति के जोखिम को कम कर सकता हैं। इसके अलावा धूम्रपान रजोनिवृत्ति के साथ जुड़े लक्षणों को बिगाड़ सकता है।

 

  • मोनोपॉज से बचने के लिए आपको सभी प्रकार के अनाज का सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे आपका पूरा शरीर स्वस्थ रेहगा। दरअसल रजोनिवृत्ति एस्ट्रोजेन के स्तर में गिरावट के कारण होती है। इससे आपके शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बनाए रखता है और रजोनिवृति को दूर करता है।

 

  • अपने आहार में विटामिन, खनिज, फाइबर और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों को बढ़ा दें। लेकिन वृद्ध महिलाओं को आमतौर पर ऊर्जा के लिए कम कैलोरी की आवश्यकता होती है। अपनी उम्र, वजन और हाइट के मुताबिक आपको कितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है।

 

  • यदि आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते है, तो रोजाना व्यायाम जरूर करें। यदि आप सप्ताह में कम से कम 2 घंटे व्यायाम करें तो आप खुद को स्वस्थ रख सकते है और इस समस्या से बच सकते है, इससे आपकी मांसपेशियों भी मजबूत रहेंगी।

 

  • रोजनिवृति होने पर आपको यदि मधुमेह या हृदय रोग जैसी समस्या है तो आपको नियमित रूप से इसकी जाँच करानी चाहिए। ताकि इसके जोखिम से बचा जा सके और अपने खून की भी जाँच करवाते रहना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए


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